क्या भाजपा किसी दलित या आदिवासी को राष्ट्रपति बनाने की सोच रही है?

संप्रग सरकार के समय राष्ट्रपति बने प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 25 जुलाई को समाप्त होने वाला है.

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संप्रग सरकार के समय राष्ट्रपति बने प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 25 जुलाई को समाप्त होने वाला है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

ऐसी अटकलें हैं कि राजग सरकार की ओर किसी आदिवासी या दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार के तौर पर आगे किया जा सकता है.

हाल ही में आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच हुई बैठक में संघ परिवार की ओर से भाजपा से कहा गया है कि भारत के सर्वोच्च पद का उम्मीदवार के तौर पर किसी दलित या आदिवासी समुदाय के व्यक्ति पर भी ग़ौर किया जाए.

इस बैठक के बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है. इसके अलावा केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत पर भी विचार किया जा रहा है.

बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी का कार्यकाल इस साल 25 जुलाई को समाप्त होने वाला है.

एशियन एज की ख़बर के अनुसार, राजग राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में मुर्मू के नाम पर विचार कर रहा है. सत्तारूढ़ दल यह भी मानकर चल रहा है कि उनके दलित आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने के कारण विपक्ष भी विरोध नहीं कर पाएगा.

द्रौपदी मुर्मू मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं. राज्य में भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में वह वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार वाली राज्य मंत्री थीं. उनके अलावा केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में शामिल हैं.

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राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए केंद्रीय मंत्री थारवचंद गहलोत और झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की भी चर्चा है. (फोटो:पीटीआई)

बताया जा रहा है कि हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नागपुर में आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी इस विषय पर चर्चा की है.

राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी के भीतर से और भी नामों का ज़िक्र किया जा रहा है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के साथ-साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू के नामों की भी चर्चा है, लेकिन संघ चाहता है कि किसी आदिवासी या दलित समुदाय के व्यक्ति को इस पद के लिए चुना जाए.

अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार को जिताने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास 25,000 वोट कम हैं. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अगर उन्हें किसी एक ग़ैर राजग दल का समर्थन मिल जाए तो पार्टी इस पद के लिए अपने उम्मीदवार को जीता लेगी. विपक्षी दलों के पास कितने आंकड़े हैं, यह बात अभी साफ़ नहीं हो पाई है.

विपक्ष की तरफ से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर दौड़ में शामिल माना जा रहा था. हालांकि पवार ने इस बात का खंडन कर दिया है. उनके अलावा विपक्ष महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी के नाम पर भी विचार कर रही है.