नागरिकता संशोधन: बंगाल में प्रदर्शन, दिल्ली में प्रियंका गांधी धरने पर, केरल में सत्याग्रह

विपक्षी दलों ने नई दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की. एनसीपी ने कहा कि केंद्र विरोध को दबा रहा है, उसे नागरिकता क़ानून पर पुनर्विचार करना चाहिए. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हिंसा के लिए केंद्र ज़िम्मेदार.

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Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee leads a rally along with thousands of partymen and vowed not to allow the proposed country-wide NRC and the amended Citizenship Act in West Bengal, in Kolkata, Monday, Dec. 16, 2019. (PTI Photo/Swapan Mahapatra)(PTI12_16_2019_000127B)

विपक्षी दलों ने नई दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की. एनसीपी ने कहा कि केंद्र विरोध को दबा रहा है, उसे नागरिकता क़ानून पर पुनर्विचार करना चाहिए. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हिंसा के लिए केंद्र ज़िम्मेदार.

Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee leads a rally along with thousands of partymen and vowed not to allow the proposed country-wide NRC and the amended Citizenship Act in West Bengal, in Kolkata, Monday, Dec. 16, 2019. (PTI Photo/Swapan Mahapatra)(PTI12_16_2019_000127B)
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में रैली निकाली गई. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/कोलकाता/तिरुवनंतपुरम/चंडीगढ़/मंबई: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालयों में हुए विरोध प्रदर्शन का असर विभिन्न राज्यों में दिखने लगा है.

सोमवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विवादित कानून के खिलाफ रैली निकाली. राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के इंडिया गेट पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी धरने पर बैठ गई हैं.

इसके अलावा केरल में इन कानून के खिलाफ सत्तापक्ष और विपक्ष ने मिलकर सत्याग्रह शुरू किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संशोधित नागरिकता कानून को अव्यावहारिक बताया है तो दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र से इस कानून को रद्द करने की मांग की है.

दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों पर दुख जताया है.

हज़ारों कार्यकर्ताओं के साथ कोलकाता की सड़क पर उतरीं मुख्यमंत्री

पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को कोलकाता की सड़कों पर उतरीं और पूरे देश में एनआरसी लागू करने के प्रस्ताव तथा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देने का अपना संकल्प दोहराया.

तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने शहर के बीचोबीच स्थित रेड रोड से विरोध मार्च शुरू किया. यह मार्च उत्तरी कोलकाता में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रख्यात रचनाकार गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर के आवास, जोरासांको ठाकुर बाड़ी पर जाकर समाप्त होगा. रेड रोड से यह जगह करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है.

बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक ‘शपथ’ पढ़ते हुए कहा, ‘हम बंगाल में एनआरसी और सीएए को कभी लागू करने नहीं देंगे.’

राज्य में रेल सेवा प्रभावित

सोमवार को पूर्वी मिदनापुर और मुर्शिदाबाज जिलों में सुबह से ही प्रदर्शनकारियों ने रास्ते बंद कर दिए हैं, जिससे राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदर्शनों की वजह से कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं या विलंब से चल रही हैं.

रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सियालदह-डायमंड हार्बर और सियालदह-नमखाना सेक्टर में पटरियों को जाम कर दिया है.

उन्होंने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया जा रहा है.

दक्षिण-पूर्व रेलवे का तामलुक-हल्दिया खंड बासुलीसुटहटा स्टेशन पर सुबह दस बजे से करीब तीन घंटे तक प्रदर्शन के चलते बाधित रहा. हल्दिया-हावड़ा ईएमयू लोकल ट्रेन रोक दी गयी जबकि हावड़ा-हल्दिया ईएमयू लोकल ट्रेन को पंसकूरा से आगे नहीं जाने दिया गया.

हावड़ा आमटा खंड पर ट्रेन सेवाएं कुछ ईएमयू लोकल ट्रेनों के रद्द होने के कारण करीब चार घंटे तक बाधित रहीं.

इंटरनेट सेवाएं निलंबित

मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित है.

रविवार रात में उलुबेरिया पुलिस थाने के प्रभारी समेत कुछ पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के हमलों में घायल हो गए हैं. जिला अधिकारियों ने बताया कि उन्हें निकट के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

नदिया और बीरभूम जिलों में हिंसा, लूट-पाट और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं.

राज्य के भाजपा महासचिव सयानतन बसु ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह बिगड़ती कानून-व्यवस्था को संभालने के लिए ठीक तरह से प्रयास नहीं कर रही है.
वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि संशोधित कानून बंगाल में लागू नहीं होगा. बनर्जी लगातार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करती रही हैं.

जाधवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने रैली निकाली

इस बीच कोलकाता स्थित जाधवपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ एकजुटता दिखायी और उन पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की. विद्यार्थियों ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए विश्वविद्यालय परिसर के बाहर रैली निकाली. उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून की भी निंदा की.

भाजपा ने राज्य में हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोगों को धन दिया: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि राज्य में हिंसा भड़काने के लिए भाजपा ने कुछ लोगों को धन दिए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल से बाहर की कुछ ताकतें मुस्लिम समुदाय का मित्र होने का दिखावा कर रही हैं और वे तोड़फोड़ और आगजनी में शामिल हैं.

कोलकाता में हुई रैली के दौरान बनर्जी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा, ‘राज्य से बाहर की कुछ ताकतें जो अल्पसंख्यों की मित्र होने का दिखावा कर रही हैं, वे हिंसा में शामिल हैं. ये ताकतें भाजपा के हाथों की कठपुतली हैं, उनकी जाल में नहीं फंसें.’

उन्होंने कहा, ‘जब तक मैं जिंदा हूं, मैं एनआरसी अथवा नागरिकता कानून कभी लागू नहीं करूंगी. आप चाहें तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर दें अथवा मुझे सलाखों के पीछे डाल दें लेकिन मैं यह काला कानून कभी लागू नहीं करूंगी. जब तक यह कानून समाप्त नहीं हो जाता मैं संवैधानिक तरीके से प्रदर्शन करना जारी रखूंगी.’

उन्होंने दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए.

इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्णय की सोमवार को आलोचना की और कहा कि वह असंवैधानिक एवं भड़काऊ कार्य करने से बचें.

राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को गंभीर स्थिति को संभालने में वक्त देना चाहिए.

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर धरने पर बैठीं. (फोटो साभार: ट्विटर)
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर धरने पर बैठीं. (फोटो साभार: ट्विटर)

प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस नेता इंडिया गेट पर धरने पर बैठे

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने सोमवार को यहां इंडिया गेट पर धरना दिया.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि शाम चार बजे शुरू हुआ धरना दो घंटे का है और यह जामिया मिलिया इस्लामिया तथा अन्य स्थानों के छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए किया जा रहा है.

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा होने के बाद पुलिस ने रविवार को छात्रों पर बल प्रयोग किया था.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जामिया मिलिया इस्लामिया में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए सोमवार को कहा कि देश का माहौल खराब हो गया है.

वाड्रा ने कहा, ‘देश का वातावरण खराब है. पुलिस विश्वविद्यालय में घुसकर (छात्रों को) पीट रही है. सरकार संविधान से छेड़छाड़ कर रही है. हम संविधान के लिए लड़ेंगे.’

नागरिकता कानून और एनआरसी बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण के हथियार: राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नागरिकता (संशोधन) कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को भारत में बड़े पैमाने पर धुव्रीकरण के लिए फासीवादियों के हथियार करार देते हुए सोमवार को कहा कि इन हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण सत्याग्रह है.

गांधी ने कहा कि वह इन हथियारों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़े हैं.

गांधी ने ट्वीट किया, ‘कैब और एनआरसी भारत में बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने के लिए फासीवादियों के हथियार हैं. इन गंदे हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण, अहिंसक सत्याग्रह है. मैं कैब और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ा हूं.’

विपक्षी दलों ने जामिया में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की

कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता की सोमवार को निंदा की और घटना की न्यायिक जांच की मांग की.

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल, माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी. राजा, राजद के मनोज झा, सपा के जावेद अली खान और वरिषठ नेता शरद यादव ने संवाददाता सम्मेलन में उन छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की जो संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे थे.

आजाद ने कहा, ‘हम जामिया मिलिया में पुलिस के घुसने और छात्रों पर बल प्रयोग किए जाने की निंदा करते हैं.’

उन्होंने सवाल किया, ‘जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, तो दिल्ली पुलिस जामिया में कैसे घुस गई.’

आजाद ने सवाल किया कि पुलिस जामिया के पुस्तकालय और शौचालयों में कैसे घुस सकती है. उन्होंने कहा, ‘हम जामिया में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग करते हैं.’

आजाद ने कहा कि पूरा देश इस असंवैधानिक कानून के खिलाफ है और भाजपा का यह आरोप बिल्कुल निराधार है कि छात्रों के बीच असंतोष के पीछे कांग्रेस का हाथ है.

देश में हिंसा के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार: आज़ाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे हिंसक विरोध के लिये केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा कि अगर सत्ता पक्ष ने इस तरह का कानून नहीं बनाया होता तब ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, जीडीपी नीचे जा रही है, नोटबंदी से कोई लाभ नहीं हुआ और इसके बाद जीएसटी भी ठीक ढंग से लागू नहीं किया जा सका. किसान भी परेशान है. ऐसे में कोई भी इन मुद्दों को नहीं उठा सके, इसलिये केंद्र सरकार ऐसे विवादित विधेयकों को लेकर आती है.

सत्ताधारी दल पर राज्यसभा में कुछ दलों पर दबाव डालकर समर्थन जुटाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले करीब छह वर्षों में इस तरह की बात देखी गई है कि कुछ क्षेत्रीय दलों पर किस तरह से दबाव डाला जाता है.

इस दौरान येचुरी ने छात्रों के खिलाफ हुई कार्रवाई को लोकतंत्र में अस्वीकार्य बताया और कहा कि संशोधित नागरिकता कानून को धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता और यह हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं है.

डी. राजा ने सवाल किया कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन आती है, तो जामिया के छात्रों पर बल प्रयोग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की क्या प्रतिक्रिया है.

केरल में सत्तापक्ष और विपक्ष ने मिलकर सत्याग्रह शुरू किया

विवादित नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने संयुक्त ‘सत्याग्रह’ शुरू किया.

Thiruvananthapuram: Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan addresses during a protest against the amended Citizenship Act at the Martyr's column, in Thiruvananthapuram, Monday, Dec. 16, 2019. (PTI Photo)(PTI12_16_2019_000155B)
तिरुवनंतपुरम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान संबोधित करते मुख्यमंत्री पिनारई विजयन. (फोटो: पीटीआई)

सुबह दस बजे यहां मार्टेयर्स कॉलम में तीन घंटे तक चलने वाले इस सत्याग्रह में राज्य के मंत्री, एलडीएफ के नेता, कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के नेता शामिल हुए.

केरल ऐसा पहला राज्य है जिसने घोषणा की थी कि उसके यहां सीएए लागू नहीं होगा.

विजयन ने फेसबुक में पोस्ट में लिखा, ‘राज्य ने संयुक्त रूप से विरोध करने का फैसला किया क्योंकि इस कानून ने नागरिकों के बीच चिंता पैदा कर दी है और संविधान में प्रदत्त समानता और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को खत्म कर दिया है.’

दूसरी ओर कोच्चि के निकट अलौवा में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सीएए के विरोध में मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला को काले झंडे दिखाए.

हेपतुल्ला हवाई अड्डे जा रहीं थी जब युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाया, उसके बाद राज्यपाल गंतव्य की ओर रवाना हो सकीं.

केरल में भी इस कानून को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. इस कानून को लागू किए जाने का विरोध कर रहे करीब 30 संगठनों की एक संयुक्त कार्य समिति ने 17 दिसंबर को केरल में राज्यव्यापी हड़ताल बुलाई है.

केरल के राज्यपाल ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा बंद करने की अपील की

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से हिंसा बंद करने की अपील करते हुए कहा कि किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.

खान से जब कोच्चि में संवाददाताओं ने मौजूदा घटनाक्रम के संबंध में सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘हमें कानून को अपने हाथों में लेने का कोई अधिकार नहीं है… हमें हिंसा में संलिप्त होने का अधिकार नहीं है.’

राज्य में कई छात्र संगठनों और युवा इकाइयों ने नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन राज्यपाल के आधिकारिक आवास राजभवन के बाहर भी हुआ, जिसके चंद घंटों बाद राज्यपाल का यह बयान आया.

यहां सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाईयों एसएफआई और डीवाईएफआई समेत विपक्षी कांग्रेस केएसयू ने प्रदर्शन किया. सोशल मीडिया पर दिल्ली स्थित जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर की गई दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का वीडियो वायरल होने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन किया.

राजभवन के बाहर लगे अवरोधकों को पार करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया.

राज्यपाल से जब केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को राज्य में लागू नहीं करने को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं उन्हें स्थिति को शांत होने देना चाहिए.

उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि निर्वाचित सरकारें अपने संवैधानिक दायित्व पूरे करेंगी.

केरल में हड़ताल की भाजपा ने आलोचना की

केरल में भाजपा ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ कुछ संगठनों द्वारा बुलाई गई राज्यव्यापी हड़ताल की सोमवार को यह कहते हुए कड़ी आलोचना की कि यह अनावश्यक और राष्ट्रीय हित के खिलाफ है.

इन संगठनों ने संशोधित नागरिकता कानून को लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ 17 दिसंबर को हड़ताल बुलाई है.

भगवा पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन ने आरोप लगाया कि यह हड़ताल सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के समर्थन से कुछ चरमपंथी समूह की तरफ से बुलाई जा रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम के जरिए माकपा और कांग्रेस की आतंकी संगठनों के साथ की जा रही साजिश सामने आ गई है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि ये दल लोगों के बीच सांप्रदायिक भेदभाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.

विवादित नागरिकता संशोधन कानून को जल्द से जल्द वापस लें मोदी: अमरिंदर सिंह

दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र से नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने की मांग करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री से स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाने की अपील की.

New Delhi: Students Jamia Millia Islamia gather for a protest against the Citizenship Amendment Act (CAA) and Sunday's alleged police crackdown in the University, in New Delhi, Monday, Dec. 16, 2019. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI12_16_2019_000153B)
नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को भी प्रदर्शन किया. (फोटो: पीटीआई)

गौरतलब है कि दिल्ली में रविवार को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जामिया मिलिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हो गई. प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी. झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए.

सिंह ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली से सीएए के खिलाफ जारी प्रदर्शन की खबरों से व्यथित हूं. (गृह मंत्री) अमित शाह और (दिल्ली के मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल से स्थिति को नियंत्रण में लाने तथा हालात को और बिगड़ने से रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाने की अपील करता हूं.’

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द से जल्द विवादित कानून को वापस लेने की अपील भी की.

सिंह ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक (जो अब कानून है) भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर सीधा प्रहार है और संसद के पास संविधान को बिगाड़ने और उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाले कानून को पारित करने का कोई अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा था कि कोई भी कानून जो धार्मिक आधार पर देश के लोगों को विभाजित करना चाहता है, वह अवैध एवं अनैतिक है और इसे बनाए रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

मुख्यमंत्री इससे पहले कह चुके हैं कि पंजाब में नागरिकता संशोधन कानून को मंजूरी नहीं दी जाएगी.

नागरिकता संशोधन कानून अव्यावहारिक: गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संशोधित नागरिकता कानून को अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि इसे लागू नहीं किया जा सकता.

गहलोत ने कहा, ‘यह अव्यावहारिक है इसलिए इसे लागू नहीं किया जा सकता. छह, सात राज्य यह बात कह चुके हैं. सरकार को इसे रद्द करना चाहिए.’

राजस्थान सरकार इस कानून को लागू करेगी? यह पूछे जाने पर गहलोत ने कहा, ‘मैं कह चुका हूं कि यह अव्यावहारिक है.’

उन्होंने कहा कि केंद्र की राजग सरकार वास्तविक मुद्दों पर काम करने में विफल रही है और मुद्दा आधारित राजनीति करने के बजाय धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है.

केंद्र विरोध को दबा रहा है, उसे नागरिकता कानून पर पुनर्विचार करना चाहिए: राकांपा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि इस तरह आवाज़ों को कुचलना दुर्भाग्यपूर्ण है और भाजपा नीत सरकार को विरोध के मद्देनजर नए कानून पर पुनर्विचार करना चाहिए.

राकंपा के प्रवक्ता संजय तटकरे ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार विरोध को कुचल रही हैं. प्रदर्शनकारियों को लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए. हम मांग करते हैं कि पूरे देश में लोगों के विरोध के मद्देनजर सरकार संशोधित नागरिकता कानून पर पुनर्विचार करे.’

उन्होंने रेखांकित किया कि असम गण परिषद भाजपा की सहयोगी है, लेकिन वह भी नए कानून का समर्थन करने के बाद विरोध कर रही है.

तटकरे ने कहा, ‘यह साबित हो चुका है कि इन पार्टियों पर भारी जनदबाव है जिसकी वजह से उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून पर पुनर्विचार किया. इसलिए केंद्र सरकार को भी पुनर्विचार करना चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)