दिल्ली: अनाज मंडी में आग लगने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर मालिक को किया गिरफ्तार

दिल्ली के अनाज मंडी में लगी आग की जांच करने पहुंची एनडीआरएफ ने कहा कि इमारत में कार्बन मोनोऑक्साइड भरने से अधिकांश लोगों की दम घुटकर हुई मौत हुई. गैस, तेल, कोयला और लकड़ी जैसे ईंधनों के पूरी तरह से नहीं जल पाने पर यह रंगहीन, गंधहीन खतरनाक गैस बनती है.

New Delhi: Fire tenders on their way to a factory at Rani Jhansi Road, where a major fire broke out, in New Delhi, Sunday morning, Dec. 8, 2019. Atleast 35 people were killed and several others injured in the mishap. (PTI Photo) (PTI12_8_2019_000011B)
दिल्ली के अनाज मंडी इलाके की तस्वीर. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली के अनाज मंडी में लगी आग की जांच करने पहुंची एनडीआरएफ ने कहा कि इमारत में कार्बन मोनोऑक्साइड भरने से अधिकांश लोगों की दम घुटकर हुई मौत हुई. गैस, तेल, कोयला और लकड़ी जैसे ईंधनों के पूरी तरह से नहीं जल पाने पर यह रंगहीन, गंधहीन खतरनाक गैस बनती है.

दिल्ली के अनाज मंडी इलाके की तस्वीर. (फोटो: पीटीआई)
दिल्ली के अनाज मंडी इलाके की तस्वीर. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के बीचों बीच स्थित रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 श्रमिक मारे जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फैक्ट्री मालिक रेहान और उनके मैनेजर फुरकान को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैरइरादन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

दिल्ली पुलिस नॉर्थ डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने कहा, ‘इमारत के मालिक रेहान और उसके मैनेजर फुररान को गिरफ्तार कर लिया गया है. हम मामले की जांच कर रहे हैं. हमें जो जानकारी मिली उसके अनुसार कोई अन्य शव मिलने की कोई संभावना नहीं है.’

दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि 43 श्रमिक मारे गए और दो दमकल कर्मी घायल हुए हैं. 150 दमकल कर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला.

अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी. उन्होंने बताया कि इकाइयों के पास दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था.

इस बीच, बिजली वितरण कंपनी बीवाईपीएल ने दावा किया कि इमारत के भूतल पर लगे मीटर सुरक्षित हैं, जिससे प्रतीत होता है कि आग किसी अन्य कारण की वजह से लगी.

घटनास्थल पर हृदय विदारक दृश्य था. फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर भाग रहे थे. आग की चपेट में आए लोगों के परेशान परिजन विभिन्न अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे थे.

दमकल अधिकारियों ने बताया कि इलाके के संकरा होने के कारण बचाव कार्य को अंजाम देने में दिक्कत आ रही है. जब आग लगी तो कई मजदूर गहरी नींद में थे. इमारत में हवा आने-जाने की उचित व्यवस्था नहीं थी इसलिए कई लोगों की जान दम घुटने से चली गई.

सभी झुलसे हुए लोगों और मृतकों को आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और हिंदू राव अस्पताल ले जाया गया है, जहां लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढने में लगे हैं.

बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय मनोज ने बताया कि उनका 18 साल का भाई इस हैंडबैग बनाने वाली इकाई में काम करता है. उन्होंने कहा, ‘मेरे भाई के दोस्त से मुझे जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है. मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है.’

वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, ‘कम से कम इस इकाई में 12-15 मशीनें लगी हुई हैं. मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि फैक्ट्री मालिक कौन है.’ व्यक्ति ने कहा, ‘मेरे संबंधी मोहम्मद इमरान और इकरमुद्दीन फैक्ट्री के भीतर ही थे और मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि अब वे कहां हैं.’ उन्होंने बताया कि इस परिसर में कई इकाइयां चल रही हैं. यह इलाका बेहद संकरा है.

एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर किशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में 34 लोगों को मृत लाया गया था और लोगों के मरने की मुख्य वजह धुएं की चपेट में आकर दम घुटना है. कुछ शव जले हुए थे. उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में लाए गए 15 झुलसे लोगों में से नौ निगरानी में हैं और कई आंशिक रूप से झुलसे हैं.

घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं ने दुख जताया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी क्षेत्र में आग लगने की घटना बेहद भयानक है. मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. मैं घायलों के जल्द सेहतमंद होने की कामना करता हूं. घटनास्थल पर अधिकारी हरसंभव मदद मुहैया करा रहे हैं.’

प्रधानमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के परिजन के लिए दो-दो लाख रुपये और झुलसे लोगों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये तथा झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा राशि देने की घोषणा की है.

उत्तर दिल्ली के मेयर अवतार सिंह ने कहा कि उन्होंने नगर निगम आयुक्त से एक टीम का गठन करने, घटनास्थल का दौरा करने और आग लगने के कारण का पता लगाने को कहा है.

इससे पहले, दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने जिला मजिस्ट्रेट (मध्य) को जांच करने और सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और विजय गोयल सहित कई नेता घटनास्थल पर पहुंचे.

इमारत में कार्बन मोनोऑक्साइड भरने से अधिकांश लोगों की दम घुटकर हुई मौत

दिल्ली के अनाज मंडी स्थित जिस इमारत में रविवार सुबह आग लगी थी वहां पहुंचे एनडीआरएफ के दल ने कहा कि इमारत में जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भरी थी. इमारत में लगी आग की वजह कम से कम 43 लोगों की जान चली गई.

एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा आग पर काबू करने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इमारत में गैस डिटेक्टरों की सहायता से जहरीली गैस का पता लगाया.

उन्होंने कहा, ‘हमें बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) गैस मिली. उसके बाद हमने इमारत की अच्छे से जांच की. इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल पूरी तरह से धुएं से भरी हुई थी जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक थी.’

गैस, तेल, कोयला और लकड़ी जैसे ईंधनों के पूरी तरह से नहीं जल पाने पर यह रंगहीन, गंधहीन खतरनाक गैस बनती है. एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर ने कहा कि टीम को इमारत की कुछ खिड़कियां सील मिली.

उन्होंने कहा, ‘वहां एक ही कमरा था जिसमें अधिकतर मजदूर सो रहे थे और वहां हवा के आने-जाने के लिए केवल एक स्थान था. अधिकतर मजदूरों को तीसरी मंजिल से लाया गया था. इमारत में रखे सामान के जलने की वजह से अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बन गई.’

शहर में 1997 में हुए उपहार सिनेमा हादसे के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा आग हादसा है.

बिहार के मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि: नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में लगी आग में 43 लोगों की मौत पर शोक जताया और राज्य के रहने वाले मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली में बिहार के स्थानीय आयुक्त, संयुक्त श्रम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल के हालात का जायजा लेकर राज्य से संबंधित घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करने के लिये कहा.

कुमार ने कहा कि श्रम विभाग की ओर से एक-एक लाख रुपये तथा एक-एक लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष की ओर से सहायता राशि के रूप में दिये जाएंगे. विज्ञप्ति में नीतीश के हवाले से कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के साथ हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)