बुलेट ट्रेन परियोजना को उन किसानों और आदिवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिनकी भूमि अधिग्रहित की जानी है.
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन समेत राज्य में चल रही सभी विकास परियोजनाओं की समीक्षा के आदेश दिए हैं. बता दें, बुलेट ट्रेन परियोजना को उन किसानों और आदिवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिनकी भूमि अधिग्रहित की जानी है.
इससे कुछ दिन पहले ही ठाकरे ने मुंबई की आरे कालोनी में मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट पर भी रोक लगा दी. ये दोनों परियोजनाएं एनडीए सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं.
उन्होंने रविवार देर रात कहा, ‘यह सरकार आम आदमी की है. जैसा कि आपने अभी पूछा, हां, हम बुलेट ट्रेन (परियोजना) की समीक्षा करेंगे. क्या मैंने आरे कार शेड की तरह बुलेट ट्रेन परियोजना को रोका है? नहीं.’ ठाकरे ने बताया कि उनकी सरकार राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र भी लाएगी.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, ‘हमने मौजूदा समय में चल रहीं विकास परियोजनाओं पर अपडेट मांगा है. इसके बाद हम तय करेंगे कि क्या पहले किया जाना चाहिए.’
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य सरकार, जिस पर करीब पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, वह किसानों का बिना शर्त कर्ज माफ करने को लेकर प्रतिबद्ध है.
बता दें, यह घोषणाएं तब की गई है जब एक दिन पहले ही शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की ठाकरे के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 169 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत जीत लिया.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में पूर्ववर्ती भाजपा की अगुवाई वाली सरकार की जो प्राथमिकताएं थीं, उन्हें ‘हटाया’ नहीं गया है. उन्होंने कहा कि इसमें प्रतिशोध की राजनीति नहीं है.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सितंबर 2017 में बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत की थी. अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा होगा जिसमें 12 स्टेशन होंगे. इस पर बुलेट ट्रेन 320 से 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी.
हालांकि किसानों ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि केंद्र की इस महत्वाकांक्षी 1.10 लाख करोड़ रुपये की परियोजना से काफी किसान प्रभावित हुए हैं और वे इसका विरोध करते हैं.
इस परियोजना के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में करीब 1,400 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जिसमें से 1,120 हेक्टेयर निजी तौर पर स्वामित्व में है. लगभग 6,000 भूमि मालिकों को मुआवजा देना होगा.
क्या है बुलेट ट्रेन परियोजना
इस परियोजना की कुल लंबाई 508.90 किमी है. जिसमें 487 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर और 22 किमी सुरंग बननी है. प्रस्तावित 12 स्टेशन में से आठ का निर्माण गुजरात में होना है. गुजरात में इसकी लंबाई 349.03 किमी है जबकि महाराष्ट्र में 154.76 किमी है. वहीं 4.3 किमी यह दादरा एवं नगर हवेली से गुजरेगी.
इस पूरी परियोजना के लिए गुजरात में 612.17 हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 246.42 हेक्टेयर और दादरा नगर हवेली में 7.52 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट को 15 अगस्त 2022 तक शुरू कर देना चाहती है.
गौरतलब है कि उच्च गति से चलने वाली यह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद की 500 किमी की दूरी को तीन घंटे से कम समय में पूरा करेगी, जिसके लिए अभी सात घंटे लगते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)