अयोध्या की 67 एकड़ अविवादित भूमि पर वाजपेयी ने कहा था- सरकार यथास्थिति बनाए रखने को प्रतिबद्ध

केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग किया है कि अयोध्या में विवादित ज़मीन के आसपास जो 67 एकड़ अविवादित ज़मीन है उससे कोर्ट यथास्थिति हटा ले और यह हिस्सा उसके मूल मालिक को वापस कर दे.

अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट पहुंची मोदी सरकार ने कहा- मूल मालिकों को मिले अविवादित ज़मीन

अयोध्या में विवादित स्थल के बारे में एक नई रिट याचिका में केंद्र सरकार ने कहा कि शीर्ष अदालत विवादित स्थल के आस-पास अधिग्रहित की गई अविवादित ज़मीन पर से यथास्थिति बरक़रार रखने का आदेश हटा ले, जिससे वह हिस्सा उसके मूल मालिकों को वापस किया जा सके.

अयोध्या विवाद: नहीं होगी 29 जनवरी को सुनवाई, बेंच के एक जज हैं अनुपस्थित

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर की संविधान पीठ ने 29 जनवरी को सुनवाई के लिए ये मामला उठाने का फैसला किया था.

अयोध्या विवाद: पांच सदस्यीय संविधान पीठ का पुनर्गठन, 29 जनवरी को होगी सुनवाई

उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री ने नोटिस में कहा कि अयोध्या विवाद मामला गुरुवार को संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. पीठ में सीजेआई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नजीर होंगे.

अयोध्या विवाद: जस्टिस यूयू ललित ने खुद को पीठ से अलग किया, सुनवाई 29 जनवरी को होगी

वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि जस्टिस यूयू ललित ने वकील रहते बाबरी मस्जिद से संबंधित एक अवमानना मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की ओर से पैरवी की थी. इसके बाद जस्टिस ललित ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया.

एससी/एसटी क़ानून कमज़ोर करने वाले जज को एनजीटी अध्यक्ष बनाने से गलत संदेश गया: पासवान

जस्टिस एके गोयल बीते 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. सरकार ने उसी दिन उन्हें एनजीटी का अध्यक्ष बना दिया था. गोयल ने ही एससी/एसटी क़ानून में संशोधन का फैसला सुनाया था.

क्या 2जी मामला अब भाजपा के जी का जंजाल बनने वाला है?

अगर सीबीआई और इसके वकील हाईकोर्ट में नेताओं और कारोबारियों के बीच सांठगांठ को साबित करने में नाकाम रहते हैं, तो 2019 के आम चुनाव में भाजपा को कुछ गंभीर सवालों का सामना करना पड़ेगा.

दहेज़ उत्पीड़न क़ानून: सुप्रीम कोर्ट ने कहा आरोपों की पुष्टि के बगैर कोई गिरफ़्तारी नहीं

शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि शारीरिक हिंसा या मृत्यु से संबंधित अपराध होने की स्थिति में तुरंत गिरफ़्तारी होगी.