सरकार द्वारा संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने ये आंकड़ा दिया है, जहां पर घायलों को इलाज के लिए जाया गया था.

गुवाहाटी: असम में विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है और 27 लोग घायल हैं. न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ये जानकारी दी है.
एजेंसी के मुताबिक सरकार द्वारा संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने ये आंकड़ा दिया है, जहां पर घायलों को इलाज के लिए जाया गया था.
मालूम हो कि संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद से असम एवं उत्तर-पूर्व के कई हिस्सों में बड़े विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. बीते 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ ही ये विधेयक अब कानून बन गया है.
इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. नागरिकता संशोधन विधेयक में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.
इस प्रकार भेदभावपूर्ण होने के कारण इसकी आलोचना की जा रही है और इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बदलने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. अभी तक किसी को उनके धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता देने से मना नहीं किया गया है.
We are committed to protect all genuine Indian citizens and the rights of the people of Assam.
I call upon all sections of the society to thwart the elements who are misleading the people on #CAA & indulging in violence and together continue the growth journey of Assam. pic.twitter.com/RTGeWO2QCI
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) December 15, 2019
इस बीच असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि वे सभी वास्तविक भारतीय नागरिकों और असम के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं समाज के सभी वर्गों से आह्वान करता हूं कि वे ऐसे लोगों की न सुनें जो नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और हिंसा में लिप्त हैं.’
बता दें कि इस कानून को कई सारे लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और इसे असंवैधानिक घोषित करते हुए इस कानून को खारिज करने की मांग की है.