रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज कर दिया है. रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगा 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़. मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर बनाना होगा ट्रस्ट. सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जमीन विवाद पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने हिंदू पक्ष को जमीन देने को कहा है.
अदालत ने यह भी कहा कि रामजन्मभूमि न्यास को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़ मिलेगा. वहीं, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी.
मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाना होगा और इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा का एक सदस्य शामिल होगा.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जहां देश की अधिकतर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और सामाजित कार्यकर्ताओं ने फैसले का स्वागत करते हुए सभी लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की, वहीं निर्मोही अखाड़ा ने फैसले पर कहा है कि उसे कोई अफसोस नहीं है.
इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस), ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) फैसले के बाद मीडिया को संबोधित करने वाले हैं.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 1 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे तो एआईएमपीएलबी 11:30 बजे और वीएचपी 2:30 बजे मीडिया को संबोधित करेगी.
Randeep Surjewala, Congress on #AyodhyaVerdict: Supreme Court's verdict has come, we are in favour of the construction of Ram Temple. This judgement not only opened the doors for the temple's construction but also closed the doors for BJP and others to politicise the issue. pic.twitter.com/N1qr6FD1We
— ANI (@ANI) November 9, 2019
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, हम राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं. इस फैसले ने न केवल मंदिर निर्माण का रास्ता खोल दिया है बल्कि भाजपा और अन्य द्वारा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का रास्ता भी बंद कर दिया है.’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘सभी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार करना चाहिए और शांति बनाए रखनी चाहिए.’
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी का स्वीकार करना चाहिए. यह सामाजिक सौहार्द के लिए लाभकारी होगा. लोगों से मेरी अपील है कि इस मुद्दे पर अब कोई विवाद नहीं होना चाहिए.’
सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद SC की बेंच के पाँचों जजों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया। हम SC के फ़ैसले का स्वागत करते हैं। कई दशकों के विवाद पर आज SC ने निर्णय दिया। वर्षों पुराना विवाद आज ख़त्म हुआ। मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 9, 2019
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच के पांचों जजों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया. हम सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हैं. कई दशकों के विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया. वर्षों पुराना विवाद आज ख़त्म हुआ. मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें.’
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘अयोध्या मामले पर फ़ैसला आ चुका है. एक बार फिर आपसे अपील करता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फ़ैसले का हम सभी मिलजुलकर सम्मान व आदर करें. किसी प्रकार के उत्साह,जश्न व विरोध का हिस्सा ना बनें. अफ़वाहों से सावधान व सजग रहें. किसी भी प्रकार के बहकावे में ना आवें.’
अयोध्या मामले के एक पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आखिरकार सुप्रीम कोर्ट फैसला दे दिया, मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं.’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक फैसला है. जनता से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करता हूं.’
भाजपा नेता उमा भारती ने कहा, ‘माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस दिव्य फ़ैसले का स्वागत. माननीय अशोक सिंघल जी को स्मरण करते हुए उनको शत्-शत् नमन. वह सब, जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी उन्हें श्रद्धांजलि एवं आडवाणी जी का अभिनंदन जिनके नेतृत्व में हम सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था.’
वहीं, निर्मोही अखाड़े ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर मालिकाना हक का अपना दावा खारिज होने का उसे कोई अफसोस नहीं है. निर्मोही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था.
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने रामलला के पक्ष को मजबूत माना है. इससे निर्मोही अखाड़े का मकसद पूरा हुआ है.
सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता और लेखक सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के जजों को बधाई. अब एक वैश्विक प्यार और भाईचारे के प्रतीक और भारत के राष्ट्रीय एकता के रूप में राम मंदिर का निर्माण होगा. इस विचारों के प्रतीक वाले एक नए मस्जिद का भी निर्माण होगा.’
उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए 1990 के दशक में मंदिर निर्माण के लिये समर्थन जुटाने के उद्देश्य से आडवाणी की रथयात्रा के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक गोविंदाचार्य ने इस फैसले पर ‘हार्दिक प्रसन्नता’ जाहिर की.
उन्होंने कहा, ‘मैं बेहद खुश हूं. अब, तीन महीने के अंदर मंदिर निर्माण की योजना तैयार कर ली जाएगी.’ गोविंदाचार्य ने कहा कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र हर हाल में बना रहना चाहिए जिससे वह ‘राम मंदिर’ से ‘राम राज्य’ की दिशा में बढ़ सके.
यह पूछे जाने पर कि वह राम मंदिर निर्माण के आंदोलन की सफलता का श्रेय किसे देंगे, उन्होंने कहा, ‘लाखों कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया है। आंदोलन के नेतृत्व के लिये, मैं सबसे ज्यादा श्रेय अशोक सिंघल और लालकृष्ण आडवाणी को दूंगा.’
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है. देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें.’
श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ।
मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें।
— Amit Shah (@AmitShah) November 9, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूं. मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूं कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें.’
आध्यात्मिक धर्मगुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है, मैं इसका स्वागत करता हूं. यह मामला बहुत लंबे समय तक चला और आखिरकार इसका फैसला आ गया. समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहिए.’
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को संतुलित करार देते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शनिवार को कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या मामले में संतुलित निर्णय सुनाया है. इसके बाद रामलला (विराजमान मूर्ति) को उस स्थान पर कानूनी अधिकार मिल गया है, जहां उनका जन्म हुआ था. अदालती निर्णय को हम सभी लोगों को पूरे संयम और शांति के साथ अपनाना चाहिये.’
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘यह आनंद का क्षण है, लेकिन इस आनंद का प्रदर्शन शांत भाव से किया जाना चाहिये. अपने घर में छोटा-सा दीपक जलाकर भी इस आनंद का उत्सव मनाया जा सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘जन मानस को आज उसी आनंद की अनुभूति होनी चाहिये, जो अहसास एक मां को अपनी संतान को जन्म देने के बाद होता है.’ महाजन ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का शीर्ष न्यायालय का निर्णय भी सही है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुये शनिवार को कहा कि देश की एकता और सद्भावना बनाए रखने में सभी सहयोग करें.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता एवं सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें. उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है.’
अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए। हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 9, 2019
अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि सभी समुदायों, पक्षों एवं नागरिकों को इसका सम्मान करना चाहिए और सौहार्द एवं भाईचारे को मजबूत करना चाहिए.
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए. हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा.’
अयोध्या पर आए फैसले का स्वागत, पुनर्विचार याचिका की जरूरत नहीं: रिजवी
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गयूरुल हसन रिजवी ने अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार से जुड़े बयान को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी की निंदा करते हुए कहा कि इस निर्णय के खिलाफ अपील की कोई जरूरत नहीं है.
रिजवी ने कहा, ‘इससे बेहतर फैसला नहीं हो सकता था. हम सब इसका स्वागत करते हैं. इस फैसले से देश की एकता और भाईचारा मजबूत होगा.’
उन्होंने कहा, ‘मैं जफरयाब जिलानी की निंदा करता हूं. कुछ लोग खुद को प्रासंगिक और जिंदा रखने के लिए पुनर्विचार याचिका की बातें कर रहे हैं. इनके साथ कोई नहीं खड़ा है. मुसलमान भी इन लोगों के साथ नहीं खड़ा है.’
दरअसल, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जिलानी ने शनिवार को कहा कि वह विवादित जमीन को मंदिर के लिए देने से जुड़े फैसले से असन्तुष्ट है और इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने पर विचार किया जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)