उत्तर प्रदेश के संभल में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई गई. लखनऊ में एक टीवी चैनल के ओबी वैन में आग लगाई गई. मऊ शहर में भी हुआ पथराव. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई शिक्षकों ने मौन जुलूस निकाला.
लखनऊ/संभल: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हिंसा भड़क उठी. उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों को आग लगा दी जबकि संभल में दो सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया.
असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के मुताबिक 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावड़े की अनुमति नहीं है.
राजधानी लखनऊ के कई हिस्सों में तनाव व्याप्त है. विशेषकर पुराने लखनऊ के मुस्लिम बहुल इलाकों में तनाव है. हजरतगंज, हुसैनगंज, हसनगंज, हुसैनाबाद आदि क्षेत्रों में हिंसा की खबरें आई हैं.
#WATCH Lucknow: Police resort to lathi charge to disperse the protesters demonstrating against #CitizenshipAmendmentAct, in Hazratganj area. pic.twitter.com/8HyWjA4taq
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 19, 2019
हसनगंज क्षेत्र में पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़. यहां भीड़ ने पुलिस चौकी पर भी पथराव किया.
डीजीपी ने कहा, ‘पुलिस को राजधानी लखनऊ के मदेयगंज क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़. करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है.’
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को हिरासत में ले लिया गया है. वह नागरिकता कानून के खिलाफ परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे.
परिवर्तन चौक स्थित केडी सिंह बाबू स्टेडियम के मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए गए हैं क्योंकि पथराव कर रही भीड़ बड़ी संख्या में यहां जमा हो गयी थी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक लखनऊ के परिवर्तन चौक के आसपास प्रदर्शन के दौरान 20 मोटरसाइकिल, 10 कार, तीन बस और मीडिया के चार ओबी वैन में आग लगा दी गई.
#WATCH Lucknow: A media OB van set ablaze after protest against #CitizenshipAmendmentAct turned violent in Hazratganj. pic.twitter.com/RjfFtMNK4X
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 19, 2019
राजधानी के हुसैनाबाद में लखनऊ एसएसपी ने कहा कि हालात अब काबू में है. भीड़ हिंसक हो गई थी, लेकिन पुलिस ने धैर्य नहीं खोया. भीड़ को बलपूर्वक तितर-बितर किया गया. जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है. पुलिस बल को अब दूसरी जगहों पर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि पूरे जिले से 40 से 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि स्थितियां अब नियंत्रण में हैं. जिन इलाकों में हिंसक भीड़ द्वारा धारा 144 का उल्लंघन किया गया और पथराव हुआ वहां हमने हल्का बल प्रयोग किया. इसके अलावा उन लोगों को गिरफ्तार किया गया जो हिंसा में शामिल थे.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, ‘हमने मऊ, वाराणसी, अलीगढ़, इलाहाबाद और लखनऊ में लोगों को गिरफ्तार किया है. सीआरपीसी की धारा 149 के तहत तीन हजार से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजा गया है. हम सोशल मीडिया की निगरानी कर रहे हैं. कुछ लोगों को हमने गिरफ्तार किया है और कुछ लोगों को निगरानी पर रखा गया है.’
UP DGP OP Singh: We've made arrests in Mau,Varanasi, Aligarh,Prayagraj&Lucknow.Over 3000 ppl served notices 149 CrPc. We're monitoring on social media, we've made few arrests&kept few people under observation. I appeal to all to not spread fake news&rumours using social media https://t.co/CR4uFtsSMP pic.twitter.com/0RidENcx1C
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 19, 2019
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके फर्जी खबर और अफवाह न फैलाएं.’
सपा और कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
इधर, विपक्षी सपा एवं कांग्रेस विधायकों ने विधान भवन में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की.
सपा विधायक सुबह ही विधान भवन में एकत्र हो गए हालांकि इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. सपा विधायकों ने सीएए के खिलाफ नारेबाजी की. उसी समय कांग्रेस विधायकों ने भी प्रदर्शन किया.
सपा नेता चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट एकत्र हुए और वहां नारेबाजी की. कांग्रेस विधायक भी निकट की सीढ़ियों पर प्रदर्शन कर रहे थे.
सपा के एक विधायक विरोध प्रकट करने के लिए मुख्य द्वार पर ही चढ़ गए. कांग्रेस के कुछ विधायक सड़क पर आए, लेकिन पुलिस की अनुमति नहीं मिलने पर वे वापस विधान भवन परिसर में चले गए.
सदन में सपा विधायकों ने पुलिस की ज्यादती का मुद्दा उठाना चाहा. उनका कहना था कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार का हनन किया जा रहा है. इस मुद्दे पर सपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया.
सपा नेताओं ने मंगलवार को सीएए, कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति अपराध सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर विधानभवन के बाहर प्रदर्शन किया.
देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को कहा था कि किसी को भी प्रदेश भर में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं है.
मऊ शहर में भीड़ ने पथराव किया, जिसके बाद आरएएफ और पीएसी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. यहां भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई शिक्षकों ने मौन जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.
कानून का विरोध कर रहे छात्रों का रविवार को पुलिस से संघर्ष हुआ था, जिसमें 60 लोग घायल हो गये थे. प्रशासन ने विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक बंद कर दिया है.
प्रदर्शनकारियों ने संभल में दो बसों को नुकसान पहुंचाया, इंटरनेट सेवा बंद
राजधानी लखनऊ के अलावा उत्तर प्रदेश के संभल नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार की दो बसों को नुकसान पहुंचाया.
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि गुरुवार दोपहर चौधरी सराय इलाके में एक बस में आग लगा दी गई जबकि दूसरी बस में तोड़फोड़ की गई. अग्निशमन विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और आग पर काबू करने का प्रयास किया.
Sambhal District Magistrate: Internet services have been suspended till further orders, following violence during protest over #CitizenshipAmendmentAct today. https://t.co/f6JUtydRO5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 19, 2019
संभल के जिलाधिकारी अविनाश के सिंह ने कहा, ‘जिले में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. यहां भीड़ ने एक बस को आग लगा दी जबकि एक अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया.’
उन्होंने बताया, ‘एक थाने पर भी प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया. इंटरनेट सेवाएं एहतियात के तौर पर बंद की गयी हैं.’
मालूम हो कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, मऊ और आजमगढ़ शहरों में भी नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया था.
गुरुवार को नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था. इसके मद्देनजर पूरे उत्तर प्रदेश में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर लोगों के एक जगह जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने ट्वीट कर कहा था, ‘19 दिसंबर 2019 को पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू रहेगी और किसी भी सभा के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है. कृपया कोई भी व्यक्ति किसी भी सभा में भाग ना लें. माता-पिता से भी अनुरोध है कि वे अपने बच्चों की काउंसलिंग करें.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)