वर्ष 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों के क़रीबी परिजनों को एसपीजी सुरक्षा देने के लिए क़ानून में संशोधन किया गया. गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इकलौते शख़्स होंगे, जिनके पास यह सुरक्षा होगी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली है और अब उन्हें सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दी जाएगी. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार को दी गई एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला एक विस्तृत सुरक्षा आकलन के बाद लिया गया.
लिट्टे के आतंकवादियों ने 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उन्हें एसपीजी सुरक्षा मुहैया कराई गई थी.
गांधी परिवार 28 साल बाद बिना एसजीपी सुरक्षा के रहेगा. उन्हें सितंबर 1991 में 1988 के एसजीपी कानून के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था.
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इकलौते शख्स होंगे जिन्हें एसपीजी सुरक्षा मिलती रहेगी.
अधिकारी ने बताया कि गांधी परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ जवान करेंगे. जेड प्लस सुरक्षा में उन्हें अपने घर और देशभर में जहां भी वे यात्रा करेंगे, वहां के अलावा उनके नजदीक अर्द्धसैन्य बल के कमांडो की सुरक्षा मिलेगी.
नियमों के तहत एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को सुरक्षाकर्मी, उच्च तकनीक से लैस वाहन, जैमर और उनके कारों के काफिले में एक एम्बुलेंस मिलती है.
सरकार ने इस साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाई थी.
संसद द्वारा 1988 में लागू एसपीजी कानून को शुरुआत में केवल देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए बनाया गया था.
वर्ष 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों के करीबी परिजनों को इस सुरक्षा घेरे में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन किया गया, जिससे सोनिया गांधी के साथ-साथ उनके बच्चों को एसपीजी सुरक्षा मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ.
देश में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए अलग बल बनाने की जरूरत तब महसूस की गई जब 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गाधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी.
देश में मुख्य तौर प्रमुख हस्तियों को छह तरह के सुरक्षा कवर- ‘एक्स’, ‘वाई’, ‘वाई प्लस’, ‘जेड’, ‘जेड प्लस’ और ‘एसपीजी’ दिए जाते हैं. इससे पहले एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके करीबी परिजनों को दी जाती थी. इसके अलावा अन्य सुरक्षा कवर ऐसे किसी भी शख्स को दी जा सकती हैं, जिसकी जान को खतरा होने से संबंधित इनपुट केंद्र और राज्य सरकारों के पास हो.
बहरहाल केंद्र सरकार के इस फैसले की कांग्रेस नेताओं ने निंदा की है.
सरकार के इस फैसले को निजी प्रतिशोध लेने वाला कदम बताते हुए कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, ‘भाजपा ने बदला लेने पर उतर आई है, इसलिए उसने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों की जान खतरे में डाल दिया है.’
The BJP has descended to the ultimate personal vendetta mechanism, compromising the lives of family members of 2 Former Prime Ministers to acts of terror and violence.
— Ahmed Patel Memorial (@ahmedpatel) November 8, 2019
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि निजी बदला लेने की भावना की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को कुछ नजर नहीं आ रहा है. गांधी परिवार से राजनीतिक प्रतिशोध के चलते एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई.
उन्होंने कहा कि एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर सरकार सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)