पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने के बाद 23 वर्षीय कानून की छात्रा को विशेष जांच दल ने 25 सितंबर को ब्लैकमेल करने और पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. अभी वह जेल में है.
शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली और उनसे पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने की आरोपी छात्रा को मंगलवार को कॉलेज प्रशासन ने परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया. छात्रा सुबह शाहजहांपुर जेल से परीक्षा देने बरेली के रूहेलखंड विश्वविद्यालय गई थी.
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के मामले में रंगदारी मांगने की आरोपी छात्रा बीते सोमवार को एलएलएम प्रथम सेमेस्टर की बैक पेपर की परीक्षा देने गई थी. सोमवार को छात्रा को एमजेपी रूहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से एलएलएम तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं दिया गया था, क्योंकि छात्रा की इस सेमेस्टर में 75 फीसदी उपस्थिति नहीं थी.
जेलर राजेश कुमार राय ने बताया कि छात्रा पुलिस सुरक्षा में मंगलवार सुबह बरेली में एलएलएम तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भेजी गई.
एमजेपी रूहेलखंड विश्वविद्यालय के विधि विभाग के अध्यक्ष अमित सिंह ने बताया कि चिन्मयानंद प्रकरण में शाहजहांपुर की जेल में बंद छात्रा आज तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा देने आई थी, परंतु उसके पास प्रवेश पत्र नहीं था क्योंकि उसकी उपस्थिति 75 प्रतिशत नहीं होने के कारण उसे प्रवेश पत्र जारी नहीं किया गया था.
अमित सिंह ने बताया कि न्यायालय की ओर से भी ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था, जिसमें 75 फीसदी उपस्थिति नहीं होने के बाद भी छात्रा को परीक्षा में बैठने देने की बात हो. इसी आशय का पत्र छात्रा को लेकर आई पुलिस टीम को दे दिया गया है और पत्र के माध्यम से ही जेल प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है.
गौरतलब है कि रंगदारी मांगने के मामले में पिछले 25 सितंबर से जेल में बंद इसी छात्रा ने चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाया था इस मामले में चिन्मयानंद को गत 20 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इसके बाद एसआईटी ने बताया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने खुद पर लगे लगभग सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैं.
बीते अगस्त महीने में चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने के बाद छात्रा कथित तौर पर लापता हो गई थी. काफी खोजबीन के बाद पुलिस को वह राजस्थान में मिली थी.
इसके बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे दिल्ली में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया गया था. शीर्ष अदालत ने एसआईटी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था.
इस मामले में छात्रा के पिता की शिकायत पर कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया था, लेकिन इससे एक दिन पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने छात्रा और उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था.
इसके बाद 23 वर्षीय कानून की छात्रा को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 25 सितंबर को ब्लैकमेल करने और पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)