सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों की अयोग्यता बरकरार रखते हुए उन्हें आगामी उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी. बीते जुलाई महीने में इन विधायकों को तत्कालीन विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य घोषित किया गया था.
बेंगलुरु: अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस-जेडीएस के 16 विधायक आगामी विधानसभा उपचुनाव लड़ने का मार्ग उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रशस्त किए जाने के एक दिन बाद गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए हैं. इसके बाद इनमें से 13 विधायकों को पार्टी से उपचुनाव का टिकट भी मिल गया है.
BJP announces names of 13 rebel MLAs(disqualified) as its candidates for the first list of assembly bypolls in Karnataka. The Congress-JDS rebel MLAs had joined BJP earlier today in Bengaluru. pic.twitter.com/wGpMiTaxB7
— ANI (@ANI) November 14, 2019
गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, प्रदेश भाजपा प्रमुख नलिन कुमार कतील और कर्नाटक के प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने इन विधायकों का पार्टी में स्वागत किया.
Bengaluru: 15 rebel Karnataka MLAs of Congress and JD(S) joined BJP today in the presence of Chief Minister BS Yediyurappa. 17 MLAs were disqualified by the state assembly speaker KR Ramesh Kumar and their disqualification was upheld by the Supreme Court, yesterday. pic.twitter.com/xznVMPKWaQ
— ANI (@ANI) November 14, 2019
हालांकि शिवाजीनगर से कांग्रेस के अयोग्य ठहराए विधायक आर रोशन बेग गुरुवार को भाजपा में शामिल नहीं हुए.
भाजपा सूत्रों ने बेग को लेकर पार्टी नेतृत्व द्वारा ‘आपत्तियां’ जताए जाने का हवाला दिया. बेग के खिलाफ आईएमए पोंजी घोटाला मामले में जांच चल रही है. दिलचस्प यह है कि सात बार विधायक रहे बेग ने बुधवार को दावा किया था कि वह अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होंगे.
राज्य की 15 विधानसभा सीटों पर आगामी 5 दिसंबर को उपचुनाव होने हैं और भाजपा का लक्ष्य इन 15 विधानसभा सीटों में से अधिकतर पर जीत दर्ज करने का है.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार द्वारा कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को बरकरार रखा लेकिन उनके उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर दिया.
अदालत ने आर रमेश कुमार के आदेश का वह हिस्सा निरस्त कर दिया, जिसमें इन विधायकों को 15वीं विधानसभा के कार्यकाल के अंत तक के लिए अयोग्य घोषित किया गया था. कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 2023 तक है.
अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस के जो विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं उनमें प्रताप गौडा (मस्की), बीसी पाटिल (हिरेकेरूर), शिवराम हेब्बार (येल्लापुर), एसटी सोमशेखर (यशवंतपुर), बी. बासवराज (केआर पुरम), आनंद सिंह (विजयनगर), एन मणिरत्न (आरआर नगर), के सुधाकर (चिकबलपुर), एमटीबी नागराज (गोकक), महेश कुमारतली (अथानी) और आर शंकर (राणिबेन्नुर) शामिल हैं.
जेडीएस के जो अयोग्य विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं उनमें के गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट), एएच विश्वनाथ (हुन्सुर) और केसी नारायण गौडा (के आर पेट) शामिल हैं.
होस्कोटे में भाजपा के बागी और 2018 के विधानसभा चुनाव में हारने वाले उम्मीदवार शरथ बाचेगौडा ने उपचुनाव निर्दलीय लड़ने का फैसला किया है और जेडीएस ने भी उनका समर्थन करने का इरादा जताया है.
कगवाड में पूर्व भाजपा विधायक राजू कागेने पार्टी छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया है.
इन विधायकों के प्रतिनिधित्व वाले 17 निर्वाचन क्षेत्रों में से 15 पर उपचुनाव होंगे जबकि मस्की और आरआर नगर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव पर रोक है क्योंकि उनके संबंध में मामले उच्च न्यायालय में लंबित हैं.
भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए इन 15 में से कम से कम छह सीटों पर जीत की जरूरत होगी.
द क्विंट के मुताबिक भाजपा ने 15 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 13 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दिया है. जिसमें सभी उम्मीदवार अयोग्य ठहराए गए बागी विधायक हैं. 15 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में से 12 सीटें कांग्रेस के पास और तीन जेडीएस के पास थीं.
बता दें कि रमेश कुमार ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के इन 17 विधायकों को जुलाई में विश्वास मत से पहले अयोग्य घोषित कर दिया था, जो इस्तीफा सौंपने के बाद मुंबई चले गए थे.
तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद राज्य में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार बन गई थी.
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने येदियुरप्पा सरकार पर निशाना साधते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग की. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि विधायकों को अयोग्य ठहराना सही है तो ऐसे में भाजपा का ‘ऑपरेशन कमल’ का पर्दापाश हो गया.
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कर्नाटक में ‘ऑपरेशन कमल’ के ढोल की पोल खोल दी!
सर्वोच्च अदालत ने आज कर्नाटक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा धन एवं बाहुबल के निर्लज्ज प्रयोग के ज़रिए विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त से सरकार बनाने के अनैतिक प्रयोग को ख़ारिज कर दिया है।
हमारा बयान: pic.twitter.com/AEJNFJ3fAT
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 13, 2019
उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने आज कर्नाटक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा धन और बाहुबल के निर्लज्ज प्रयोग के जरिए विधायकों की खरीद-फरोख्त से सरकार बनाने के अनैतिक प्रयोग को खारिज कर दिया.’
सुरजेवाला ने पूरे मामले में भाजपा नेतृत्व की भूमिका पर भी सवाल उठाया और इसको लेकर जांच की भी मांग की. साथ ही उन्होंने येदियुरप्पा सरकार को कानून और संविधान के लिहाज से नाजायज सरकार बताते हुए इसे तुरंत बर्खास्त करने और धन-बल से विधायकों को खरीदकर चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश की जांच करने की मांग की.
वहीं कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा, ‘अगर भाजपा में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो इन बागी विधायकों को टिकट न दे.’ पूर्व सीएम सिद्धरमैया ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जो हुआ वह गलत था और जनता का विश्वास तोड़ा गया.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)