झारखंड: सीआरपीएफ ने चुनाव ड्यूटी में लगे जवानों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव करने का आरोप लगाया

केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने दिल्ली मुख्यालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि सात दिसंबर को राज्य में दूसरे चरण का मतदान होने के बाद जब सैनिक 17 किमी पैदल समेत 200 किमी की दूरी तय कर रांची पहुंचे तो उन्हें न तो पीने के लिए पानी दिया गया और न ही अन्य स्थानीय मदद उपलब्ध कराई गई. ​

Bundu: A security jawan guards as people wait in queues to cast their votes at a polling station during the second phase of Jharkhand Assembly elections at Bundu, 45 kms from Ranchi, Saturday, Dec. 7, 2019. (PTI Photo) (PTI12_7_2019_000029B)

केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने दिल्ली मुख्यालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि सात दिसंबर को राज्य में दूसरे चरण का मतदान होने के बाद जब सैनिक 17 किमी पैदल समेत 200 किमी की दूरी तय कर रांची पहुंचे तो उन्हें न तो पीने के लिए पानी दिया गया और न ही अन्य स्थानीय मदद उपलब्ध कराई गई.

Bundu: A security jawan guards as people wait in queues to cast their votes at a polling station during the second phase of Jharkhand Assembly elections at Bundu, 45 kms from Ranchi, Saturday, Dec. 7, 2019. (PTI Photo) (PTI12_7_2019_000029B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए तैनात की गई सीआरपीएफ की एक इकाई ने आरोप लगाया है कि उनके जवानों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया गया. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीआरपीएफ की इस इकाई का कहना है कि उन्हें पीने और खाना बनाने के लिए वॉटर कैनन का पानी दिया गया.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 222वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट-रैंक कंपनी कमांडर ने राज्य के अधिकारियों और दिल्ली मुख्यालय को इस संबंध में पत्र लिखा है.

उन्होंने कहा कि सात दिसंबर को राज्य में दूसरे चरण का मतदान संपन्न होने के बाद जब सैनिक 200 किलोमीटर (17 किलोमीटर पैदल) की दूरी तय कर रांची पहुंचे तो उन्हें न तो पीने के लिए पानी दिया गया और न ही अन्य स्थानीय मदद उपलब्ध कराई गई.

झारखंड पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (ऑपरेशंस ) एमएल मीणा ने इन आरोपों को खारिज किया है.

राज्य में चुनावों के समन्यवक मीणा ने कहा, ‘शुरुआत में कुछ मुद्दे थे लेकिन उन्हें सुलझा लिया गया. राज्य में चुनावी दलों और सुरक्षा-बलों की भारी आवाजाही की वजह से शुरुआत में कुछ समस्याएं आई थीं. सुरक्षा-बलों की लगभग 275 कंपनियां राज्य में हैं. यह इकाई एक ट्रांजिट कैंप में थी और उनकी समस्याओं का ध्यान रखा जा रहा था.’

लगभग 100 सैनिकों की ‘गोल्फ’ कंपनी के निर्देशक सीआरपीएफ अधिकारी ने दावा किया है कि नागरिक अधिकारियों द्वारा की गई प्रशासनिक व्यवस्था अत्याधिक अपमानजनक और खराब थी.

कमांडर का कहना है कि जब उनके जवान बीते आठ नवंबर की रात को रांची में खेलगांव कॉम्प्लेक्स पहुंचे तो उनके लिए पीने के पानी या खाना पकाने के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं थी. शहर के पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने के बाद उन्हें वाटर कैनन का पानी उपलब्ध कराया गया.

अधिकारी का कहना है कि इस पानी का इस्तेमाल आमतौर पर अग्निशमन और जमीनी रखरखाव के लिए किया जाता है.

सीआरपीएफ कमांडर ने कहा कि सैनिकों के पास कोई विकल्प नहीं था, इसलिए उन्हें खाना पकाने के लिए इस पानी का इस्तेमाल करना पड़ा क्योंकि देरी हो रही थी और उन्हें भूख लगी थी.

उनके मुताबिक, सीआरपीएफ के जवान सिर्फ खिचड़ी ही पका सके, जो आधी रात तक परोसी गई.

अधिकारी ने अपने पत्र में कहा, ‘जवानों के साथ पूरी तरह से जानवरों जैसा बर्ताव किया गया. उनके सम्मान और प्रतिष्ठा का कोई ध्यान नहीं रखा गया.’

दिल्ली में सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इसके बारे में अपने झारखंड के समकक्षों को सूचित किया और वे जवानों को सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करने के लिए सभी चुनावी हितधारकों के संपर्क में हैं.

यह भी आरोप लगाया गया कि बोकारो से एक स्थानीय पुलिस अधिकारी को सीआरपीएफ इकाई की मदद करने और उनसे तालमेल बैठाने का जिम्मा दिया गया था लेकिन उसे सड़क मार्ग और अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं की कोई जानकरी नहीं थी.

मालूम हो कि झारखंड में पांच चरणों में चुनाव हो रहे हैं. शेष तीन चरणों में मतदान 12, 16 और 20 दिसंबर को होगा. मतगणना 23 दिसंबर को होगी.

सीआरपीएफ ने झारखंड में लगभग 100 कर्मचारियों की 40 से अधिक कंपनियों को तैनात किया है ताकि मतदान सुचारू रूप से संपन्न हो सकें. अन्य अर्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की इकाइयों को भी तैनात किया गया है.

झारखंड में एक हफ्ते में हुई छह सुरक्षाकर्मियों की मौत

झारखंड में पिछले एक हफ्ते में सुरक्षा बलों के छह जवानों की मौत होने की सूचना है. सोमवार को छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (सीएएफ) के एक कॉन्स्टेबल ने रांची के खेलगांव परिसर में कथित तौर पर अपने वरिष्ठ अधिकारी को गोली मारने के बाद आत्महत्या कर ली.

कॉन्सटेबल की पहचान विक्रम राजवड़े के रूप में हुई. पुलिस ने बताया कि उन्होंने जिस वरिष्ठ की हत्या की, उनका नाम मेलाराम कर्रे था. वह सीएएफ की चौथी बटालियन के कंपनी कमांडर थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले सुरक्षा बल के तीन जवानों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई. इसमें सीआरपीएफ के कॉन्स्टेबल शिव कुमार भी थे, जिनकी मौत हजारी बाग के चर्चू में हुई.

सात दिसंबर को दूसरे चरण के चुनाव के दौरान बहारागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में तैनात एएसआई हरिश्चंद्र गिरि की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई. रिपोर्ट के अनुसार, दो दिन पहले सिमडेगा में तैनात होमगार्ड कमल प्रसाद मेहता की मौत भी दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.

इसी तरह बीते दो दिसबंर को आईटीबीपी के जवान देवचरण धामी बीमार पड़ गए और बाद में उनकी मौत हो गई. झारखंड के डीजीपी केएन चौबे ने कहा कि जिन जवानों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई वे अस्वस्थ थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)