गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दावा किया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल नागरिकता संशोधन कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ कुछ राज्यों में हो रहे प्रदर्शनों के लिए जिम्मेदार हैं.
अहमदाबाद: गुजरात की भाजपा सरकार निश्चित रूप से प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नया नागरिकता कानून लागू करेगी. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को यह बात कही.
मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि राज्य एनआरसी और सीएए दोनों को लागू करने के लिये बाध्य हैं और गुजरात निश्चित रूप से इन्हें लागू करेगा.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून के प्रावधान भारत के किसी नागरिक के लिए परेशानी पैदा नहीं करेंगे.’
अपने दावों के संबंध में कोई पुख्ता सबूत उपलब्ध कराए बिना उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ कुछ राज्यों में हो रहे प्रदर्शनों के लिए जिम्मेदार ठहराया.
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न के शिकार गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.
बता दें कि, गैर-एनडीए दल शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने से साफ इनकार कर दिया है. अब तक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के पिनारई विजयन, पंजाब के अमरिंदर सिंह, मध्य प्रदेश के कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और राजस्थान के अशोक गहलोत ने कहा कि वे अपने राज्यों में संशोधित कानून को लागू नहीं होने देंगे.
वहीं, महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा कि उनके राज्य में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)