नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामियों के छात्रों पर पुलिस लाठीजार्च के विरोध में उत्तर प्रदेश के मऊ में प्रदर्शन हिंसक हो गया. भीड़ ने थाने पर हमला किया और कई वाहनों को फूंक दिया. ज़िले में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर धारा 144 लगा दी गई है. शहर के सभी मदरसे और स्कूल-कॉलेज और दुकानें बंद.
मऊ/अलीगढ़/लखनऊ: संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में सोमवार की रात भड़की हिंसा के मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
लखनऊ में पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया, ‘मऊ में कर्फ्यू नहीं लगाया गया है, लेकिन हालात पर पूरी तरह से कड़ी नजर रखी जा रही है और एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी को लखनऊ से भेजा गया है. जिले में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद है और अब स्थिति पूरी तरह से सामान्य है.’
हालात का जायजा लेने मऊ पहुंचे अपर पुलिस महानिदेशक आशुतोष पांडेय ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण टोला इलाके में सोमवार रात हुई हिंसा के मामले में अब तक कुल 24 लोगों को चिह्नित कर उनमें से 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
उन्होंने बताया कि वारदात की वीडियो फुटेज और अखबारों में छपी तस्वीरों के जरिये उपद्रवियों की पहचान की जा रही है.
उन्होंने बताया, ‘हालात के मद्देनजर जिले में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी गयी हैं. चौक इलाके से दक्षिण टोला तक आरएएफ की दो कंपनियां और इतनी ही कंपनियां पीएसी बल की तैनात की गई है. बलिया, गाजीपुर और आजमगढ़ जिलों से भी पुलिस बल को बुलाया गया है. इस वक्त स्थिति सामान्य है.’
उन्होंने बताया कि शहर के सभी मदरसे और स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और शहरी इलाके की दुकानें भी फिलहाल बंद हैं. उन्होंने बताया कि जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है और रेलवे स्टेशन तथा बस स्टैंड पर भी सुरक्षा बल तैनात किये गये है.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 28 अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. आजमगढ़ कमिश्नर, डीआईजी समेत जिले के सभी अधिकारी पूरे शहर में फोर्स के साथ दिनभर गश्त कर रहे हैं. पुलिस 500 फोटो और 60 विडियो से उपद्रवियों की शिनाख्त करने के साथ उन्हें पकड़ने में जुटी हुई है.
गौरतलब है कि सोमवार शाम जिले के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल मिर्जा हाजीपुरा चौक पर संशोधित नागरिकता कानून और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोगों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए दक्षिण टोला थाने को आग के हवाले करने की कोशिश की थी. उपद्रवियों ने थाने के कम्प्यूटर कक्ष में जबरदस्त तोड़फोड़ की थी.
दक्षिण टोला के थानाध्यक्ष निहार नंदन कुमार के मुताबिक करीब 300 लोगों की भीड़ शाम को पांच से छह बजे के बीच थाने में जबरन घुस गई और तोड़फोड़ की. उन्होंने थाने की बाहरी दीवार भी गिरा दी.
उन्होंने बताया कि हालात काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन समेत कई गाड़ियां भी फूंक दी थी.
अलीगढ़ में हालात सुधार की ओर, गिरफ्तार किए गए 26 लोग रिहा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में रविवार रात हुए बवाल के बाद आसपास के इलाकों में बनी तनाव की स्थिति में मंगलवार को सुधार नजर आया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अलीगढ़ में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. एएमयू हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए 26 लोगों को सोमवार देर रात निजी मुचलके पर रिहा किया गया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि रिहा किए गए इन 26 लोगों में से सिर्फ आठ ही एएमयू के छात्र हैं. बाकी बाहरी लोग हैं.
पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिषेक ने बताया कि स्थानीय धर्मगुरुओं की मदद से पुलिस प्रदर्शनकारियों को समझाने में सफल रही. उन्होंने बताया कि मस्जिदों से भी ऐलान किया गया कि सरकार को उनकी चिंताओं से अवगत कराया जाएगा और कानून हाथ में लेने से कुछ हासिल नहीं होगा.
एएमयू के प्रॉक्टर अफ़ीफ़उल्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के इलाकों में व्याप्त तनाव के मद्देनजर हमने जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह से गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने की गुजारिश की थी, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.
एएमयू के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक बंद किए जाने के बाद छात्रावास खाली करने की कवायद सोमवार पूरी रात जारी रही और करीब 11,500 में से लगभग 9500 छात्र छात्रावास छोड़कर अपने घर रवाना हो गए हैं.
गत रविवार को एएमयू परिसर से शुरू हुआ बवाल सोमवार को शहर की अति संवेदनशील अपर अदालत समेत कई इलाकों में फैल गया था. सोमवार रात करीब 5000 लोगों की भीड़ कोतवाली के बाहर पहुंच गई और गिरफ्तार किए गए एएमयू छात्रों की रिहाई की मांग की.
प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून को भी खत्म करने की मांग दोहरायी. प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में बुर्कानशीं महिलाएं शामिल थीं.
हालांकि आधी रात के वक्त शहर मुफ्ती खालिद हमीद के प्रदर्शनकारियों की मांगों को प्रशासन के सामने रखने के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया.
गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच एएमयू में भी रविवार देर रात बड़ी संख्या में छात्र और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए थे.
छात्र और पुलिस संघर्ष में 20 पुलिसकर्मियों और विश्वविद्यालय सुरक्षाकर्मियों समेत 70 लोग घायल हो गए थे. घायलों में अलीगढ़ के पुलिस उपमहानिरीक्षक परमिंदर सिंह और पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिषेक भी शामिल हैं.
एएमयू प्रशासन ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि अराजक तत्वों की वजह से रविवार रात परिसर का माहौल खराब हुआ था.
लखनऊ के शिया कॉलेज में छात्रों ने प्रदर्शन करने का प्रयास किया, पुलिस ने रोका
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मंगलवार को राजधानी लखनऊ के शिया डिग्री कॉलेज में भी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसे विफल कर दिया.
इससे पहले सोमवार को शहर के नदवा कॉलेज और इंट्रीगल विश्वविद्यालय में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया था. नदवा कॉलेज में तो छात्रों ने पुलिस प्रशासन पर पथराव भी किया था लेकिन किसी को चोट नहीं लगी थी और प्रशासन ने उन पर काबू पा लिया था.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह शिया कॉलेज के छात्रों ने परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन करना चाहा लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें समझाकर परिसर में वापस भेज दिया और अब वहां स्थिति पूरी तरह से सामान्य है.
उधर शिया डिग्री कॉलेज के उप प्राचार्य सरवत तकी ने बताया कि कॉलेज में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है और कॉलेज में वार्षिक खेलकूद कार्यक्रम हो रहे है.
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह उन्होंने बताया, ‘अलीगढ, मऊ और लखनऊ में स्थिति अब पूरी तरह से सामान्य है. अलीगढ, मेरठ और सहारनपुर में पहले से इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा था अब मऊ में भी इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है.’
सिंह ने बताया कि आज अभी तक पूरे प्रदेश से छात्रों के किसी बड़े आंदोलन की कोई खबर नहीं है.
नदवा और इंटीग्रल विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रदर्शन मामले में चार मुकदमे दर्ज
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में राजधानी लखनऊ के इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवातुल उलमा (नदवा) और एक निजी विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन के मामले में कुल चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को लखनऊ के नदवातुल उलमा कॉलेज और इंटीग्रल विश्वविद्यालय में हुए विरोध प्रदर्शनों के मामले में 400 से ज्यादा उपद्रवियों पर कुल चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि फोटो और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की शिनाख्त की जा रही है. खुफिया इकाई तथा मुखबिर तंत्र को मजबूत किया जा रहा है ताकि असामाजिक गतिविधियों पर नजर रखी जाए और उसमें शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सके.
नैथानी ने बताया कि राजधानी के सभी क्षेत्रों में दिन और रात की सतर्कता के लिए जोनल और सेक्टर स्कीम लागू कर दी गई है. साथ ही सोशल मीडिया पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है ताकि माहौल बिगाड़ने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्यवाही हो सके.
उन्होंने बताया कि जिले में 11 कंपनी पीएसी मौजूद है. सभी को मुस्तैद रहने और खासतौर से शैक्षणिक संस्थानों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालयों के आसपास तथा संवेदनशील स्थानों पर रात में भी पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे आपसी सौहार्द बनाए रखें और आसपास के लोगों को सोशल मीडिया का प्रयोग बहुत ही सावधानीपूर्वक करने के बारे में जागरूक करें.
मालूम हो कि जामिया मिलिया इस्लामिया के एक छात्र की पुलिस कार्रवाई में मौत की अफवाह से नाराज नदवतुल उलमा के छात्रों ने रविवार रात और फिर सोमवार सुबह हंगामा किया था. पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो गेट के अंदर मौजूद छात्रों ने हल्का पथराव किया था. हालांकि इसमें किसी को चोट नहीं आयी थी.
चश्मदीदों के मुताबिक, आसपास के कुछ बाहरी लड़कों ने शबाब मार्केट के पास भी पुलिस पर पथराव किया. इस पर पुलिस ने उन्हें तितर—बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
हालात के मद्देनजर कॉलेज में आगामी पांच जनवरी तक छुट्टी कर दी गई है.
उधर, राजधानी के गुडम्बा इलाके में स्थित इंटीग्रल विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने जामिया मिलिया में रविवार को हुई पुलिस की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया था. उनके प्रदर्शन की खबर पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया था. विश्वविद्यालय में आगामी 18 दिसंबर तक छुट्टी घोषित कर दी गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)