मंगलवार की शाम आज़मगढ़ ज़िले मुबारक़पुर क़स्बे में संशोधित नागरिकता क़ानून के विरोध में स्थानीय लोगों और छात्रों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई थी. इससे एक दिन पहले मऊ में विवादित क़ानून के ख़िलाफ़ हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया था.
आजमगढ़: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में बीते 16 दिसंबर की शाम हिंसा भड़कने के अगले दिन पड़ोस के आजमगढ़ जिले में भी लोगों ने प्रदर्शन और पथराव किया. जिले में इंटरनेट सेवाएं 48 घंटे के बंद कर दी गई हैं.
पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि मंगलवार की शाम मुबारकपुर कस्बे में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में स्थानीय लोगों और जामिया अशर्फिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रदर्शन किया. उन्हें रोकने पहुंची पुलिस पर पथराव भी हुआ. पुलिस ने हल्का बलप्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया.
पुलिस ने बताया कि इससे पहले सोमवार को भी शहर कोतवाली क्षेत्र में शिबली कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया गया था.
पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने बताया कि पूरे जिले में धारा 144 लागू है. मुबारकपुर और आजमगढ़ शहर स्थित शिबली कॉलेज के बाहर छात्रों और राजनीतिक दलों ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया. इन दोनों मामलों में मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर आजमगढ़ शहर में 20 और मुबारकपुर में 30 लोगों को चिह्नित किया गया है. मुबारकपुर में 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
इस बीच, जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों के मद्देनजर बुधवार दोपहर जिले में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी गयी हैं. जिले में अब हालात सामान्य हैं.
मालूम हो कि आजमगढ़ से सटे मऊ जिले के दक्षिण टोला में सीएए का विरोध कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर हाल में हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में सोमवार की शाम हिंसा भड़की थी. प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण टोला थाने में जमकर तोड़फोड़ करते हुए उसमें आग लगाने की भी कोशिश की थी.
यहां सोमवार की रात भड़की हिंसा के मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अगले आदेश तक मऊ ज़िले में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद हैं और धारा 144 भी लागू की गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)