आज़ादी मार्च: इस्लामाबाद में जुटे प्रदर्शनकारी, इमरान ख़ान से पद छोड़ने की मांग

पाकिस्तान के कट्टरपंथी धार्मिक नेता मौलाना फ़ज़लुर रहमान के नेतृत्व में राजधानी इस्लामाबाद में जुटे प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन, अक्षमता और कुप्रशासन का आरोप लगाया. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल लीग के नेता भी शामिल हुए.

A supporter of Imran Khan, chairman of Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) political party, gestures while sitting outside Khan's residence before the start of today's Freedom March in Lahore August 14, 2014. Thousands of protesters preparing to march on the Pakistani capital gathered in the eastern city of Lahore on Thursday, buoyed by a last-minute court order that a peaceful march could go ahead and a government promise to obey the ruling. REUTERS/Akhtar Soomro (PAKISTAN - Tags: POLITICS CIVIL UNREST CRIME LAW)

पाकिस्तान के कट्टरपंथी धार्मिक नेता मौलाना फ़ज़लुर रहमान के नेतृत्व में राजधानी इस्लामाबाद में जुटे प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन, अक्षमता और कुप्रशासन का आरोप लगाया. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल लीग के नेता भी शामिल हुए.

Supporters of religious and political party Jamiat Ulema-i-Islam-Fazal (JUI-F) wave flags and chant slogans during what participants call Azadi March (Freedom March) to protest the government of Prime Minister Imran Khan in Islamabad, Pakistan November 1, 2019. REUTERS/Akhtar Soomro
इस्लामाबाद में इमरान ख़ान सरकार के विरोध में जुटे प्रदर्शनकारी. (फोटो: रॉयटर्स)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कट्टरपंथी धार्मिक नेता मौलाना फ़ज़लुर रहमान ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन की मोहलत दी. उन्होंने ख़ान को ‘पाकिस्तान का गोर्बाचोव’ बताते हुए कहा कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के संयम की परीक्षा लिए बिना पद छोड़ दें.

इमरान खान सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए शुरू आज़ादी मार्च के यहां पहुंचने पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि संस्थाओं को नहीं बल्कि केवल पाकिस्तान के लोगों को इस देश पर शासन करने का अधिकार है.

दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फ़ज़ल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फ़ज़लुर रहमान ने 27 अक्टूबर को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ दक्षिणी सिंध प्रांत से ‘आजादी मार्च’ शुरू किया था जो गुरुवार को इस्लामाबाद पहुंचा.

इस रैली में रहमान के अलावा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल लीग के नेता शामिल हुए.

रहमान ने कहा, ‘25 जुलाई का चुनाव फर्जी है. हम न तो उसके नतीजों को स्वीकार करते हैं और न ही उस सरकार को जो उस चुनाव के बाद आई. पिछले एक साल से यह सरकार है लेकिन अब हम इसे और अधिक नहीं चाहते.’

प्रदर्शनकारी इमरान ख़ान पर 2018 के आम चुनावों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन, अक्षमता और कुप्रशासन का आरोप भी लगाया जिससे आम आदमी की मुश्किलें बढ़ गईं.

मौलाना फ़ज़लुर रहमान ने 27 अक्टूबर को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ दक्षिणी सिंध प्रांत से ‘आजादी मार्च’ की शुरुआत की थी.

मौलाना ने सुक्कूर, मुल्तान, लाहौर और गुजरांवाला के रास्ते अपना सफर तय किया और शुक्रवार को तड़के इस्लामाबाद पहुंचे.

सुरक्षा संस्थाओं के मुताबिक, आज़ादी मार्च में हजारों लोग हिस्सा ले रहे हैं. इस्लामाबाद में यह आंकड़ा और बढ़ गया क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत विपक्षी दलों के समर्थक भी सरकार विरोधी इस प्रदर्शन में शामिल हो गए.

ये प्रदर्शनकारी पेशावर मोड़ के निकट एक विशाल मैदान में रुके हुए हैं जहां विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को ठहराने के लिये तंबू लगा रखे हैं.

मौलाना फ़ज़लुर रहमान ने कहा, ‘इमरान ख़ान के नेतृत्व वाली तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) पार्टी की सरकार ने अर्थव्यस्था को तबाह कर दिया है और देश के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है.’

मौलाना फ़ज़लुर रहमान नेतृत्व में लोग प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद में जुटे हैं. (फोटो: रॉयटर्स)
मौलाना फ़ज़लुर रहमान नेतृत्व में लोग प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद में जुटे हैं. (फोटो: रॉयटर्स)

रहमान ने कहा, ‘पाकिस्तान के गोर्बाचेव को जाना ही होगा. हमनें खान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय दिया है अगर ऐसा नहीं होता तो हम भविष्य तय करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनकारी शांत हैं लेकिन उनके संयम की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए. रहमान ने समर्थकों से अपील की कि वे इमरान के इस्तीफे तक इस्लामाबाद में जमे रहे.’

रहमान ने कहा कि मोहलत के बावजूद मांग नहीं पूरी होने की स्थिति में विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारियों से परामर्श कर आगे की रणनीति तय की जाएगी.

उन्होंने शक्तिशाली संस्थाओं (सैन्य बलों) को इस स्थिति में तटस्थ रहने की अपील की.

जमीयत प्रमुख ने कहा, ‘हम संस्थाओं से टकराव नहीं चाहते लेकिन उन्हें तटस्थ देखना चाहते हैं. हम संस्थाओं को विचार करने के लिए दो दिन का समय देते हैं और अगर इसके बावजदू वे इस सरकार का समर्थन जारी रखेंगे तो उसके बाद हम उन संस्थाओं के प्रति अपने विचार तय करेंगे.’

रहमान ने सरकार की कश्मीर नीति की आलोचना करते हुए कश्मीरियों को उनके हाल पर छोड़ देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार करतारपुर गलियारा खोलकर भारत के साथ दोस्ती कर रही है.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के अध्यक्ष शाहबाज़ शरीफ़ ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘समय आ गया है कि इस फर्जी सरकार से मुक्ति मिले. हम इमरान ख़ान को तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक कि पाकिस्तान उनसे मुक्त नहीं हो जाता.’

शाहबाज़ शरीफ़ ने कहा, ‘हमने इस सरकार से मुक्ति के लिए अभियान शुरू किया है और अब इसे मुकाम तक ले जाएंगे.’ उन्होंने दावा किया कि मौका मिलने पर एकजुट विपक्ष देश की अर्थव्यवस्था को छह महीने में स्थिर करके दिखाएगा.

अवामी नेशनल पार्टी नेता मियां इफ़्तिख़ार हुसैन ने कहा कि विपक्षी पार्टियां तब तक चुप नहीं बैठेंगी जब तक कि तहरीक़-ए-इंसाफ पार्टी को घर नहीं भेज दिया जाता.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी प्रमुख बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने कहा कि इमरान ख़ान कठपुतली हैं और देश चयनित प्रधानमंत्री और उनका चयन करने वालों के सामने सिर झुकाने को तैयार नहीं है.

Islamabad: Supporters of a Pakistani radical Islamist party 'Jamiat Ulema-e-Islam' offer prayers during an anti-government march, in Islamabad, Pakistan, Friday, Nov. 1, 2019. Thousands of members of a radical Islamist party have camped out in Pakistan's capital, demanding the resignation of Prime Minister Imran Khan over economic hardships. AP/PTI(AP11_1_2019_000215B)
इस्लामाबाद में जुटे प्रदर्शनकारी. (फोटो: एपी/पीटीआई)

बिलावल ने कहा, ‘हम इस चयनित सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे… इस सरकार द्वारा किया गया हर काम जनविरोधी है.’

उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इमरान सरकार ने भारत को कश्मीर बेच दिया है जो लोगों को अस्वीकार्य है.

बिलावल ने कहा कि इमरान ख़ान की जीत सुनिश्चित करने के लिए सेना ने पिछले साल मतदान केंद्रों के भीतर और बाहर सैनिकों की तैनाती की थी.

वहीं इस्लामाबाद में प्रदर्शन से बेपरवाह प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस्लामाबाद में जब प्रदर्शनकारियों का खाना खत्म हो जाएगा तब वह और रसद भेजेंगे, लेकिन उनके नेताओं को उनसे किसी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

इमरान ने कहा, ‘वे दिन गए जब कोई सत्ता हासिल करने के लिए इस्लाम का इस्तेमाल करता था. यह नया पाकिस्तान है. आप जितनी दे धरने पर बैठना चाहते हैं बैठिए. जब आपका खाना खत्म हो जाएगा तो हम और भेजेंगे, लेकिन हम आपको एनआरओ नहीं देंगे.’

एनआरओ यानी नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस अक्टूबर 2007 में जारी एक ऐसा अध्यादेश है, जिसमें भ्रष्टाचार, गबन, धन शोधन, हत्या और आतंकवाद के आरोपी नेताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नौकरशाहों को क्षमादान दिया गया था.

इमरान खान ने कहा, ‘वे कौन लोग हैं, जो आज़ादी हासिल करना चाहते हैं? मैं चाहता हूं कि मीडिया वहां जाए और उन लोगों से पूछें, जिनसे वे खुद को मुक्त करना चाहते हैं.’

इमरान ख़ान ने कहा कि इस रैली ने पाकिस्तान के दुश्मनों को खुश कर दिया है.

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़, उनके भाई शाहबाज़ शरीफ़, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद ख़ाकान अब्बासी की ओर इशारा करते हुए इमरान खान ने कहा, ‘मैं उन सभी को जेल में डाल दूंगा.’

इस बीच पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. मुख्य मार्गों को पूरी तरह या आंशिक तौर पर बंद कर दिया गया है.

प्रमुख सरकारी इमारतों और राजनयिक क्षेत्र समेत ‘रेड जोन’ की तरफ प्रदर्शनकारियों को जाने से रोकने के लिये कंटीले तार लगाए गए हैं.

अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. संवेदनशील जगहों पर सैनिकों को भी तैनात किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)