महाराष्ट्र: सरकार बनाने के गतिरोध के बीच मुख्यमंत्री संघ प्रमुख और संजय राउत, शरद पवार से मिले

महाराष्ट्र में बीते 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लंबे समय से केंद्र और राज्य में गठबंधन सहयोगी भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.

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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस. (फोटो: पीटीआई)

महाराष्ट्र में बीते 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लंबे समय से केंद्र और राज्य में गठबंधन सहयोगी भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस. (फोटो: पीटीआई)
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस. (फोटो: पीटीआई)

मुम्बई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार से बुधवार को मुंबई में मुलाकात की.

हालांकि शरद पवार ने कहा कि भाजपा और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएं. उन्होंने कहा, ‘केवल एक ही विकल्प है. भाजपा और शिवसेना को मिलकर सरकार बनानी चाहिए. इसके अलावा तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का ही अन्य विकल्प बचता है.’

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की तो वहीं मंगलवार को नागपुर जाकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. शरद पवार से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा, ‘यह एक शिष्टाचार भेंट थी.’

वहीं, अमित शाह के आवास पर मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘महाराष्ट्र में जल्द से जल्द सरकार बनाने की जरूरत है…मुझे यकीन है, मुझे विश्वास है कि सरकार बनेगी.’

हालांकि, फड़णवीस ने शाह से आधिकारिक तौर पर यह मुलाकात महाराष्ट्र में, बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को राहत पैकेज देने के लिए केंद्र से और मदद मांगने के वास्ते की है. बेमौसम बारिश की वजह से इन किसानों की फसल खराब हो गई है.

इसके बाद उन्होंने भाजपा के महासचिव भूपेन्द्र यादव से भी मुलाकात की, जो महाराष्ट्र चुनाव के प्रभारी थे.

वहीं, फड़णवीस के संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बारे में संघ के पदाधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मुलाकात 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध पर विचार-विमर्श करने के लिए थी.

बता दें कि महाराष्ट्र में बीते 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लंबे समय से केंद्र और राज्य में गठबंधन सहयोगी भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.

24 अक्टूबर को घोषित विधानसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा ने 105 सीटें, सेना ने 56, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं. पिछले विधानसभा चुनाव के विपरीत भाजपा और शिवसेना ने यह चुनाव मिलकर लड़ा था.

शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए 50:50 का फार्मूला चाहती है लेकिन भाजपा इस पर तैयार नहीं है. भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा है कि उनकी पार्टी ढाई-ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने सहित सत्ता के बंटवारे को लेकर भाजपा से लिखित आश्वासन चाहती है.

उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर चुनाव से पहले ही ‘सहमति’ हो गई थी.

वहीं, एनसीपी ने मंगलवार को कहा था कि शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में एक नए राजनीतिक विकल्प पर विचार किया जा सकता है.

एनसीपी से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ बातचीत आगे बढ़ाने से पहले चाहती है कि केन्द्र सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दें.

महाराष्ट्र के मंत्री ने कहा, भाजपा नेता महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव कराने के पक्ष में

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच भाजपा के एक निवर्तमान मंत्री ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी के कुछ नेता चाहते हैं कि राज्य में दोबारा चुनाव हो.

भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ी है और इस कारण राज्य में सरकार गठन की दिशा में गतिरोध लगातार बना हुआ है. भाजपा खुद का मुख्यमंत्री चाहती है.

महाराष्ट्र के निवर्तमान पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल ने एक टीवी चैनल से कहा कि भाजपा नेताओं ने राज्य में दोबारा चुनाव कराने की अपनी इच्छा धुले में रविवार को एक समीक्षा बैठक में व्यक्त की.

निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के करीबी माने जाने वाले रावल ने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था…हमें एक बार फिर अवसर दें, हम दोबारा लड़ेंगे और इस बार जीतेंगे.’

रावल ने कहा कि धुले में आयोजित बैठक में अनेक भाजपा नेता, कार्यकर्ता और हालिया विधानसभा चुनाव में लड़ने वाले उम्मीदवार शामिल हुए.

मंत्री ने कहा, ‘उनमें से कई नाराज हैं क्योंकि शिवसेना से गठबंधन के चलते हम कुछ सीटों पर नहीं लड़ पाए और कुछ क्षेत्रों में मामूली अंतर से हार गए.’

हालिया चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिल पाया. भाजपा को सबसे ज्यादा 105 सीट मिली, जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी शिवसेना 56 सीटों पर विजयी रही. महाराष्ट्र की 13वीं विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को पूरा हो रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)