मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि विवाद के मौजूदा माहौल में दो बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए. पहली, देश को कभी धर्म के नाम पर विभाजित किया गया था. दूसरी, लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है. अगर आप इसे नहीं चाहते तो उत्तर कोरिया चले जाइए.
शिलांगः मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने शुक्रवार को कहा कि जो लोग विभाजनकारी लोकतंत्र नहीं चाहते हैं, वह उत्तर कोरिया चले जाएं.
रॉय ने ट्वीट कर कहा, ‘लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है. अगर आप इसे नहीं चाहते हैं तो उत्तरी कोरिया चले जाइए.’
राज्यपाल इस ट्वीट के जरिए परोक्ष रूप से नए नागरिकता कानून का समर्थन कर रहे थे.
Two things should never be lost sight of in the present atmosphere of controversy.
1. The country was once divided in the name of religion.
2. A democracy is NECESSARILY DIVISIVE. If you don’t want it go to North Korea.— Tathagata Roy (@tathagata2) December 13, 2019
उन्होंने कहा, ‘विवाद के मौजूदा माहौल में दो बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए. पहली, देश को कभी धर्म के नाम पर विभाजित किया गया था. दूसरी, लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है. अगर आप इसे नहीं चाहते तो उत्तर कोरिया चले जाइए.’
उनका ये ट्वीट प्रदर्शनकारियों के राजभवन पहुंचने से कुछ घंटे पहले आया.
प्रदर्शनकारियों ने जब सुरक्षा का उल्लंघन करने की कोशिश की, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया था, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. हाथापाई में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
प्रदर्शनकारी राज्यपाल से मांग कर रहे थे कि वह बाहरी लोगों के राज्य में प्रवेश पर अनिवार्य पंजीकरण के लिए प्रस्तावित अध्यादेश को अपनी सहमति दें और साथ ही केंद्र राज्य में इनर लाइन परमिट को लागू करें.
मालूम हो कि उत्तर कोरिया में तानाशाह किम जोंग उन का शासन है.
अपने भड़काऊ बयानों को लेकर विवादों में बने रहने वाले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने इससे पहले कश्मीर से जुड़ी हर चीज का बहिष्कार करने की बात कही थी. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद रॉय का यह बयान आया है.
रॉय ने अमरनाथ यात्रा सहित कश्मीर से जुड़ी हर चीज और राज्य के सामानों की खरीदारी का बहिष्कार करने का समर्थन किया था.
वहीं, राज्यपाल बनाए जाने से पहले भाजपा नेता रहे रॉय ने बलात्कार और हत्या का संदर्भ देते हुए पाकिस्तान की सेना (जो कश्मीरी अलगाववादियों को निर्देश देती है) और ‘पूर्वी पाकिस्तान’ में उसकी भूमिका का भी जिक्र कर चुके हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि वह इस तरह के सुझाव नहीं दे रहे हैं.
रॉय के इस विवादित बयान की जम्मू कश्मीर के नेताओं महबूबा मुफ्ती और ओमर अब्दुल्ला ने आलोचना की थी.
बता दें, राज्यपाल रॉय पहले भी इस तरह के बयान दे चुके हैं. कुछ समय पहले रॉय ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 10/1/1946 को लिखा था कि हिंदू-मुस्लिम समस्या का अंत गृहयुद्ध के बिना नहीं हो सकता है. लिंकन की तरह.’
रॉय ने अपने एक अन्य बयान में कहा था कि अजान की वजह से ध्वनि प्रदूषण होता .
इसके अलावा उन्होंने 2008 के मुंबई आतंकी हमले को लेकर भी विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी आतंकियों ने मुस्लिमों को छोड़कर सभी मासूमों को मारा था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)