केंद्र ने जस्टिस एके कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया

बीते पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस एके कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.

बीते पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस एके कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.

Justice AA Kureshi Photo Live Law

नई दिल्ली: कई महीनों की अनिश्चितताओं के बाद केंद्र सरकार ने अंतत: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को मानते हुए जस्टिस अकील कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है.

बीते पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस एके कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.

हालांकि कॉलेजियम ने इस बदलवा का कोई ठोस कारण नहीं बताया और सिर्फ इतना कहा था कि सरकार द्वारा भेजे गए दो पत्राचारों के आधार पर ये फैसला लिया गया है.

जस्टिस कुरैशी ने ही सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में भूमिका के कारण वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था. कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर अब जस्टिस कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया गया है.

अभी तक जस्टिस कुरैशी बॉम्बे हाईकोर्ट के जज थे और पहले कॉलेजियम ने इस साल मई महीने में उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी.

इसी साल 10 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी. लेकिन केंद्र ने सिर्फ इसी सिफारिश को छोड़कर कॉलेजियम द्वारा कई अन्य सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था.

जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति में देरी की वजह से गुजरात हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ (जीएचसीएए) की जनहित याचिका दायर की और केंद्र के रवैये पर निराशा जताते हुए इस संबंध में जल्द कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र ने नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए और समय मांगा था.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था, ‘जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति को लेकर कुछ प्रशासनिक औपचारिकताएं बाकी रह गईं हैं.’ इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई सात नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी.