पंजाब एंड महाराष्ट्र (पीएमसी) बैंक में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद अब तक आठ लोगों की मौत हो गई है. अनियमितता सामने आने के बाद आरबीआई ने सितंबर महीने में बैंक पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे.
मुंबईः महाराष्ट्र में पंजाब एंड महाराष्ट्र (पीएमसी) बैंक के दो और खाताधारकों की मौत हो गई, जिसके बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कुलदीप कौर विज (64) और रंजीत पुरी (43) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. विज की दिल का दौरा पड़ने से एक स्थानीय अस्पताल में मौत हो गई.
विज के पति वरिंदर सिंह (74) ने कहा, ‘वह बैंक में फंसे अपने पैसे को लेकर चिंतित थीं. टीवी पर बैंक के विरोध में प्रदर्शनों को देखने के बाद वह गुस्सा हो गई थीं. मेरा खुद का खाता पीएमसी बैंक में है. हमारा हेल्थ इंश्योरेंस भी रिन्यू नहीं हो रहा, क्योंकि कोई पीएमसी बैंक का चेक लेना नहीं चाहता.’
इसके अलावा मुंबई में रहने वाले रंजीत पुरी की भी सोलापुर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.
उनके एक पारिवारिक मित्र ने कहा, ‘पुरी काम के सिलसिले में सोलापुर गए थे. वह बैंक में अपने खातों को लेकर चिंतित थे, क्योंकि इससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा था.’
मालूम हो कि इससे पहले गुरुवार को महाराष्ट्र के मुलुंड में पीएमसी बैंक के एक और खाताधारक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मृतक की उम्र 68 साल थी. मृतक के परिवार का कहना है कि वह आरबीआई द्वारा बैंक पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से तनाव में थे. मृतक की पहचान केशुमलभाई हिंदुजा के रूप में हुई थी.
इससे पहले 14 अक्टूबर को जेट एयरवेज के पूर्व कर्मचारी संजय गुलाटी (51) की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. वह बैंक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने गए थे, जिसे बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा.
एक अन्य खाताधारक फत्तोमल पंजाबी (56) की उससे अगले दिन मौत हो गई थी. फत्तोमल की मुलुंड में दुकान थी और उन्हें भी दिल का दौरा पड़ा था. 15 अक्टूबर को ही 39 साल की एक खाताधारक ने आत्महत्या कर ली थी.
इस मामले में एक अन्य खाताधारक मुरलीधर धर्रा की भी मौत हो चुकी है. पैसों की कमी की वजह से वह बाइपास सर्जरी नहीं करा पाए थे और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी. 73 वर्षीय पीएमसी खाताधारक भारती सदरंगनी की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी.
गौरतलब है कि सितंबर में आरबीआई ने पीएमसी बैंक में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद बैंक के ग्राहकों के लिए नकदी निकासी की सीमा तय करने के साथ ही बैंक पर कई तरह के अन्य प्रतिबंध लगा दिए थे.
बैंक के कामकाज में अनियमितताएं और रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर उस पर नियामकीय पाबंदी लगाई गई थी.