संघ का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाकर बीते दिनों केंद्र और बिहार में सत्तारूढ़ राजग सरकार से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अलग हो गए थे.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि मोदी सरकार ओबीसी समुदाय के हितों की अनदेखी कर रही है और देश के शिक्षण संस्थानों में संघ के लोगों की भर्ती की जा रही है. कुशवाहा लंबे समय से सीट बंटवारे को लेकर नाराज़ चल रहे थे.
पूर्व सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्रीय सूचना आयोग को सरकार द्वारा उसके ख़िलाफ़ दायर मुक़दमों के ख़तरे का सामना करना पड़ रहा है.
अर्थशास्त्र का नियम है कि ज़्यादा निवेश, बढ़ी हुई जीडीपी का कारण बनता है, ऐसे में निवेश-जीडीपी अनुपात में कमी आने के बावजूद जीडीपी में बढ़ोतरी कैसे हो सकती है?
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर की जा रही बातों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि रालोसपा अपमानित महसूस कर रही है.
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर को पत्र लिखकर कहा कि आरबीआई द्वारा जानबूझकर कर्ज़ न चुकाने वाले लोगों की जानकारी नहीं देने पर केंद्रीय सूचना आयोग को सख़्त कदम उठाना चाहिए.
सीआईसी ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि पीएमओ जानकारी देने से मना कर रहा है. उनका नैतिक, संवैधानिक और राजनीतिक कर्तव्य है कि वो भारत के नागरिकों को बड़े बैंक डिफॉल्टर्स और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दे.
विशेष रिपोर्ट: सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल पहले दिसंबर 2015 में आरबीआई की सभी दलीलों को ख़ारिज करते हुए अपने फैसले में कहा था कि आरबीआई देश के शीर्ष 100 डिफॉल्टरों के बारे में जानकारी दे और इससे संबंधित सूचना वेबसाइट पर अपलोड करे.
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक का ऋण लेने और जानबूझकर उसे नहीं चुकाने वालों के नाम के संबंध में सूचना नहीं उपलब्ध कराने को लेकर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को कारण बताओ नोटिस भेजा है.
द वायर एक्सक्लूसिव: एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने बताया कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वित्त मंत्रालय को एनपीए घोटालेबाज़ों की सूची भेजी थी. सूची के संबंध में हुई कार्रवाई पर जानकारी देने से केंद्र सरकार का इनकार.
भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्ययक्षता वाली प्राक्कलन समिति को भेजे अपने नोट में रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि उन्होंने पीएमओ को एनपीए के फ़र्ज़ीवाड़े के बड़े मामलों की एक सूची भेजी थी, ताकि उनकी गंभीरतापूर्वक जांच की जा सके.
अब यह देखा जाना बाक़ी है कि क्या मोदी सरकार इन बड़े कॉरपोरेट घरानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में सफल हो पाती है, जो आने वाले आम चुनावों में अज्ञात चुनावी बॉन्डों के सबसे बड़े ख़रीदार हो सकते हैं.
विजय माल्या ने हर दल की मदद से खुद को राज्यसभा में पहुंचाकर भारत की संसदीय परंपरा को उपकृत किया. मैं माल्या के इस योगदान का सम्मान करता हूं. इस मामले में प्रो-माल्या हूं. क्या माल्या बहुत बड़े राजनीतिक विचारक थे? जिन-जिन लोगों ने उन्हें संसद में पहुंचाया वो सामने आकर बोले तों. वन सेंटेंस में!
अगर यह राजनीतिक विवाद किसी भी तरह से आर्थिक अपराध का है तो दस लाख करोड़ रुपये लेकर फरार अपराधियों के नाम लिए जाने चाहिए. किसके राज मे लोन दिया गया यह विवाद है, किसे लोन दिया गया इसका नाम ही नहीं है.
कुछ अमीर उद्योगपति और अमीर होते रहें, जनता हिंदू-मुस्लिम करती रहे, इसलिए कांग्रेस भी नहीं बताती है कि वह जब सत्ता में आएगी तो उसकी अलग आर्थिक नीति क्या होगी. भाजपा भी यह सब नहीं करती है जबकि वह सत्ता में है.