दिल्ली: तीस हजारी अदालत में पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच झड़प, पुलिस गाड़ी को जलाया

मामला दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट का है, जहां पार्किंग को लेकर पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हो गई. दोनों तरफ की शिकायत के बाद मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है.

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नई दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में दिल्ली पुलिस की जली हुई गाड़ी. (फोटो: पीटीआई)

मामला दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट का है, जहां पार्किंग को लेकर पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हो गई. दोनों तरफ की शिकायत के बाद मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है.

नई दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में दिल्ली पुलिस की जली हुई गाड़ी. (फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में दिल्ली पुलिस की जली हुई गाड़ी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: तीस हजारी अदालत परिसर में शनिवार दोपहर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गयी. इस दौरान नौ पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की गई और कुछ वाहनों में आग लगा दी गयी. अधिकारियों ने इस बारे में बताया.

वकीलों ने आरोप लगाया कि उनके दो साथी घायल हो गए, जिसमें एक पुलिस की गोलीबारी में भी घायल हुआ हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया कि उसने गोली चलाई थी.

अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तीस हजारी अदालत परिसर में शनिवार दोपहर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प में 10 पुलिसकर्मी और कुछ वकील घायल हो गए जबकि 17 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया.

बार एसोसिएशन ने इस घटना की निंदा की और 4 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में सभी जिला अदालतों में एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया.

इस बीच, पुलिस और वकीलो दोनों तरफ से शिकायत दी गई है, जिसमें केस दर्ज हो गए हैं. मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी टीम करेगी. पूरे मामले की स्पेशल सीपी रैंक के अफसर जांच करेंगे.

तीस हजारी बार एसोसिएशन के सचिव जयवीर सिंह चौहान ने बताया कि एक वकील की कार ने कथित रूप से पुलिस जेल वैन को टक्कर मार दी, जिसके बाद उसके और पुलिस के बीच बहस छिड़ गई.

चौहान ने आरोप लगाया, उसे फिर एक हवालात के भीतर ले जाया गया और बुरी तरह पीटा गया. एसएचओ आए लेकिन अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. चौहान ने आरोप लगाया कि छह अन्य न्यायाधीशों के साथ मध्य और पश्चिम जिले के जिला न्यायाधीश वहां गए, लेकिन वकील को बाहर नहीं जाने दिया.

उन्होंने आगे दावा किया कि लगभग 20 मिनट के बाद, पुलिस ने चार राउंड गोलियां चलाईं जिसके बाद जज मौके से भाग गए. उन्होंने दावा किया कि वकीलों में से एक रणजीत सिंह मलिक को गोली लगी, जो दूसरों के साथ बाहर विरोध कर रहे थे. उन्होंने कहा कि घायल वकीलों को सेंट स्टीफन अस्पताल ले जाया गया.

चौहान ने आरोप लगाया कि पुलिस ने वकीलों के साथ गलत व्यवहार किया. यह पुलिस द्वारा पूरी तरह से लापरवाही की घटना थी. उन्होंने दावा किया कि लगभग आधे घंटे के बाद वकील को लॉकअप से रिहा कर दिया गया.

अधिकारियों ने कहा कि एक पुलिस वाहन में आग लगा दी गई और आठ अन्य लोगों के साथ उपद्रव के दौरान बर्बरता की गई. अधिकारियों ने कहा कि अग्निशमन विभाग ने मौके पर दस फायर टेंडर भेजे. हिंसा के बाद घटनास्थल पर पुलिस और दंगा-रोधी वाहनों का एक विशाल दल तैनात कर दिया गया.

इस बीच, वकील अदालत परिसर के गेट पर धरने पर बैठ गए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

हम तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए क्रूर और अकारण हमले की कड़ी निंदा करते हैं. एक वकील की हालत गंभीर है. लॉकअप में एक युवा वकील को पीटा गया था. उन्हें बर्खास्त कर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं.

तीस हजारी की घटना के लिए वकीलों से माफी मांगें अमित शाह: कांग्रेस

तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प की घटना को ‘केंद्र की भाजपा सरकार के अहंकार का परिणाम’ करार देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह को वकीलों से माफी मांगनी चाहिए.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए.

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘तीस हजारी में वकीलों पर गोली कांड व लाठीचार्ज भाजपा की क्रूरता व अहंकार का परिणाम है। सत्ता के नशे में चूर भाजपा न क़ानून को मानती है, न क़ानून के रखवाले वकीलों का सम्मान करती है.’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि गृह मंत्री अमित शाह माफ़ी मांगें और दोषी अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराएं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)