जीएसटी क्षतिपूर्ति: 21 राज्यों ने 97,000 करोड़ रुपये के उधार के प्रस्ताव का समर्थन किया

ये राज्य मुख्य रूप से भाजपा शासित और उन दलों की सरकार वाले हैं, जो केंद्र की नीतियों का समर्थन करते रहे हैं. चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी संग्रह में 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का अनुमान है. केंद्र ने क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे. इसके तहत 97,000 करोड़ रुपये रिज़र्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विशेष सुविधा से या पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये बाज़ार से उधार लेने का विकल्प

रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई जाने वाली समितियां उनके उद्देश्य में सफल होती क्यों नहीं दिखतीं?

पिछले कई दशकों में रक्षा मंत्रालय ने कई सारे पैनल, समितियों, कार्यसमूहों और टास्क फोर्सों का गठन किया है, लेकिन कुछ को छोड़कर अधिकतर समितियों के सुझावों या सिफ़ारिशों का नाममात्र या कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर केंद्र के विकल्पों को राज्यों ने ठुकराया, कहा- सरकार ख़ुद उधार ले

पिछले हफ्ते जीएसटी परिषद की बैठक के दो दिन बाद केंद्र सरकार ने 2.3 लाख करोड़ रुपये के मुआवज़े की कमी उधार लेकर पूरा करने के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे. आठ ग़ैर- भाजपा शासित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इस संबंध में पांच मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखा है.

‘एक्ट ऑफ गॉड’ का दावा कर वित्त मंत्री ने कहा, इस वित्त वर्ष अर्थव्यवस्था में हो सकता है संकुचन

जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. उन्होंने इसकी भरपाई के लिए राज्यों को दो विकल्प सुझाए हैं.

लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के नरेंद्र मोदी के दावे में दम नहीं है

अगले छह महीनों में विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था में अधिक तेज़ी से होने वाले जिस सुधार को लेकर प्रधानमंत्री इतने आश्वस्त हैं, वह भारी-भरकम सरकारी ख़र्च के बिना असंभव लगता है. अर्थव्यवस्था को इतना नुकसान पहुंचाया जा चुका है कि सुधार की कोई कार्य योजना पेश करने से पहले गंभीरता से इसका अध्ययन करना ज़रूरी है.

तीन में से एक छोटा उद्योग बंद होने की कगार पर: सर्वे

ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा कराया गया ये सर्वे एमएसएमई, स्व-रोजगार, कॉरपोरेट सीईओ और कर्मचारियों से प्राप्त कुल 46,525 जवाबों पर आधारित है.

एमएसएमई क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा दिया जा रहा गारंटी फ्री लोन समस्या का समाधान नहीं है

सूक्ष्म,लघु और मध्यम उपक्रम यानी एमएसएमई क्षेत्र के लिए सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये के गारंटी फ्री लोन का ऐलान किया है. उम्मीद की जा रही है कि यह बेरोज़गारी के संकट को ख़त्म करने में मददगार साबित होगा और बाज़ार में मांग पैदा करेगा, लेकिन इस क्षेत्र के हालात ऐसे नहीं है कि सिर्फ एक लोन पैकेज से तस्वीर बदल जाए.

केंद्र सरकार ने लोकतांत्रिक होने का दिखावा करना भी छोड़ दिया है : सोनिया गांधी

कोविड-19 संकट के मद्देनज़र कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मौजूदा सरकार के पास कोई समाधान नहीं होना चिंता की बात है, लेकिन उनके मन में ग़रीबों और कमज़ोर वर्गों के प्रति करुणा न होना हृदयविदारक है.

मज़दूरों से मिले राहुल गांधी ​तो क्यों भड़कीं निर्मला सीतारमण?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रवासी मज़दूरों से बीते दिनों मुलाकात की थी. राहुल गांधी के इस क़दम को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें ड्रामेबाज़ बताया था. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

बचत खातों में न्यूनतम राशि से छूट, किसी भी एटीएम से पैसा निकालने पर नहीं लगेगा शुल्क

कोरोना वायरस को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंक समेत सभी बैंक अगले तीन महीने तक खाते में न्यूनतम राशि रखने और अन्य बैंक के ग्राहकों द्वारा एटीएम से पैसा निकालने पर लगने वाले शुल्क से छूट देंगे.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य ने कहा- बजट में दूरदर्शिता का अभाव

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की अंशकालिक सदस्य आशिमा गोयल ने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट रिसर्च में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के करीब तीन घंटे के भाषण में आर्थिक नरमी का एक बार भी जिक्र नहीं होना हैरान करने वाली बात है.

आरबीआई और एलआईसी के बूते कब तक आर्थिक संकट से निपटेगी सरकार?

पिछले साल सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक से 1.76 लाख करोड़ रुपये लेने का फ़ैसला किया. इस साल यह एलआईसी से 50,000 करोड़ से ज्यादा ले सकती है. बीपीसीएल, कॉन्कोर जैसे कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को पूरी तरह से बेचा जा सकता है.

सरकार के बजट को लोग जनविराधी क्यों बता रहे हैं?

वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर बजट को जनविरोधी बताते हुए कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की सृष्टि श्रीवास्तव से बातचीत.

सरकार की दीर्घकाल में सभी आयकर छूट समाप्त करने की योजना: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.

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