राजधानी काबुल के राजनयिक इलाके में ट्रक में हुआ शक्तिशाली बम धमाका. भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारी सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
काबुल के राजनयिक इलाके में हुए शक्तिशाली ट्रक बम हमले में कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई और तकरीबन 350 लोग घायल हो गए. हमला सुबह के व्यस्त समय में हुआ.
घटनास्थल पर शव बिखरे पड़े थे और क्षेत्र से घना धुंआ भर उठा था. इस इलाके में कई देशों के दूतावास हैं. विस्फोट के बाद कई मिशनों और घटनास्थल से सैकड़ों मीटर दूर स्थित घरों की खिड़कियों के कांच टूट गए.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दर्जनों कारें सड़क पर ही फंस गईं क्योंकि घायल लोग और घबराई स्कूली छात्राएं सुरक्षा के लिए उनकी आड़ ले रहे थे जबकि अपने प्रियजनों को खोजने के लिए महिलाएं और पुरुष सुरक्षा जांच से निकलने के लिए संघर्ष कर रहे थे.
हमले का निशाना क्या था, अभी यह साफ नहीं है. लेकिन हमले ने अफगानिस्तान में बढ़ती असुरक्षा को रेखांकित किया है. देश का एक तिहाई हिस्सा सरकार के नियंत्रण से बाहर है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ प्रवक्ता इस्माइल कावोसी ने एएफपी से कहा, वे अभी भी शवों और घायलों को लेकर अस्पताल आ रहे हैं.
गृह मंत्रालय ने काबुल के लोगों से रक्तदान करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि अस्पतालों की इसकी बेहद जरूरत है. हमले की जिम्मेदारी तत्काल किसी ने नहीं ली है लेकिन फिर से सिर उठा रहा तालिबान अपने हमले तेज कर रहा है.
अफगानिस्तान की राजधानी में हाल में हुए कई बम विस्फोटों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है. इसमें तीन मई को नाटो के बख्तरबंद काफिले को निशाना बनाकर किया गया शक्तिशाली बम विस्फोट भी शमिल है जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 28 लोग घायल हो गए थे.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने बताया कि शुरुआती जांच से ऐसा लगता है कि यह ट्रक बम था.
अफगानिस्तान में भारत के दूत मनप्रीत वोहरा ने टाइम्स नाऊ समाचार चैनल को बताया कि यह विस्फोट भारतीय दूतावास से 100 मीटर की दूरी पर हुआ. इस इलाके में अन्य देशों के भी दूतावास हैं.
उन्होंने कहा, हम सभी सुरक्षित हैं, हमारे सभी कर्मचारी, सभी अधिकारी सुरक्षित हैं. धमाका काफी तेज था और हमारे भवन समेत अन्य भवनों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. कांच टूट गए, खिड़कियां और दरवाजे भी टूट गए.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, काबुल में हुए आतंकी विस्फोट की हम कड़ी निंदा करते हैं. घायलों के लिए हम प्रार्थना करते हैं और मारे गए लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं.
India stands with Afghanistan in fighting all types of terrorism. Forces supporting terrorism need to be defeated.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2017
विस्फोट से जापानी दूतावास को भी नुकसान पहुंचा है. यहां की खिड़कियां चकनाचूर हो गईं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने राजधानी टोक्यो से समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि दूतावास के दो कर्मचारी मामूली रूप से घायल हुए हैं. फ्रांस से आई खबर के मुताबिक फ्रांसीसी दूतावास और जर्मनी के दूतावास को भी नुकसान पहुंचा है.
अफगानिस्तान में फिलहाल 8,400 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, इसके अलावा 5,000 सैनिक नाटो सहयोगियों के हैं. लेकिन वे ज्यादातर परामर्श तक ही सीमित रहते हैं जबकि छह वर्ष पहले यहां एक लाख से अधिक सैनिकों के साथ अमेरिका की दमदार उपस्थिति थी.
यह विस्फोट काबुल में लंबे समय से जारी हमलों का ही हिस्सा है. वर्ष 2017 के पहले तीन महीनों में राजधानी के ईदगिर्द के प्रांत में सबसे ज्यादा संख्या में मौत हुई हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)