शहरी नक्सलियों के ख़िलाफ़ प्रभावी कार्रवाई करे सीआरपीएफ: अमित शाह

सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि पहली बार सीआरपीएफ मुख्यालय पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले छह महीनों के भीतर शहरी नक्सलियों तथा उनकी मदद करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि पहली बार सीआरपीएफ मुख्यालय पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले छह महीनों के भीतर शहरी नक्सलियों तथा उनकी मदद करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के मुख्यालय में शुक्रवार को पहली बार पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बल को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों तथा शहरी नक्सलियों के खिलाफ ‘प्रभावी एवं निर्णायक’ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

अधिकारियों ने बताया कि लोधी रोड पर सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीआरपीएफ के मुख्यालय में आए शाह ने दो घंटे तक बैठक की और सभी तरह की तैयारियों एवं जवानों की तैनाती की समीक्षा की.

उन्होंने बताया कि शाह ने सीआरपीएफ को ‘अगले छह महीने में नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी एवं निर्णायक अभियान चलाने का निर्देश दिया.

उन्होंने बताया कि गृह मंत्री ने बल को ‘शहरी नक्सलियों तथा उनकी मदद करने वालों के खिलाफ’ कार्रवाई करने को कहा.

नवगठित केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा करते हुए शाह ने सीआरपीएफ से वहां स्थानीय लोगों एवं युवाओं के लिए खेल और पर्यटन के कार्यक्रमों का आयोजन करने के अलावा नागरिक कार्य योजना की शुरूआत करें.

उन्होंने बताया कि बल को ग्रामीणों तक पहुंचना चाहिए और उन्हें विभिन्न केंद्रीय योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में उनकी सहायता करनी चाहिए जिसके वह पात्र हैं. अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने जवानों के लिए ‘उचित शीतकालीन प्रावधान’ सुनिश्चित करने के लिए भी बल को निर्देश दिया.

जम्मू कश्मीर के विभाजन के बाद बल ने अतिरिक्त जवान वहां भेजे हैं और घाटी में फिलहाल सीआरपीएफ के एक लाख जवान तैनात हैं.

अधिकारियों ने बताया कि बैठक के दौरान बुनियादी ढांचे और उपकरणों की जरूरत पर भी चर्चा हुई और बल महानिदेशक आर आर भटनागर सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने इस दौरान गृह मंत्री को एक प्रतिवेदन भी दिया.

उन्होंने बताया कि नक्सलियों के मामले पर चर्चा करने के दौरान मंत्री ने बल के शिविरों में बुनियादी ढांचे में सुधार लाने और परिष्कृत विस्फोटक उपकरणों के खिलाफ उपायों के बारे में भी चर्चा की. शाह ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क तथा बुनियादी चिकित्सा सुविधा बेहतर करने पर जोर दिया.

अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान जवानों के कल्याण पर भी चर्चा हुई. उन्होंने बल को जवानों और उनके परिवार के लिए डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड बनाना सुनिश्चित किये जाने पर भी जोर दिया.

उन्होंने बताया कि गृह मंत्री ने ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले जवानों के परिजनों के घर वरिष्ठ अधिकारियों को जाने तथा उनके साथ समय व्यतीत करने के लिए कहा ताकि उनकी जरूरतों के बारे में जानकारी मिल सके.

शाह ने इस दौरे की कुछ तस्वीरें अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि देश को अर्द्धसैनिक बल के जवानों की ‘अनुकरणीय वीरता’ पर गर्व है.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में तीन लाख से अधिक जवान हैं और आंतरिक सुरक्षा एवं नक्सल विरोधी अभियान के लिए प्रमुल बल के रूप में नामित है.

शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘केरिपुब के जवान देश की सुरक्षा के लिए विभिन्न क्षेत्रों में हमेशा अपने ध्येय वाक्य (मोटो) ‘सेवा’ एवं ‘निष्ठा’ के लक्ष्य के साथ रहते हैं. बल के जवानों और उनके परिजनों के साहस एवं बहादुरी के लिए मैं उन्हें सलाम करता हूं.’

बल के मुख्यालय में शाह ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और गुजरात के कच्छ के रण स्थित ‘सरदार चौकी’ की मिट्टी से भरे कलश पर माल्यार्पण किया. यह कलश मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर रखा गया है. पाकिस्तान के हमले के दौरान 1965 में इस चौकी की सुरक्षा की जिम्मेदारी बल के पास थी.

शाह ने कहा कि युवाओं को वीरता की इस कहानी से अवगत कराया जाना चाहिए. गृह मंत्री ने कहा कि अपने जीवन का बलिदान करने वाले सैनिकों का देश ‘हमेशा ऋणी’ रहेगा.

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्री बने शाह के लिए यह पहला मौका है जब उन्होंने देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल के मुख्यालय का दौरा किया है. मुख्यालय आने पर शाह को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.