सरकार ने 2024 तक प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत 23 राज्यों के कुल 102 शहरों की पहचान की है. इसमें से एक दिल्ली भी है.
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल होने के बावजूद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत वित्त वर्ष 2019-20 के लिए दिल्ली को कोई राशि आवंटित नहीं की है.
सरकार ने 2024 तक प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए एनसीएपी के तहत 23 राज्यों के कुल 102 शहरों की पहचान की है. इसमें से एक दिल्ली भी है.
मध्य प्रदेश से भाजपा सांसद प्रभात झा के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बीते सोमवार को राज्यसभा में शहरों को आवंटित की गई राशि के बारे में जानकारी दी. इसमें दिल्ली का नाम नहीं है.
जावड़ेकर के जवाब के मुताबिक इस साल केंद्र ने 102 में से कुल 90 शहरों के लिए एनसीएपी के तहत कुल 172.86 करोड़ रुपये के फंड का आवंटन किया गया है. इसमें से सबसे ज्यादा 30.72 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के 13 शहरों के लिए आवंटित किए गए हैं.
इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जिसके लिए 25.20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. छत्तीसगढ़ को 12.06 करोड़ रुपये, गुजरात को 12 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 12.36 करोड़ रुपये, पंजाब को 12.48 करोड़ रुपये और राजस्थान को 18.12 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
द हिंदू के मुताबिक इस साल के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनसीएपी के लिए 406 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. साल 2011-2015 के बीच व्यापक वायु गुणवत्ता डेटा और 2014-18 डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के आधार पर एनसीएपी के तहत 102 शहरों की पहचान की गई है.
इन 102 शहरों में से 28 शहरों, जहां की जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा है और पीएम 10 की वायु गुणवत्ता 90 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब (90ug/m³) से ज्यादा है, के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री 10 करोड़ रुपये का फंड मुहैया करा रहा है.
28 प्राथमिकता वाले शहर हैं: विजयवाड़ा, चंडीगढ़, रायपुर, भिलाई, सूरत, अहमदाबाद, धनबाद, बैंगलोर, भोपाल, ग्वालियर, मुंबई, नागपुर, नवी मुंबई, पुणे, भुवनेश्वर, कटक, लुधियाना, अमृतसर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, कोलकाता , पटना, आगरा, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी.
इन 102 शहरों के अलावा अन्य शहर जिनकी जनसंख्या पांच लाख से कम है उन्हें 10 लाख रुपये और जिनकी जनसंख्या पांच लाख से 10 लाख है उन्हें 20 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं.