करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब के गुरुदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान में करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगा. पाकिस्तान रोज़ाना पांच हज़ार भारतीय श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की अनुमति देगा.
डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर)/करतारपुर: सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी के 550वें प्रकाश पर्व से पूर्व खोले गए ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे से सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था शनिवार को पाकिस्तान में दाखिल हुआ.
यह गलियारा पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब (दरबार साहिब) को पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ता है. गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष गुजारे थे.
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को गलियारे के रास्ते गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए रवाना किया. यह गलियारा 12 नवंबर को गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व से कुछ दिन पहले खोला गया है.
प्रधानमंत्री ने 500 भारतीय श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को यह कहते हुए गलियारे के रास्ते गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए रवाना किया कि करतारपुर गलियारा खुलने से दरबार साहिब गुरुद्वारे में दर्शन करना आसान हो जाएगा .
नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को करतारपुर गलियारा समर्पित कर पाना उनका सौभाग्य है. उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा और एकीकृत जांच चौकी के खुलने से लोगों को दोगुनी खुशी मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने गलियारे में भारत की तरफ यात्री टर्मिनल की इमारत का भी उद्घाटन किया जिसे एकीकृत जांच चौकी के तौर पर भी जाना जाएगा, जहां तीर्थयात्रियों को नए बने साढ़े चार किलोमीटर लंबे गलियारे से यात्रा के लिए क्लीयरेंस दिया जाएगा.
अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल की डिजाइन की प्रेरणा सिख धर्म के चिह्न ‘खंडा’ से ली गई है और यह 15 एकड़ में फैला है. हवाई अड्डे जैसी सुविधाओं से लैस टर्मिनल इमारत पूरी तरह से वातानुकूलित है और आव्रजन के लिए 50 काउंटर बनाए गए है जहां से एक दिन में 5,000 श्रद्धालुओं को सुविधा दी जा सकती है.
टर्मिनल में दुकानें, शौचालय, प्राथमिक उपचार, प्रार्थना गृह जैसी सभी सुविधाएं हैं. टर्मिलन का निर्माण भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण ने किया है.
गलियारे को देश को समर्पित करने से पहले मोदी ने पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ लंगर छका.
केसरिया पगड़ी पहने मोदी ने गुरु नानक देव के जीवन एवं शिक्षाओं पर बने वीडियो और करतारपुर गलियारे की प्रतिकृति को भी देखा. जत्थे को रवाना करने के दौरान मोदी, मनमोहन सिंह से मिले और उनका अभिवादन किया. इस मौके पर मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर भी मौजूद थीं.
इधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारतीय तीर्थयात्रियों का स्वागत करेंगे, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हैं.
इस जत्थे में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य और पंजाब के सभी 117 विधायक और सांसद भी शामिल हैं.
गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर सिखों को बधाई देते हुए इमरान खान ने कहा कि ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गलियारे को खोलना क्षेत्रीय शांति बनाए रखने में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
इमरान खान ने अपने संदेश में कहा, ‘हमारा मानना है कि क्षेत्र की समृद्धि का रास्ता और आने वाली पीढ़ियों का उज्ज्वल भविष्य शांति में निहित है.’
उन्होंने कहा, ‘आज हम केवल सीमा नहीं खोल रहे हैं बल्कि सिख समुदाय के लिए अपने दिलों को भी खोल रहे हैं.’
खान ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा दिखाई सद्भावना की अभूतपूर्व भावना बाबा गुरु नानक देव और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के लिए उनके गहरे सम्मान को दर्शाती है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मानता है कि अंतर-धार्मिक सौहार्द्र और शांति के साथ रहने से इस उपमहाद्वीप के लोगों के व्यापक हितों के लिए काम करने का अवसर मिलेगा.
बीते पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंध को सीमित कर दिया था. पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित भी कर दिया था.
इसके अलावा पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सेवा भी निलंबित कर दी थी, लेकिन दोनों देशों ने करतारपुर कॉरिडोर का काम जारी रखा था.
मालूम हो कि द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बावजूद भारत और पाकिस्तान ने बीते 24 अक्टूबर को डेरा बाबा नानक के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा ‘जीरो प्वाइंट’ पर करतारपुर गलियारे के उद्घाटन और संचालन संबंधी नियमों पर समझौता किया था.
इस समझौते के तहत पाकिस्तान रोजाना 5,000 भारतीय श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की इजाजत देगा.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 22 नवंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व को बड़े पैमाने पर देश और दुनिया में मनाने का फैसला किया था. मंत्रिमंडल ने गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे के निर्माण एवं विकास का भी फैसला किया था ताकि भारतीय श्रद्धालु आसानी से गुरुद्वारा दरबार साहिब का दर्शन कर सके.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)