तमिलनाडु में भारी बारिश से दीवार गिरने से 17 लोगों की मौत, इरोड ज़िले में बाढ़ का अलर्ट जारी

उत्तर पूर्वी मानसून की बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों में तमिलनाडु के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं. राज्य के इरोड जिले में भवानी नदी के तट के पास रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.

Coimbatore: Rescue work being carried out at the site of the wall collapse in Nadur village of Mettupalayam taluk, near Coimbatore, Monday, Dec. 2, 2019. Seventeen people were killed in the incident on Sunday night after the compound wall of three tile roofed houses collapsed on them, reportedly due to rains. (PTI Photo) (PTI12_2_2019_000107B)

उत्तर पूर्वी मानसून की बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों में तमिलनाडु के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं. राज्य के इरोड जिले में भवानी नदी के तट के पास रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.

Coimbatore: Rescue work being carried out at the site of the wall collapse in Nadur village of Mettupalayam taluk, near Coimbatore, Monday, Dec. 2, 2019. Seventeen people were killed in the incident on Sunday night after the compound wall of three tile roofed houses collapsed on them, reportedly due to rains. (PTI Photo)   (PTI12_2_2019_000107B)
तमिलनाडु में कोयम्बटूर के पास मेट्टुपलायम तालुका के नादूर गांव में दीवार गिरने के बाद राहत और बचाव कार्य में लगे कर्मचारी. (फोटो: पीटीआई)

कोयंबटूर/इरोड: तमिलनाडु में कोयम्बटूर के नजदीक मेट्टुपलायम में भारी बारिश के कारण एक दीवार के कई मकानों पर गिरने से 10 महिलाओं और दो बच्चों सहित कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई.

पुलिस ने बताया कि भारी बारिश के कारण पूरी तरह कमजोर पड़ चुकी निजी परिसर की 15 फुट ऊंची दीवार सुबह करीब पांच बजे नजदीकी घरों की छत पर गिर गई, जिससे घरों में सो रहे कई लोग अंदर ही दब गए.

दमकल एवं बचाव सेवा कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से मलबे से शव बाहर निकाले. बचाव अभियान अभी जारी है.

मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने घटना पर शोक जताते हुए मारे गए लोगों के परिवारों के लिए राज्य आपदा राहत कोष से चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा भी की.

कोयंबटूर जिला कलेक्टर के. राजामणि और पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे.

कलेक्टर ने पत्रकारों से कहा कि ग्रामीणों ने उन्हें परिसर में दीवार निर्माण के मामले पर उनसे बात की थी.

राजामणि ने कहा कि जिला प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ग्रामीणों के सुझावों पर गौर करेगा. वह आगे की कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट देंगे.

उन्होंने कहा कि मेट्टुपलायम सरकारी अस्पताल में भी सेवाओं को बेहतर किया जाएगा ताकि स्थानीय लोगों को जिला मुख्यालय तक न जाना पड़े.

उत्तर पूर्वी मानसून की बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं.

राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इन 17 लोगों की मौत के साथ  बीते 29 नवंबर से राज्य में बारिश जनित हादसों में तकरीबन 25 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा तूतीकोरिन, कुड्डालोर और तिरुनेलवेली जिले में बने राहत शिविरों में तकरीबन एक हजार लोगों को रखा गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दक्षिण पश्चिम अरब सागर, लक्षद्वीप, केरल और कर्नाटक के समुद्र तट, दक्षिण तमिलनाडु तट, मन्नार की खाड़ी और कोमोरिन मालदीव क्षेत्र में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान लगाया है.

मौसम विभाग ने मछुआरों को इन क्षेत्रों में जाने से मना किया है. विभाग ने केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक के समुद्र तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना भी जताई है.

लोअर भवानी बांध में जलस्तर बढ़ा, इरोड जिले में बाढ़ का अलर्ट जारी

तमिलनाडु के पश्चिमी जिले इरोड में भवानी नदी के तटों के आस-पास रहने वाले लोगों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि जलग्रहण क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश होने के कारण नदी पर बने बांध में पानी का स्तर बढ़ गया है.

लोअर भावनी प्रोजेक्ट जलाशय में जलस्तर 105 फुट के अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गया और जल संग्रहण क्षेत्र में पानी अधिकतम 32.8 टीएमसी फुट की क्षमता के मुकाबले 32 टीएमसी फुट से ऊपर जमा हो गया है.

जलस्तर बढ़ने की वजह से लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सोमवार की सुबह 3,500 क्यूसेक से तीन गुणा ज्यादा यानी 11,950 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा.

अधिकारियों ने बताया कि परिणामस्वरूप राजस्व अधिकारियों ने बाढ़ का अलर्ट जारी किया और भवानी नदी के तट के पास रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.

पर्वतीय नीलगिरि जिले और पड़ोस के कोयंबटूर जिले के मेट्टूपलायम के जल संग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद इस साल यह छठी बार है जब बांध में जलस्तर बढ़ गया है.

इस बीच, कई किसान संगठनों ने लोवर भवानी प्रोजेक्ट के तहत आने वाले क्षेत्रों में फसल की सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की अपील की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)