बीते सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस एके कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.
नई दिल्ली: जस्टिस एके कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की कॉलेजियम की सिफारिश पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति को लेकर कुछ प्रशासनिक औपचारिकताएं बाकी रह गईं हैं.’ इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई सात नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.
बीते सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस अकील ए. कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.
Supreme Court adjourns the case till November 7 after the Centre seeks more time for administrative decision. https://t.co/RmICuSeMs0
— ANI (@ANI) November 4, 2019
जस्टिस कुरैशी ने ही सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में भूमिका के कारण वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था. कॉलेजियम ने केंद्र को अब जस्टिस कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने को कहा है.
जस्टिस कुरैशी वर्तमान में बॉम्बे हाईकोर्ट के जज हैं और पहले कॉलेजियम ने इस साल मई महीने में उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी.
इसी साल 10 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस कुरैशी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी. केंद्र ने सिर्फ इसी सिफारिश को छोड़कर कॉलेजियम द्वारा कई अन्य सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था.
जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति में देरी की वजह से गुजरात हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ (जीएचसीएए) की जनहित याचिका दायर की और केंद्र के रवैये पर निराशा जताते हुए इस संबंध में जल्द कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.