नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में असम सहित पूर्वोत्तर में प्रदर्शन जारी है. असम में कर्फ्यू की सीमा बढ़ा दी गई है और झड़पें जारी हैं.
नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच भारत ने शुक्रवार को घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष शिंजो आबे के बीच होने वाला सालाना शिखर सम्मेलन स्थगित हो गया है. यह शिखर वार्ता गुवाहाटी में होने वाली थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की प्रस्तावित भारत यात्रा के संदर्भ में दोनों पक्षों ने इस दौरे को स्थगित करने का फैसला किया है, दोनों देशों के बीच आपसी सहमति से नई तिथि निर्धारित की जाएगी.’
With reference to the proposed visit of Japanese PM @AbeShinzo to India, both sides have decided to defer the visit to a mutually convenient date in the near future.
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) December 13, 2019
यदि यह बैठक अगले 15 दिनों में नहीं होती है तो इसका मतलब होगा कि यह सालाना द्विपक्षीय बैठक 2019 में नहीं होगी.
सीएबी के विरोध में असम में कर्फ्यू की सीमा बढ़ा दी है और झड़पें जारी हैं.
भारत ने इससे पहले ऐलान किया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापान के समकक्ष शिंजो आबे के बीच द्विपक्षीय वार्ता 15 से 17 दिसंबर को होगी. इसके लिए औपचारिक रूप से स्थान का ऐलान नहीं किया गया था.
हालांकि, केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और पूर्वोत्तर भारत में कनेक्टिविटी के विकास में जापान की भागीदारिता की वजह से इस बैठक के लिए प्रमुख स्थान के लिए गुवाहाटी को चुना गया था.
सूत्रों के अनुसार, इसके अलावा बैठक के लिए वैकल्पिक स्थान के तौर पर दिल्ली हो सकती है लेकिन भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में बैठक से विशेष बैठक जैसा माहौल नहीं तैयार होता. उन्होंने कहा, ‘यह किसी अन्य विदेशी दौरे जैस लगता, जो इस तरह के सम्मेलनों की प्रकृति नहीं है.’
मालूम हो कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच इस तरह की वार्षिक बैठकें 2006 से हो रही हैं. हर वैकल्पिक वर्ष में हर देश इस तरह के कार्यक्रम की मेजबानी करता है. 2014 से कुछ कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानियों से बाहर हो रहे हैं.
2014 में जापान के प्रधानमंत्री आबे ने क्योटो में मोदी की मेजबानी की थी तो अगले वर्ष मोदी ने वाराणसी में जापानी प्रधानमंत्री की मेजबानी की थी. मोदी ने 2017 में गुजारत में आबे के लिए एक रोड शो का भी आयोजन किया था. वहीं, इसके अगले साल आबे ने यामानाशी प्रांत में मोदी की मेजबानी की थी.
इस बार बैठक के लिए उपयुक्त स्थान के तौर पर गुवाहाटी को चुना गया था. जापान ने इच्छा भी जताई थी कि द्वितीय विश्वयुद्ध में मारे गए जापानी सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आबे को मणिपुर का दौरा करना चाहिए.
अधिकारी ने कहा कि यदि दिल्ली भी होता तो बैठक के लिए स्थान बदलना भी तार्किक रूप से गलत होता.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बैठक स्थगित किए जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘हमें राज्य सरकार ने जो बताया, हम उसी के अनुरूप काम कर रहे हैं. जिस शाम नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हुआ, तब भी राज्य सरकार ने हमसे कहा कि वे स्थिति नियंत्रित कर लेंगे.’
अधिकारियों का कहना है कि भारत अगली बैठक की मेजबानी करेगा लेकिन यह बैठक इस साल नहीं होगी. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 2020 की शुरुआत में भारत आ सकते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)