सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए यह फ़ैसला दिया है. मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए कहा था कि इस एक्ट में मामला दर्ज होने पर फौरन गिरफ़्तारी नहीं होगी और प्रारंभिक जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला एक मई को सुरक्षित रखते हुए टिप्पणी की थी कि देश में कानून जातिविहीन और एकसमान होने चाहिए.
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) कानून में संसद के मानसून सत्र में संशोधन करके इसकी पहले की स्थिति बहाल की गई है. इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
रांची में एक कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सवाल उठाया कि क्या शिक्षा और नौकरियों में हमेशा के लिए आरक्षण दे देने से देश में समृद्धि आ जाएगी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस एक्ट के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में सतना में उन्हें काले झंडे दिखाए गए थे. वहीं उज्जैन के पास महिदपुर में मुख्यमंत्री के काफिले पर पथराव किया गया था.
अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम को लेकर सुमित्रा महाजन निजी तौर पर कोई भी राय रखें, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उनका चॉकलेट संबंधी बयान कहीं से भी जायज़ और उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं माना जा सकता.
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) कानून में संसद के मानसून सत्र में संशोधन करके इसकी पहले की स्थिति बहाल की गई है.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को इस विषय पर मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिए. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जा सकती है.
एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम को अपने पुराने और मूल स्वरूप में फिर से लागू करने के लिए केंद्र सरकार संसद के इसी सत्र में संशोधन बिल पेश करेगी.
अनुसूचित जाति-जनजाति कानून से संबंधित मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को वृहद पीठ को सौंपने का अनुरोध करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस व्यवस्था की वजह से जानमाल का नुकसान हुआ है.
केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा कि उसके फैसले ने देश में बेचैनी, क्रोध, असहजता और कटुता का भाव पैदा कर दिया है.
भारत बंद के दौरान हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंदोलन कर रहे लोग निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा गुमराह किए गए हैं. केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर 10 दिन बाद विस्तार से सुनवाई की जाएगी.