हिंगोनिया गोशाला मामले पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने यह भी सुझाव दिया है गोहत्या पर आजीवन कारावास की सजा दी जाए.
जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर ज़रूरी कदम उठाए.
राजस्थान पत्रिका के अनुसार, राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि गाय, बछड़े जीवित और निरीह प्राणी है और हिन्दुओं की गाय में गहरी आस्था है. अपने अंतिम कार्यदिवस पर जागो जनता सोसायटी की याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश महेशचंद्र शर्मा ने ये भी सुझाव दिया है गोहत्या पर आजीवन कारावास की सजा दी जाए.
शर्मा की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘नेपाल एक हिंदू देश है और उसने गाय का राष्ट्रीय पशु घोषित किया है. भारत पशुपालन पर आधारित एक कृषि प्रधान देश है. आर्टिकल 48 और 51ए (जी) के तहत राज्य सरकार से यह अपेक्षा है कि वे देश में गाय के लिए कानून लाने के प्रभावी कदम उठाए.’
गौरतलब है कि संविधान के आर्टिकल 48 में कहा गया है कि राज्य को गायों, बछड़ों और अन्य मवेशियों के वध को रोकने, उनकी नस्लों को बनाए रखने व सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए. वहीं आर्टिकल 51ए (जी) में प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करने और जीवित प्राणियों के लिए रहने लायक बनाए रखने पर चर्चा की गई है.
Declare cow as 'national animal', life sentence for cow slaughter: Rajasthan HC to Centre
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— ANI Digital (@ani_digital) May 31, 2017
अपने 145 पेज के आदेश में न्यायाधीश ने कहा, ‘सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए. इसके लिए मुख्य सचिव और एडवोकेट जनरल को गाय का कानूनी संरक्षक घोषित किया जाना चाहिए.’
अदालत ने यह निर्देश हिंगोनिया गौशाला मानने की सुनवाई के दौरान दी. गौरतलब है कि पिछले साल जयपुर में सरकार द्वारा चलाए जा रहे गोशाला में सैकड़ों गायों के मरने की खबर आई थी.
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)