53वीं बार तबादला किए जाने पर हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने कहा कि कल संविधान दिवस मनाया गया. आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया. ईमानदारी का ईनाम जलालत.
नई दिल्ली: हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने एक बार फिर से अपना तबादला किए जाने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि कल संविधान दिवस मनाया गया और आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया.
बता दें 53वीं बार तबादला करते हुए हरियाणा सरकार ने खेमका को अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभागों का प्रधान सचिव बना दिया. फिलहाल खेमका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव हैं.
इससे पहले इस साल मार्च में ही उन्हें खेल एवं युवा मामले विभाग से हटाकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव का जिम्मा सौंपा गया था. वहीं, बीते साल नवंबर में उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव पद से हटाकर खेल एवं युवा मामले के विभाग में तैनात किया गया था.
फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं।
कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे।
अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 27, 2019
एक बार फिर से तबादला किए जाने पर खेमका ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा, ‘फिर तबादला. लौट कर फिर वहीं. कल संविधान दिवस मनाया गया. आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया. कुछ प्रसन्न होंगे. अंतिम ठिकाने जो लगा. ईमानदारी का ईनाम जलालत.’
बता दें कि, अक्टूबर 2013 में पूर्व कैबिनेट सचिव टीआरएस. सुब्रमण्यम सहित 83 सेवानिवृत्त नौकरशाहों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह सिविल सेवा अधिकारियों के तबादले में राजनीतिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए तय कार्यकाल का नियम लाए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य स्तर पर सिविल सेवा बोर्ड बनाने का भी निर्देश दिया था.
इसके बाद साल 2014 में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने दो साल से पहले सिविल अधिकारियों के तबादले पर रोक लगा दी थी. हालांकि, अगर फिर भी तबादला करने की आवश्यकता हो तो एक सिविल सेवा बोर्ड का गठन करना होगा और उसकी सिफारिश पर ही तबादला किया जाएगा. बोर्ड को तबादले का कारण भी बताना होगा.
अशोक खेमका 1991 बैच के हरियाणा काडर के आईएएस अधिकारी हैं. गुरुग्राम में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की जमीन सौदे से जुड़ी जांच के कारण अशोक खेमका सुर्खियों में आए थे.
नवंबर 2014 में तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के जमीन सौदे से जुड़े खुलासे के बाद खेमका का तबादला परिवहन विभाग में कर दिया था. सरकार के इस कदम की काफी आलोचना हुई थी.