राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे और मुद्दई इक़बाल अंसारी ने कहा कि इस बात की सबसे ज़्यादा खुशी है कि यह मसला सुलझ गया है. उन्होंने कहा कि वह अदालत के फैसले को चुनौती नहीं देंगे.
लखनऊ: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई इक़बाल अंसारी ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा शनिवार को दिए गए फैसले पर खुशी जाहिर की है.
इक़बाल अंसारी इस मामले में पक्षकार रहे दिवंगत हाशिम अंसारी के बेटे हैं.
अंसारी ने टेलीफोन पर कहा कि वह न्यायालय के फैसले से बहुत खुश हैं. उन्हें इस बात की सबसे ज्यादा खुशी है कि यह मसला सुलझ गया है.
उन्होंने कहा कि वह अदालत के निर्णय को अपनी तरफ से कोई चुनौती नहीं देंगे.
अंसारी ने कहा कि न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया है कि वह अयोध्या में किसी और स्थान पर मस्जिद के निर्माण के लिए जमीन दे. यह एक तरह से मुसलमानों की जीत है. अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अयोध्या में किसी जगह मस्जिद के लिए जमीन दे.
उन्होंने कहा, ‘हमने पहले भी कहा था और अब भी कहते हैं कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. अब ये जिम्मेदारी सरकार की है कि वो हमें जमीन कहां देती है. ये हिदुस्तान का अहम मसला था, ये आज ख़त्म हो गया.’
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए विवादित स्थल पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज. राम जन्मभूमि न्यास को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़ दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा विवादित ज़मीन हिंदू पक्ष को देने के फैसले के बाद मामले के मुस्लिम पक्षकार सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा कि वे इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन वे इसका सम्मान करते हैं.
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन दे. यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाएगी.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने में योजना तैयार करने और न्यास बनाने का निर्देश दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)