नरेंद्र मोदी का यह दावा ग़लत है कि चुनावी बॉन्ड से उन्होंने राजनीतिक फंडिंग के स्रोत उजागर किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि उनके द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना के कारण ही राजनीतिक चंदे के स्रोतों के नाम सामने आए हैं. हालांकि, हक़ीक़त यह है कि मोदी सरकार ने चंदादाताओं के नाम छिपाने के लिए हरसंभव कोशिश की थी.

बैंकों ने 5 सालों में 10.6 लाख करोड़ के क़र्ज़ बट्टे खाते में डाले, अधिकांश बड़े कारोबारी घरानों के: केंद्र

वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में बताया है कि क़रीब 2,300 लोन लेने वालों ने जानबूझकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया, जिनमें से प्रत्येक के पास 5 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज़ है.

मार्च 2019 के बाद से विलफुल डिफॉल्टर्स के बकाया क़र्ज़ में सौ करोड़ रुपये रोज़ाना की वृद्धि: रिपोर्ट

जानबूझकर कर्ज़ ने चुकाने के मामले में मार्च 2019 के बाद से प्रति दिन सौ करोड़ रुपये की भारी वृद्धि जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए उस दावे को पूरी तरह खारिज़ करती है, जहां उन्होंने कहा था यूपीए सरकार ने 'घोटालों' से बैंकिंग क्षेत्र को 'बर्बाद' कर दिया और उनकी सरकार ने इसके 'अच्छे वित्तीय स्वास्थ्य' को बहाल किया.

पीएम मोदी ने पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की तुलना ‘धन पर बैठे सांप’ से की थी: पूर्व सचिव

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने अपनी किताब में बताया है कि अर्थव्यवस्था की समीक्षा पर हुई एक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपा खोकर पटेल पर भड़क उठे थे, क्योंकि पटेल आरबीआई के संचित रिज़र्व का इस्तेमाल करने के ख़िलाफ़ थे.

वित्त वर्ष 2014-15 से बैंकों ने 14.56 लाख करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले: केंद्र

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में बताया है कि बट्टे खाते में डाले गए कुल 14,56,226 करोड़ रुपये के ऋणों में से बड़े उद्योगों और सेवाओं के बट्टे खाते में डाले गए ऋण 7,40,968 करोड़ रुपये के थे.

केंद्र पहले बताए कि 2000 रुपये के नोट क्यों लाए गए थे: दिग्विजय सिंह

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बीते 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी. बैंक ने जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया है कि या तो नोटों को अपने बैंक खातों में जमा करें या उन्हें बैंकों में बदल दें.

2,000 रुपये के नोट वापस लेने पर कांग्रेस ने श्वेत-पत्र लाने की मांग की

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 31 मार्च 2023 तक कुल 181 करोड़ 2,000 रुपये के नोट चलन में थे, जो 3.62 लाख करोड़ रुपये होते हैं. इसका अधिकांश हिस्सा काला धन रखने वालों के पास है. बिना आईडी या फॉर्म के नोट बदलने का कहकर मोदी सरकार द्वारा काला धन रखने वालों का शाही स्वागत किया जा रहा है.

पीएम के पूर्व सचिव बोले- मोदी 2,000 का नोट लाने के ख़िलाफ़ थे, विपक्ष ने ‘डैमेज कंट्रोल’ बताया

भारतीय रिजर्व बैंक के 2,000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा को काले धन और जमाखोरी पर प्रहार बताने के भाजपा नेताओं के दावे पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि बैंक में बिना आईडी प्रूफ के उक्त नोट बदले जाने पर जो भी 'काले धन' की जमाखोरी कर रहा है, वह रडार पर आए बिना उन्हें बदल सकता है.

नोटबंदी: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से व्यक्तिगत शिकायतों पर 3 महीने के भीतर विचार करने को कहा

कुछ लोगों ने व्यक्तिगत याचिकाओं के ज़रिये सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनके पास मौजूद 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बदलने का आदेश दिया जाए. अदालत ने इस पर कहा कि चूंकि वह जनवरी में मामले में फैसला सुना चुकी है, इसलिए अब याचिकाकर्ता केंद्र सरकार के समक्ष अपना अभ्यावेदन पेश करें.

2016 में नोटबंदी के बाद से चलन में मुद्रा 83 फीसदी बढ़ी

2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के पीछे उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना, जाली नोटों पर लगाम लगाना और काले धन को रोकना था. हालांकि, आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि नोटबंदी से पहले चलन में मुद्रा या नोट 17.74 लाख करोड़ रुपये थे, जो 23 दिसंबर 2022 को बढ़कर 32.42 लाख करोड़ रुपये हो गए.

विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाया, आरबीआई ने रेपो दर 0.5% बढ़ाई

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बताया कि बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया गया है. केंद्रीय बैंक के इस क़दम से ऋण महंगा होगा और क़र्ज़ की मासिक किस्त यानी ईएमआई बढ़ेगी.

भारत की आर्थिक वृद्धि दर में सुस्ती, प्रति व्यक्ति आय कोविड पूर्व समय की तुलना में नीचे आई

एनएसओ के अनुसार, जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर साल-दर-साल धीमी होकर 4.1% हो गई. यह एक साल में इसकी सबसे धीमी गति है. वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.71 प्रतिशत रहा है जो संशोधित बजट अनुमान से कम है.

खाद्य वस्तुएं महंगी होने से खुदरा मुद्रास्फीति 6.95 प्रतिशत पर, 17 माह में सबसे अधिक

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया हुआ है, लेकिन यह लगातार तीसरा महीना है जब यह छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. 

आईडीबीआई बैंक बेचने को तैयार सरकार, अपने पास रखेगी कुछ हिस्सेदारी: शीर्ष अधिकारी

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने मार्च के अंत तक आईडीबीआई बैंक बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट लेकर आने की बात कही है. साथ ही, उन्होंने बीपीसीएल को बेचे जाने के संकेत भी दिए हैं.

वित्त वर्ष 2018-19 के नौ महीनों में एसबीआई में लगभग आठ हज़ार करोड़ की बैंकिंग धोखाधड़ी: आरटीआई

अप्रैल-दिसंबर 2018 के दौरान बैंकिंग धोखाधड़ी के शिकार होने वाले लोगों की संख्या और उन्हें हुए नुक़सान की जानकारी मांगे जाने पर भारतीय स्टेट बैंक ने कहा कि क़ानूनी प्रावधानों के मुताबिक उसे इस विषय में मांगी गई सूचना न देने का अधिकार प्राप्त है.