राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि नाजियों ने यहूदियों को चूहा कहा था और गृहमंत्री ने शरणार्थियों को दीमक कहा है.
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा एवं पारित करने के लिए राज्यसभा में पेश किया. नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विपक्ष इस विधेयक को संविधान की मूल के खिलाफ बताते हुए का विरोध कर रहा है.
P Chidambaram, Congress in Rajya Sabha: This government is ramming through this Bill to advance its Hindutva agenda. This is a sad day. I am absolutely clear that this law will be struck off. #CitizenshipAmmendmentBill2019 pic.twitter.com/5EBQPBw9bF
— ANI (@ANI) December 11, 2019
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि सरकार अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए यह विधेयक लाई है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में नागरिकता संधि है जो जन्म, वंश, पंजीकरण, प्राकृतिककरण, और क्षेत्र के समावेश द्वारा नागरिकता को मान्यता देती है. अब यह सरकार एक नई श्रेणी की शुरुआत कर रही है.’
उन्होंने कहा, ‘यह संवैधानिक है या नहीं? हम यहां जो कर रहे हैं वह इस अदालत में भेजने की ओर जा रहा है. हम सांसद जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं और हमसे असंवैधानिक काम करने को कहा गया है और फिर न्यायपालिका तय करेगा कि यह संवैधानिक है या नहीं.’
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘आपने इतिहास लिखने का किसी को प्रॉजेक्ट दिया है तो कृपा कर ऐसा न करें. औपचारिक रूस से सावरकर ने घोषणा की थी कि जिन्ना के दो राष्ट्र सिद्धांत से मुझे कोई आपत्ति नहीं है. चुनाव घोषणा पत्र किसी भी पार्टी का हो संविधान से बड़ा नहीं होता है. गांधी और पटेल का सिर्फ नाम न लें, गांधी का नाम सिर्फ विज्ञापन के लिए नहीं लें. अगर वो आज होते तो प्रधानमंत्री से मिलकर दुखी होते.’
Anand Sharma,Congress in Rajya Sabha: In our religion, we believe in rebirth,and that we meet our elders. So if Sardar Patel meets Modi ji then he will be very angry with him, Gandhi ji will ofcourse be sad, but Patel will be indeed very angry. #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/cTcnyynaet
— ANI (@ANI) December 11, 2019
उन्होंने कहा, ‘आपने बंटवारे का दोष कांग्रेस के उन नेताओं पर लगाया जिन्होंने सालों जेल में बिताए. हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने बंटवारे का समर्थन किया, कांग्रेस तो हमेशा उसके विरोध में थी. आप कहते हैं राजनीति नहीं होनी चाहिए तो यह राजनीति भी नहीं होनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी के नेतृत्व में वह लड़ाई लड़ी गई उसमें पटेल, सुभाष चंद्र बोस तक शामिल हैं. उनके योगदान को नकारना इतिहास को नकारना है. आपको उनके विचारों से जो भी परहेज हो, लेकिन उनके योगदान को न नकारें.’
उन्होंने कहा, ‘बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी. क्या आज हम यह कथन कहना चाहते हैं कि संविधान निर्माताओं को नागरिकता को लेकर कोई समझ नहीं थी. बंटवारे की पीड़ा से जो लाखों लोग भारत आए क्या उन्हें सम्मान नहीं मिला? भारत में दो-दो प्रधानमंत्री भी हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह और आई के गुजराल.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार का कथन है कि सबसे बातचीत हो चुकी है मैं इससे सहमत नहीं हूं. आपने कहा कि यह ऐतिहासिक बिल है तो इतिहास इसे किस दृष्टि से देखेगा, यह वक्त बताएगा. हम इसका विरोध करते हैं. विरोध का कारण राजनैतिक नहीं संवैधानिक है, नैतिक है. यह बिल संविधान की मूल आत्मा पर आघात है. यह हमारे गणराज्य के पवित्र संविधान की प्रस्तावना के विरुद्ध है.’
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि लोग आंदोलन कर रहे हैं. जो इतिहास याद नहीं रख सकते हैं, वे इसे दोहराना चाहते हैं. उन्हें नाजी जर्मनी के कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि उन कानूनों और इस विधेयक में बहुत गहरी समानता है.
Derek O Brien,TMC in Rajya Sabha: I read that PM said this will be written in golden letters.I will tell you where it will be written,it will be written on grave of the father of the nation, but which father of the nation? In Karachi, on Jinnah's grave. #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/tIKL8pIuP4
— ANI (@ANI) December 11, 2019
उन्होंने हिरासत केंद्रों की तुलना जर्मनी के कन्सट्रेशन कैंप से की. हिरासत केंद्रों में रखे गए 60 फीसदी लोग बंगाली हिंदू हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से यहूदियों को चूहा कहा गया था उसी तरह से गृहमंत्री ने शरणार्थियों को दीमक कहा था.
उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी की तरफ से बिल के विरोध में हूं. यह बिल बंगाली लोगों के साथ भेदभाव की साजिश है. देश के अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के लिए यह बिल लाया गया है. टीएमसी को राष्ट्रवाद की सीख आपसे लेने की जरूरत नहीं है. कल पीएम मोदी ने कहा था कि यह बिल स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा. कहां स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा? पाकिस्तान के राष्ट्रपिता की कब्र पर.
Javed Ali Khan,Samajwadi Party in Rajya Sabha: Our Govt through this #CitizenshipAmendmentBill and #NRC is trying to fulfill the dream of Jinnah. Remember, in 1949 Sardar Patel had said 'we are laying the foundation of a truly secular democracy in India' pic.twitter.com/BGl3cP139E
— ANI (@ANI) December 11, 2019
सपा सांसद जावेद अली खान ने कहा कि दो राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन सावरकर और जिन्ना ने किया. आपके कई सहयोगियों ने मुस्लिम मुक्त बनाने का बयान दिया है. हमारे देश की सरकार जिन्ना का ख्वाब पूरा करने जा रही है. बार-बार गृहमंत्री ने कहा इस बिल का मुसलमानों से लेना-देना नहीं है. क्यों? मुसलमान दूसरे दर्जे के नागरिक हैं? दूसरे दर्जे के शहरी हैं?
Dr. K Keshav Rao,Telangana Rashtra Samithi in Rajya Sabha: This bill challenges the very idea of India and negates every ideal of justice. This bill should be withdrawn #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/gYMwtN9WDb
— ANI (@ANI) December 11, 2019
विधेयक का विरोध करते हुए टीआरएस सांसद के. केशव राव ने कहा कि यह मुस्लिमविरोधी है. यह संविधान और इस देश के मूल आदर्शों के खिलाफ है. इस बिल के लागू होने से लोगों के बीच में डर बढ़ेगा.
विधेयक का विरोध करते हुए सीपीआई (एम) सांसद टीके रंगराजन ने कहा कि जब आप दूसरे देश जाते हैं तो कहते हैं वसुधैव कुटुम्बकम, लेकिन जब भारत में रहते हैं तो बांटनेवाली राजनीति करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में धर्मनिरपेक्षता को संविधान का हिस्सा बताया है. यब विनाशकाले विपरीत बुद्धि है. देश के संविधान को देश के भविष्य को बर्बाद न करें.
तिरुचि शिवा डीएमके सांसद ने कहा कि देश के प्रति अपनी जवाबदेही को समझते हुए हमारी पार्टी इसके विरोध में है. सिर्फ 3 देशों को ही नागरिकता के लिए क्यों चुना गया है? जब अफगानिस्तान शामिल है तो श्रीलंका क्यों नहीं? ये तीनों देश मुस्लिम बहुल हैं क्या सिर्फ इस कारण से इन्हें शामिल किया गया?