मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए जस्टिस पीवी रेड्डी का विचार किया था लेकिन वे उपलब्ध नहीं हैं. पीठ ने पक्षकारों से कहा कि वे इस संबंध में नाम सुझाएं.
नई दिल्ली: हैदराबाद की डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के चारों आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज की नियुक्ति करने का प्रस्ताव किया है.
पुलिस के अनुसार चेट्टनपल्ली में बीते छह दिसंबर को सुबह सभी आरोपी पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में मारे गए थे. आरोपियों को घटना की जांच के संबंध में अपराध स्थल पर ले जाया गया था, जहां पुलिया के निकट 25 वर्षीय महिला पशु चिकित्सक का शव 28 नवंबर को मिला था.
JUST IN: Supreme Court proposes probe by a retired judge of the Supreme Court into #TelanganaEncounter. CJI Bobde says Justice P V Reddy declined to head the probe. CJI asks for names of retired judges to appoint for the purpose of the inquiry. Next hearing tomorrow.
— The Leaflet (@TheLeaflet_in) December 11, 2019
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए जस्टिस पीवी रेड्डी का विचार किया था लेकिन वे उपलब्ध नहीं हैं. पीठ ने पक्षकारों से कहा कि वे इस संबंध में नाम सुझाएं. अब इस पर कल विचार किया जाएगा.
वकील जीएस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने अपनी याचिका में मांग की है कि इस मुठभेड़ पर पुलिस टीम के मुखिया समेत सभी अफसरों पर एफआईआर दर्ज कर जांच कराई जानी चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि ये भी जांच हो कि क्या मुठभेड़ को लेकर पीयूसीएल व अन्य बनाम भारत संघ मामले में 2014 में दी गई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया गया है या नहीं. इसके साथ ही तेलंगाना सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक से घटना संबंधी सारा रिकॉर्ड तलब करने का अनुरोध किया गया है.
दूसरी याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दाखिल कर कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से जांच के साथ-साथ आरोपियों के खिलाफ टिप्पणी करने पर राज्य सभा सासंद जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जब तक ऐसे मामलों में शामिल आरोपी अदालत द्वारा दोषी करार ना दिए जाएं, मीडिया में बहस पर रोक लगाई जाए.
तेलंगाना सरकार ने इस मामले को लेकर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है. इसके अलावा मानवाधिकार आयोग ने भी मामले का स्वत: संज्ञान लिया और हत्या के जांच के आदेश दिए हैं.