आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने दावा किया कि वे जेल अधिकारियों द्वारा साझा किए गए अनुभवों के आधार पर ये बात कह रहे हैं.
पुणे: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बीते शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह देखा गया है कि जेल में बंद कैदियों को जब गायों की देखभाल का काम दिया जाता है तब उनकी आपराधिक प्रवृत्ति में कमी आती है.
उन्होंने कहा कि गाय की खूबियों को दुनिया को दिखाने के लिए इस प्रकार के निष्कर्षों का डॉक्युमेंटेशन किया जाना चाहिए. मोहन भागवत पुणे के गो-विज्ञान संशोधन संस्था द्वारा आयोजित एक पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे.
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘गाय ब्रह्मांड की मां है. वह मिट्टी, पशु, पक्षी और मनुष्य को भी पोषित करती है और उन्हें रोगों से बचाती है और मानव हृदय को फूल की तरह कोमल बनाती है. जब जेल में गोशाला बनाई गई और कैदियों ने गाय की सेवा करनी शुरू की तब अधिकारियों ने उन कैदियों की आपराधिक प्रवृत्ति में कमी आते हुए देखा.’
RSS chief Mohan Bhagwat, in Pune (Maharashtra): Cow shelters were opened in jails and inmates started rearing cows. Jailers of different prisons have told me, on 2-3 occasions, that criminal mindset of jail inmates who reared cows, decreased. (07.12.2019) pic.twitter.com/HDPqRgxVlo
— ANI (@ANI) December 7, 2019
भागवत ने दावा किया कि वे जेल अधिकारियों द्वारा साझा किए गए अनुभवों के आधार पर ये बात कह रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं आपको यह बात कुछ जेल अधिकारियों द्वारा साझा किए अनुभवों के आधार पर बता रहा हूं. यदि गायों के गुणों को दुनिया के सामने लाना है तो हमें दस्तावेज बनाने होंगे. हमें कैदियों पर मनोवैज्ञानिक प्रयोग करने होंगे और उनके द्वारा कुछ समय तक गोसेवा के बाद उनमें आये बदलावों की समीक्षा करनी होगी. विभिन्न जगहों से इसके परिणाम एकत्रित करने होंगे.’
भागवत ने कहा कि जो संगठन छुट्टा घूमती गायों को आश्रय देते हैं, उनके पास जगह की कमी होती जा रही है. भागवत ने कहा कि समाज में यदि हर व्यक्ति एक गाय को पालने का निर्णय कर ले तो यह समस्या सुलझ जाएगी और गाय बूचड़खाने में जाने से बच जाएंगी. उन्होंने कहा कि हालांकि आज हिन्दू ही हैं जो गायों को बूचड़खाने भेज रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)