केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर गृह मंत्री ने अपने मंत्रालय के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया.
नई दिल्ली: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि देखा जाए तो भारत मुस्लिम जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा देश है, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं. मुस्लिम जनसंख्या इतनी बड़ी होने के बावजूद आतंकी संगठन आईएसआईएस आज तक भारत में अपना पैर नहीं जमा पाया है.
सिंह ने कहा, ‘आतंकवादी संगठनों के ख़िलाफ़ संगठित कार्रवाई करने से हमने कुछ उपलब्धियां भी हासिल की हैं. इंडियन मुजाहिदीन के लिए काम करने वाले पांच लोगों को एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मौत की सज़ा सुनाई है. इससे स्वाभाविक है कि उनकी कमर टूटी है.’
उन्होंने कहा, ‘साथ ही केंद्र और राज्य की एजेंसियों के बेहतर सामंजस्य की वजह से हमें आईएसआईएस के ख़तरे को नियंत्रित करने में भी एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. हम तकरीबन आईएसआईएस से लगाव रखने वाले 90 लोगों को पकड़ने में भी कामयाब हुए हैं.’
गृह मंत्री ने आगे कहा, ‘इसी तरह नॉर्थ ईस्ट में यूएनएलएफ जो कि एक विद्रोही संगठन है, इसके शीर्ष नेतृत्व को एनआईए ने सात से लेकर 10 वर्ष की कठोर सज़ा दिलवाने में भी कामयाबी हासिल की है.’
नरेंद्र मोदी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के मौके पर सिंह अपने मंत्रालय का रिपोर्ट कार्ड दे रहे थे. इस मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, हमने पूरी ज़िम्मेदारी से देश को सुरक्षा मुहैया करवाने की पूरी-पूरी कोशिश की.
उन्होंने बताया, ‘देशभर से आईएसआईएस के प्रति सहानुभूति रखने वाले 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आतंकी संगठनों की सूची में आईएसआईएस और अंसार-उल-अम्माह को शामिल किया गया है.’
सिंह के मुताबिक वर्ष 2011-2014 तक संप्रग सरकार के कार्यकाल के मुकाबले वर्ष 2014 से 2017 तक नक्सली हमलों में 25 फीसदी की कमी आई है. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के अंतिम तीन वर्षों की तुलना में राजग सरकार के तीन वर्षों में नक्सली हमलों में होने वाली मौतों में 42 फीसदी की कमी देखी गई है.
गृहमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में नियंत्रण रेखा पार कर किए गए लक्षित हमलों के बाद के छह महीनों में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशों में बीते वर्ष इसी अवधि की तुलना में 45 फीसदी की कमी आई है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को ख़त्म करेगी और जम्मू कश्मीर में शांति सुनिश्चित करेगी.
कश्मीरियों के हाथ में पत्थर नहीं हुनर देखना चाहता हूं
गृहमंत्री ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में शांति के स्थायी प्रयासों को फलीभूत करने की रणनीति में स्थानीय लोगों की अग्रणी भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि हम कश्मीरियों के हाथ में पत्थर नहीं बल्कि कुदरत ने उनके हाथों में जो हुनर दिया है उसे देश और राज्य के विकास में लगते देखना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि इसके मद्देनज़र ही कश्मीर के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बहाल करने में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाने के मक़सद से वहां भर्ती अभियान और अन्य रोजगारपरक कार्यक्रम शुरू किए गए हैं.
कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए सरकार द्वारा तैयार की गई रणनीति में सैन्य और सियासी विकल्प अपनाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थाई तौर पर अमन-चैन की बहाली के लिए सरकार ने एकीकृत और समग्र रणनीति अपनायी है. इसमें राज्य को आतंकवादी हिंसा से निजात दिलाने के लिये बातचीत और स्थानीय लोगों की भूमिका सुनिश्चित करने सहित सभी संभव विकल्प अपनाए जाएंगे.
सिंह ने सैन्य, सियासी और कूटनीतिक विकल्प सहित अन्य सभी तरीकों को अपनाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि कश्मीर में स्थायी शांति की रणनीति के बारे में मैंने सोच समझ कर ही बोला था. बहुत जल्द इसके परिणाम दिखेंगे और जो कुछ कश्मीर में चल रहा है वह अब लंबे समय तक नहीं चलेगा.
इस दिशा में उठाए जा रहे क़दमों के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि हम क्या करेंगे, बस देखते जाइए, हम जो भी करेंगे उससे समस्या का स्थायी समाधान होगा और कश्मीर के लोगों को साथ लेकर समाधान करेंगे.