महाराष्ट्र: भाजपा के इनकार के बाद राज्यपाल ने शिवसेना को दिया सरकार बनाने का न्योता

महाराष्ट्र में सरकार बनाने का न्योता मिलने के बाद केंद्र में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी. वहीं, शिवसेना को समर्थन देने के प्रस्ताव पर कांग्रेस और एनसीपी के वरिष्ठ नेता विचार-विमर्श कर रहे हैं.

/
Aurangabad: Shiv Sena party chief Uddhav Thackeray addresses in support of BJP-Shiv Sena candidate Ramesh Bornare ahead of the Maharashtra Assembly polls, at Vaijapur in Aurangabad district of Maharashtra, Thursday, Oct. 10, 2019. (PTI Photo) (PTI10_10_2019_000131B)

महाराष्ट्र में सरकार बनाने का न्योता मिलने के बाद केंद्र में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी. वहीं, शिवसेना को समर्थन देने के प्रस्ताव पर कांग्रेस और एनसीपी के वरिष्ठ नेता विचार-विमर्श कर रहे हैं.

Aurangabad: Shiv Sena party chief Uddhav Thackeray addresses in support of BJP-Shiv Sena candidate Ramesh Bornare ahead of the Maharashtra Assembly polls, at Vaijapur in Aurangabad district of Maharashtra, Thursday, Oct. 10, 2019. (PTI Photo) (PTI10_10_2019_000131B)
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने रविवार को दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया. उन्होंने यह कदम भाजपा की ओर से सरकार बनाने से इनकार करने के कुछ घंटे बाद उठाया.

राजभवन के अधिकारी ने बताया, ‘शिवसेना को सोमवार को शाम साढ़े सात बजे तक सरकार बनाने पर अपने रुख की जानकारी देनी होगी.

सरकार बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा शिवसेना को दिए गए न्योते पर पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा, अगर राज्यपाल हमें अधिक समय देते तो यह आसान होता. भाजपा को 72 घंटे दिए गए थे, जबकि हमें कम समय दिया गया. यह राष्ट्रपति शासन लगाने की भाजपा की रणनीति है.

उल्लेखनीय है कि 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105, शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है. विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को क्रमश: 44 और 54 सीटों पर जीत मिली है और राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.

अब शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता मिलने के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस से बातचीत की कोशिशों में लगी है.

हालांकि, महाराष्ट्र में पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा था कि शिवसेना को पहले भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर निकलना होगा, फिर उसको समर्थन देने पर कोई चर्चा होगी.

इसके बाद, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने सोमवार को केंद्र की एनडीए सरकार से अलग होने की घोषणा कर दी. मोदी मंत्रिमंडल में शिवसेना के इकलौते मंत्री ने टि्वटर पर अपने फैसले की घोषणा की.

सावंत ने ट्वीट किया, ‘शिवसेना सच के साथ है. मुझे दिल्ली में झूठ के माहौल में क्यों रहना चाहिए? मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं और दिल्ली में सुबह 11 बजे एक संवाददाता सम्मेलन में बोलूंगा.’

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता और सीटों की साझेदारी पर एक फार्मूला तय हुआ था. शिवसेना और भाजपा दोनों इस पर राजी हुए थे.

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘लेकिन अब यह हैरान करने वाला है कि जो तय हुआ था उससे इनकार किया गया और शिवसेना को ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे वह झूठ बोल रही है. यह स्तब्ध कर देने वाला है. यह राज्य के गौरव पर धब्बा है. भाजपा ने झूठ की हदें पार करके अपने रास्ते बदल लिए हैं.’

हालांकि, सावंत के इस्तीफे के बाद पवार ने कहा, मैंने किसी के इस्तीफे के बारे में किसी से बात नहीं की थी. हम आज कांग्रेस से बात करेंगे. जो भी फैसला लिया जाएगा वह कांग्रेस से चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.

वहीं, शिवसेना के सरकार बनाने के प्रस्ताव के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज मुंबई में पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक करेंगे. इसमें प्रफुल पटेल, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल और अन्य नेता मौजूद रहेंगे.

वहीं, कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के सभी कांग्रेस विधायक रविवार को जयपुर पहुंच गए और शिवसेना के नेतृत्व में सरकार गठन की संभावना पर चर्चा की. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं भी बैठक में भाग लिया.

इसके बाद सोमवार की सुबह वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे.

इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक राज्य में राजनीतिक रूख को लेकर आलाकमान से सलाह लेंगे.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम जयपुर में हैं. हम मुद्दे पर यहां चर्चा करेंगे और भविष्य के राजनीतिक रूख पर सलाह लेंगे. पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है.’ चव्हाण ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पक्ष में हैं.

इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात कर राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की.

अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और बालासाहेब थोराट जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित सभी 44 विधायक महाराष्ट्र में सरकार बनाने के गतिरोध के मद्देनजर खरीद फरोख्त का शिकार होने के डर से कांग्रेस शासित राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक रिसॉर्ट में ठहरे हैं.

वहीं, महाराष्ट्र में सबसे पार्टी सीटों वाली पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने से इनकार करने के बाद अपनी आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए कार्यकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के आवास पर आज बैठक होगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)