भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद ने कहा कि आज़ादी की जंग में जिन्होंने शहादत दी थी, मोदी-शाह उनके सपनों को तहस-नहस कर रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार ममता बनर्जी की तरह साहस दिखाए और नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी को ख़ारिज करे.
भोपाल: मध्य प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने धमकी दी है कि यदि उनकी सरकार प्रदेश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएबी) लागू करेगी तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे.
भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र से विधायक मसूद ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, ‘मैं अपने नेता से स्पष्ट कहूंगा कि (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी ने जिस तरह से साहस दिखाया है, हमारी सरकार भी वह साहस दिखाए और नागरिकता संशोधन कानून तथा एनआरसी को खारिज करे.’
एनडीटीवी खबर के मुताबिक नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मध्य प्रदेश लोकतांत्रिक अधिकार मंच के बैनर तले बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भोपाल में बुधवारा चौराहे पर प्रदर्शन किया. इसी मंच से आरिफ मसूद ने कहा, ‘जंगे आजादी में जिन्होंने शहादत दी थी, उनके सपनों को मोदी-शाह ने तहस नहस कर दिया.’
उन्होंने प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार की ओर निशाना साधते हुए कहा, ‘अगर ये लोग (मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार) इस कानून को मानेंगे तो मैं उस विधानसभा का सदस्य नहीं रहूंगा.’
मसूद ने कहा कि भोपाल के लोग इकट्ठा हों और एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करें. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अहिंसक एवं गांधीवादी तरीके से होना चाहिए. इसे पूरे देश में करें और एनआरसी एवं नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करवाएं.
मसूद ने कहा, ‘यदि सरकार इसे खारिज नहीं करती है और सरकार जेल भेजना चाहती है तो हम जेल जाने को तैयार हैं.’
उनकी धमकी के एक दिन बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को नई दिल्ली में इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प्स में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर जो रुख कांग्रेस का होगा, वही रुख उनकी सरकार का होगा.
Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath: Whatever stand the Congress party has taken on Citizenship Amendment Act, we will follow that,do we want to be a part of a process that sows seeds of divisiveness? (file pic) pic.twitter.com/Ktr2pkftLc
— ANI (@ANI) December 13, 2019
कमलनाथ ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कांग्रेस पार्टी ने जो भी रुख अपनाया है, हम उसका पालन करेंगे, क्या हम उस प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं जो विभाजन का बीज बोती है?’
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार रात को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी है, जिसके साथ ही यह अब कानून बन गया है.
इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.
इस विधेयक के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों खासकर पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें कुछ लोगों की मौत भी हुई हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में भी लोग इसके खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए सड़कों पर उतरे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)