नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में रविवार देर रात छात्र और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए और पथराव तथा लाठीचार्ज में कम से कम 60 छात्र जख्मी हो गए. जिले में एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं मंगलवार रात 12 बजे तक के लिए बंद कर दी गई हैं.
अलीगढ़: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भी रविवार देर रात छात्र और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए और पथराव तथा लाठीचार्ज में कम से कम 60 छात्र जख्मी हो गए. जिले में एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं मंगलवार रात 12 बजे तक के लिए बंद कर दी गई हैं.
परिसर में तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि वे नागरिकता संशोधन कानून के बारे में कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान ना दें.
पुलिस छात्र टकराव के बाद जिला प्रशासन और एएमयू प्रशासन की बैठक रात करीब 2 बजे तक चली. आज सुबह विश्वविद्यालय प्रशासन के तमाम जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक भी हुई.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, एएमयू में हुई घटना के बाद जिला प्रशासन ने जिले में इंटरनेट सेवाओं को मंगलवार रात 12 बजे तक बंद रखने के आदेश दिए हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा छात्रों के खिलाफ कथित दमनपूर्ण कार्रवाई की अफवाह के बाद एएमयू में प्रदर्शनकारी छात्र रविवार देर रात विश्वविद्यालय के बाब-ए-सर सय्यद गेट पर एकत्र हुए और सुरक्षा के लिए लगाया गया गेट तोड़ डाला.
छात्रों ने पुलिस पर पथराव भी किया जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया. इस दौरान दोनों ओर से पत्थरबाजी हुई जिसमें कम से कम 60 छात्र जख्मी हो गए. कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस उपमहानिरीक्षक परमिंदर सिंह को भी पत्थर लगने की खबर है.
साथी छात्रों के जख्मी होने की खबर मिलने पर बड़ी संख्या में छात्र नेहरू मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर पहुंच गए.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निसार अहमद ने बताया कि करीब 60 छात्रों को पत्थर और लाठी की चोटें आई हैं. साथ ही कुछ को आंसू गैस के कारण आंख में परेशानी हुई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कुछ निहित स्वार्थी तत्व अफवाह फैला रहे हैं और वह उनके जाल में न फंसें.
उन्होंने कहा किसके राज्य में अमन चैन के माहौल को खराब करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जाएगी.
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर विश्वविद्यालय को आगामी पांच जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है और तमाम छात्रावास खाली कराए जा रहे हैं. हालात के मद्देनजर सर्दी की छुट्टियां एक हफ्ते पहले ही घोषित कर दी गई हैं. बाकी बची परीक्षाएं पांच जनवरी के बाद होंगी. इसका कार्यक्रम जारी किया जाएगा.
हमीद ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन प्रदर्शनकारी छात्रों के संपर्क में है. उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में थी लेकिन रविवार शाम को अचानक कुछ छात्रों और असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद प्रशासन से बल प्रयोग की गुजारिश की गई ताकि स्थिति को नियंत्रण में किया जा सके.
एएमयू रजिस्ट्रार ने बताया कि जिलाधिकारी से गुजारिश की गई है कि वह छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को बसों के जरिए उनके गंतव्य तक भेजने का इंतजाम करें. इस सिलसिले में रेल अधिकारियों से भी संपर्क किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि परिसर में बड़े पैमाने पर पुलिस बल पहुंच चुका है. हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं.
दरअसल, दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प की खबरें मिलने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में भी तनाव बढ़ने लगा था.
उधर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे एएमयू छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन किया. लखनऊ स्थित नदवा कॉलेज के छात्र भी एएमयू छात्रों के समर्थन में सड़क पर उतरे मगर उन्हें जल्द ही परिसर के अंदर भेज दिया गया.
इस बीच, एएमयू के पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह ने कहा कि विरोध प्रदर्शन इसलिए शुरू हुए हैं क्योंकि मुसलमानों को डर है कि उनके साथ नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के नाम पर भेदभाव किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ हैं मगर वह पुलिस की मनमानी कार्यवाही का भी विरोध करते हैं. शाह ने कहा कि प्रदर्शनकारी दरअसल छात्र हैं और उनके खिलाफ इस तरह का बर्बर पुलिसिया रवैया नहीं अपनाया जाना चाहिए.
वहीं, जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों को पुलिस द्वारा बर्बर तरीके से पीटने के मामले पर सोमवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंसा को रोकिए, हम कल न्यायिक जांच की मांग पर सुनवाई करेंगे.
आज सुबह कोर्ट खुलने के साथ ही वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, कॉलिन गोन्साल्विस एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के सामने मामले का उल्लेख किया और छात्रों पर पुलिस बर्बरता के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग की.
हालांकि कोर्ट ने मामले को तुरंत सुनने से इनकार कर दिया और कहा कि पहले हिंसा रोकी जानी चाहिए इसके बाद हम कल मामले को सुनेंगे.
एएमयू छात्रों के विरोध में उतरे हिंदूवादी संगठन
एएमयू के छात्रों के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं और संगठनों ने रविवार को प्रदर्शन किया.
दैनिक जागरण के अनुसार, रविवार को भाजयुमो जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी के नेतृत्व में कार्यकर्ता दोपहर 12:30 बजे एएमयू के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एसएसपी कार्यालय पहुंचे. वहां पर एसपी क्राइम डॉ. अरविंद कुमार को ज्ञापन दिया.
मुकेश लोधी ने कहा कि एएमयू के विधि विभाग व अन्य छात्र नागरिकता कानून के विरोध में मार्च निकाल रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. वीर सावरकर की कब्र खोदने जैसी बात कह रहे हैं. इससे एएमयू के छात्रों की देश विरोधी मानसिकता साफ दिख रही है. राष्ट्र और हिंदुत्व विरोधी नारे लगाकर वे प्रदर्शित कर रहे हैं कि देश के कानून को नहीं मानते.
एसएसपी के नाम दिए ज्ञापन में एएमयू छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने वाले छात्रों को चिह्नित कर कैंपस से निकाला जाए। मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन करेंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)