नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, केंद्र को नोटिस जारी

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और सूर्य कांत की पीठ ने केंद्र से कहा कि वे इस संबंध में दायर सभी याचिकाओं पर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक जवाब दायर करें.

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(फोटो: पीटीआई)

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और सूर्य कांत की पीठ ने केंद्र से कहा कि वे इस संबंध में दायर सभी याचिकाओं पर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक जवाब दायर करें.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने इसे लेकर केंद्र को नोटिस जारी कर दिया है.

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और सूर्य कांत की पीठ ने केंद्र से कहा कि वे इस संबंध में दायर सभी याचिकाओं पर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक जवाब दायर करें.

याचिकाकर्ताओं ने धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए नागरिकता संशोधन कानून को स्थगित करने की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने रोक लगाने से मना कर दिया.

इस पर केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ही चार ऐसे फैसले हैं जिसमें ये कहा गया है कि अधिनियम पर रोक नहीं लगाई जा सकती है.

इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा, ‘अभी ये अधिनियम प्रभाव में नहीं आया है. अभी इसके नियम नहीं बने हैं.’

इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. नागरिकता संशोधन विधेयक में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.

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इस प्रकार भेदभावपूर्ण होने के कारण इसकी आलोचना की जा रही है और इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बदलने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. अभी तक किसी को उनके धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता देने से मना नहीं किया गया था.

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और इसके चार सांसदों, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, पीस पार्टी ऑफ इंडिया, जन अधिकार पार्टी, दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों के साथ भारत के एक पूर्व राजदूत, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, असम में विपक्ष के नेता देबब्रता सैकिया, सिटिजन अगेंस्ट हेट, रिहाई मंच, लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी, केरल विधायक टीएन प्रथापन, कमल हासन की पार्टी ‘मक्कल नीधि मैयम’, यूनाईटेड अगेंस्ट हेट, त्रिपुरा नेता प्रद्युत देब बर्मन, असम गण परिषद, केरल में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथाला, डीवाईएफआई, डीएमके, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं हर्ष मंदर, इरफान हबीब, निखिल डे और प्रभात पटनायक, असम जमीयत उलेमा-ए-हिंद, राज्य सभा सांसद मनोज कुमार झा समेत अन्य याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं.