शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का कहना है कि 288 सदस्यीय विधानसभा में उनके पास सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत है और सरकार गठन के लिए राज्यपाल को उन्हें आमंत्रित करना चाहिए.
मुंबईः महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस ने सोमवार को सभी विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों पार्टियों ने दावा किया है कि 288 सदस्यीय विधानसभा में उनके पास सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत है और सरकार गठन के लिए राज्यपाल को उन्हें आमंत्रित करना चाहिए.
तीनों दलों ने अपने समर्थन पत्र में कहा है, ‘विश्वासमत के दौरान बहुमत साबित करने में फड़णवीस के असफल रहने पर सरकार गठन के लिए शिवसेना के दावे पर विचार किया जाना चाहिए.’
Letter by Congress-NCP -Shiv Sena given at Raj Bhawan staking claim to form government, saying that the present govt doesn't have the numbers. pic.twitter.com/bpgifp6xQG
— ANI (@ANI) November 25, 2019
पत्र में कहा गया, ‘हमने शिवसेना के दावे का समर्थन कर रहे एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों के नाम की सूची संलग्न की है. इसके अलावा कई छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की सूची भी है जिन्होंने हमें समर्थन दिया है. सरकार गठन के लिए हमें तत्काल बुलाया जाना चाहिए.’
इस बीच भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनके पास एनसीपी के 54 विधायकों सहित कुल 170 विधायकों का समर्थन है. वहीं, शरद पवार का कहना है कि 50 से अधिक विधायक उनके साथ हैं.
कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से आग्रह किया कि वे उन्हें सरकार गठन के लिए आमंत्रित करें.
राज्यपाल को सौंपे गए इस पत्र पर शिवसेना नेता एकनाथ खड़गे, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट और एनसीपी के राज्य अध्यक्ष जयंत पाटिल के हस्ताक्षर हैं.
मालूम हो कि शनिवार को एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस के मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. शनिवार तड़के 5.47 बजे राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को हटा लिया गया था, जिसके बाद सुबह 7.50 पर फड़णवीस और पवार ने शपथ ली थी.
महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
इससे पहले रविवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन निरस्त कर देवेंद्र फड़णवीस की सरकार बनाने की सिफारिश करने वाले राज्यपाल के पत्रों को सोमवार सुबह अदालत में पेश करने का आदेश दिया था.
छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई में जस्टिस एनवी रमन, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती देने वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका पर रविवार को केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किए थे.
पीठ ने मुख्यमंत्री फड़णवीस और उप मुख्यमंत्री अजित पवार को भी नोटिस जारी किया था.
वहीं, सोमवार को भी इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और अदालत की तीन जजों की पीठ ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
जस्टिस एनवी रमन, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ मंगलवार सुबह 10:30 बजे तत्काल बहुमत परीक्षण कराने की मांग पर अपना फैसला सुनाएगी.
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को केंद्र सरकार को राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने से जुड़े दो दस्तावेजों को पेश करने के लिए सोमवार सुबह 10:30 बजे तक का समय दिया था. इन दो दस्तावेजों में राज्यपाल को भाजपा और एनसीपी की ओर से मिला विधायकों का समर्थन पत्र शामिल है.