बच्चों के साथ बलात्कार के दोषियों के लिए खत्म हो दया याचिका का प्रावधान: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्होंने पोक्सो के तहत दोषी ठहराए गए लोगों को दया प्रावधान की समीक्षा के लिए कहा है. अब यह संसद पर निर्भर करता है क्योंकि इसमें एक संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी.

New Delhi: President Ram Nath Kovind speaks on the first day of Budget Session, in New Delhi on Monday. PTI Photo / TV Grab (PTI1_29_2018_000051B)
New Delhi: President Ram Nath Kovind speaks on the first day of Budget Session, in New Delhi on Monday. PTI Photo / TV Grab (PTI1_29_2018_000051B)

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्होंने पोक्सो के तहत दोषी ठहराए गए लोगों को दया प्रावधान की समीक्षा के लिए कहा है. अब यह संसद पर निर्भर करता है क्योंकि इसमें एक संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी.

New Delhi: President Ram Nath Kovind speaks on the first day of Budget Session, in New Delhi on Monday. PTI Photo / TV Grab (PTI1_29_2018_000051B)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद. (फोटो: पीटीआई)

जयपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि बच्चों के साथ रेप करने वाले दोषियों दया याचिका के अधिकार से वंचित कर देना चाहिए. उन्हें इस तरह के अधिकार देने की कोई जरूरत नहीं.

उन्होंने यह बातें शुक्रवार को माउंट आबू में ब्रह्मकुमारी के मुख्यालय में आयोजित सामाजिक परिवर्तन के लिए महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन में कहीं.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘पॉक्सो एक्ट के तहत बालात्कार के दोषियों को मिलने वाली दया याचिका का अधिकार समाप्त होना चाहिए. महिलाओं की सुरक्षा देश के लिए गंभीर मुद्दा है. संसद को दया याचिका पर पुनर्विचार करना चाहिए. बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहारों की वारदात देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देती हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैंने पोक्सो के तहत दोषी ठहराए गए लोगों को दया प्रावधान की समीक्षा के लिए कहा है. अब यह संसद पर निर्भर करता है क्योंकि इसमें एक संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी. लेकिन हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, महिलाओं की सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है इस विषय पर बहुत सारे काम किए गए हैं लेकिन बहुत कुछ किया जाना बाकी है. लड़कों के बीच महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है.

बता दें कि, बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों से निपटने के लिए 2012 में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम बनाया गया था. वहीं, संविधान मृत्युदंड पर दोषियों को उनकी सजा को कम या क्षमादान दिलाने के लिए दया याचिका के साथ राष्ट्रपति से संपर्क करने की अनुमति देता है.

राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में पिछले कुछ दिनों में बलात्कार और हत्या के कई मामले लगातार सामने आए हैं. इनमें कई मामले नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और उनकी हत्या किए जाने से जुड़े हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)