केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से दिए गए आंकड़ों के आधार पर बताया है कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी में चार अगस्त से 5161 लोगों को हिरासत में लिया गया था. इनमें से 609 लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है.
नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के 234 कैदी उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद हैं. गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एमपी वीरेंद्र कुमार के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि नवंबर, 2019 तक जम्मू कश्मीर की जेलों में 3248 लोग बंद थे, जबकि उत्तर प्रदेश में 234 और हरियाणा में 27 कैदी बंद थे.
रेड्डी ने बताया कि 2018 में जम्मू कश्मीर की जेलों में 2728 कैदी थे, जबकि हरियाणा की जेलों में 41 लोग बंद थे. इन कैदियों में वे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें पांच अगस्त को केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद हिरासत में लिया गया था.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार ने सूचित किया है कि शांति भंग करने और राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक गतिविधियों से जुड़े अपराधों को रोकने तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कश्मीर घाटी में चार अगस्त से 5161 लोगों को हिरासत में लिया गया था. इनमें से 609 लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है.
मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद श्रीनगर से बड़ी संख्या में राजनीतिक कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में रखा गया है.
बीते सितंबर महीने में आई इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद हिरासत में लिए गए घाटी के 285 लोगों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में रखा गया था, इनमें से तरकरीबन 85 लोगों को अकेले आगरा में हिरासत में रखा गया था.
इससे पहले आगरा केंद्रीय कारागार ने एक आरटीआई आवेदक को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद राज्य से यहां लाए गए कैदियों की जानकारी देने से मना कर दिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)