नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ पांचवें दिन भी प्रदर्शन जारी. हिंसा के बाद उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में फिर हुआ प्रदर्शन. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू.
नई दिल्ली: मध्य दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद के पास हजारों लोगों ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया. पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की भारी तैनाती के बीच हाथों में तख्तियां लिये प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी करके अपना विरोध दर्ज कराया और इस विवादित कानून को वापस लेने की मांग की.
हालांकि पुलिस ने आजाद को इसकी अनुमति नहीं दी थी.
मस्जिद में शुक्रवार की नमाज में शामिल होने के बाद बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए. हाथों में संविधान की एक प्रति लिए हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे.
हाथों में तिरंगा और बैनर पकड़े प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी की. बैनरों पर ‘संविधान बचाओ’ जैसे नारे लिखे थे.
लोग जामा मस्जिद के गेट नंबर एक पर जमा हुए और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए तथा ‘सारे जहां से अच्छा’ गीत गाया.
इन लोगों पर ड्रोन विमानों से नजर रखी गई.
कुछ प्रदर्शनकारी बीआर आंबेडकर, कांशीराम और भगत सिंह के पोस्टर लिए हुए थे.
Delhi: Police had tried to detain Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad, during protest at Jama Masjid against #CitizenshipAmendmentAct but he was taken out of the spot by his supporters. He was earlier denied permission for a protest march from Jama Masjid to Jantar Mantar. https://t.co/qQqz5h4ekm
— ANI (@ANI) December 20, 2019
दरियागंज में कार में लगाई आग
दिल्ली के दरियागंज इलाके में शुक्रवार को नये नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक कार को आग के हवाले कर दिया गया.
राष्ट्रीय राजधानी में दिनभर हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद आगजनी की यह पहली घटना है. पुलिस ने पुरानी दिल्ली से जंतर मंतर की ओर मार्च का प्रयास कर रहे प्रदर्शनकारियों के विशाल समूह पर पानी की बौछारें कीं और लाठीचार्ज भी किया.
पुलिस ने उन्हें दिल्ली गेट पर ही रोक दिया.
दिल्ली पुलिस ने क्षेत्र में किसी भी प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई अन्य क्षेत्रों में भी प्रदर्शन हुए जिनमें उत्तर-पूर्व दिल्ली का सीलमपुर भी शामिल था. सीलमपुर में ही मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर हिंसा की थी.
जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकाल रहे लोगों को दिल्ली गेट के पास रोक दिया गया. पुलिस ने क्षेत्र में मुख्य मार्गों से जुड़ी सभी सड़कों पर बेरिकेडिंग लगा दी थी. इससे यातायात जाम लग गया.
भीम आर्मी प्रमुख आजाद ने जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक विरोध मार्च का आह्वान किया था. स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए क्षेत्र में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को तैनात किया गया है.
राष्ट्रीय राजधानी के अन्य कई इलाकों में बृहस्पतिवार को भी व्यापक प्रदर्शन देखने को मिला था. हजारों छात्र, कार्यकर्ता और विपक्षी पार्टियों के नेता सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और निषेधाज्ञा के बावजूद सड़कों पर उतरे थे.
आंदोलन को काबू में करने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली के कई क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी.
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर हिरासत से भागे
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने के दौरान दरियागंज के निकट कथित रूप से हिरासत में ले लिया गया, हालांकि वह हिरासत से भाग गए.
बहरहाल, पूरे घटनाक्रम पर पुलिस ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है.
भीम आर्मी ने दावा किया कि पुलिस ने आजाद को जामा मस्जिद में हिरासत में लेने की कोशिश की लेकिन वह बचकर निकल गए, हालांकि बाद में उन्हें दरियागंज के निकट हिरासत में ले लिया गया, लेकिन वह वहां से भी बच निकलने में कामयाब रहे.
पुलिस द्वारा मार्च की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद भी भीम आर्मी के नेतृत्व में जामा मस्जिद से बड़ी संख्या में लोगों ने मार्च किया. इससे एक दिन पहले भी राष्ट्रीय राजधानी में छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित हजारों लोगों ने निषेधाज्ञा के बाद भी प्रदर्शन किया था.
जामा मस्जिद, जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर के अलावा सभी मेट्रो स्टेशन खुले
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शनों में भाग लेने जा रहे लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने के लिहाज से राजीव चौक सहित कुल 17 स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारा शुक्रवार को बंद कर दिए.
Security Update
Entry & exit gates at all stations, except Jama Masjid, Jaffrabad and Maujpur-Babarpur have been opened.
— Delhi Metro Rail Corporation I कृपया मास्क पहनें😷 (@OfficialDMRC) December 20, 2019
हालांकि बाद में डीएमआरसी ने जामा मस्जिद, जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर को छोड़कर सभी मेट्रो स्टेशन खोल दिए.
इससे पहले डीएमआरसी ने ट्वीट किया था, ‘कश्मीरी गेट, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस और राजीव चौक मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं. हालांकि इन स्टेशनों पर यात्रियों को ट्रेन बदलने की सुविधा उपलब्ध होगी.’
इसके अलावा, जनपथ, प्रगति मैदान और खान मार्केट के भी प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए थे.
पुरानी दिल्ली के कुछ इलाकों में जाम
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में शुक्रवार दोपहर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोगों ने जामा मस्जिद के पास प्रदर्शन किया, जिससे पुरानी दिल्ली के कुछ हिस्सों से होकर गुजर रहे यात्रियों को अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
नए कानून के विरोध में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर उतर आने के कारण जामा मस्जिद और लाल किले की ओर जाने वाले कई मार्गों में भीषण जाम नजर आया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नेताजी सुभाष मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया.
दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘प्रदर्शन के मद्देनजर पुराने लोहा पुल, पुश्ता रोड और सीलमपुर से यमुना विहार जाने वाले मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद है.’
विरोध मार्च भारी पुलिस तैनाती के बीच शुरू हुआ.
स्थानीय लोगों ने पुलिस को दिए गुलाब के फूल
जामा मस्जिद इलाके में रहने वाले लोगों ने शुक्रवार को पुलिस के साथ सहयोग और शांति का अपना संदेश व्यक्त करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गुलाब के फूल भेंट किए.
एक दिन पहले जंतर मंतर पर भी प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा कर्मियों को गुलाब के फूल दिए थे. उनका कहना था कि पुलिस जितनी मर्जी उन पर लाठी चार्ज कर सकती है लेकिन उनका संदेश है ‘नफरत के बदले प्यार’.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार स्थानीय लोगों ने कहा कि वे इलाके में शांति चाहते हैं और वे पुलिस के साथ सहयोग करेंगे.
उन्होंने पुलिस उपायुक्त (मध्य) मंदीप सिंह रंधावा और अतिरिक्त डीसीपी को गुलाब के फूल दिए. रंधावा ने पत्रकारों से कहा, ‘जामा मस्जिद में लोग हमारे साथ हैं और शांति चाहते हैं. हमलोग भी यही सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं.’
जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर पांचवें दिन प्रदर्शन जारी
इंटरनेट पर पाबंदी, आवाजाही में बाधा और कड़ाके की ठंड के बावजूद जामिया मिलिया इस्मामिया के बाहर सड़क पर सैकड़ों लोग जमा हुए और संशोधित नागरिकता कानून तथा प्रस्तावित देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
इस विश्वविद्यालय में बाहर बीते 15 दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई में 50 से अधिक छात्रों के घायल होने के बाद विरोध प्रदर्शन का यह पांचवां दिन है.
प्रदर्शकारियों में विश्वविद्यालय के छात्र, स्थानीय लोग तथा बच्चे शामिल हैं. उन्होंने पोस्टर, बैनर और तिरंगा लेकर छोटे छोटे जूलूस निकाले.
इस दौरान आयोजकों ने प्रदर्शनकारियों को किसी के भी प्रति कोई नकारात्मक नारा नहीं लगाने के लिए आगाह किया. उनमें से कुछ लोगों ने सड़क के दोनों तरफ मानव श्रृंखला बनाई, ताकि यातायात प्रभावित न हो.
कुछ प्रदर्शनकारियों ने सफेद टोपी पहनी थी, जिस पर लिखा था- ‘नो सीएए, नो एनआरसी.’
जामिया मिलिया इस्लामिया की दीवारों पर चिपकाए गए पोस्टरों में सीएए और एनआरसी का विरोध किया गया है और धर्मनिरपेक्षता तथा राष्ट्रीय एकता की अपील की गई है.
इलाके के लोग प्रदर्शनकारियों को पर्चे देकर हिंसा न करने की अपील कर रहे थे. हालांकि इस दौरान प्रदर्शनकारियों में दिल्ली पुलिस को लेकर गुस्सा था. उस इलाके से पुलिस की एक गाड़ी गुजरने पर नारेबाजी में तेजी देखने को मिली.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में फिर से प्रदर्शन शुरू हुआ
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में शुक्रवार दोपहर संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में फिर से प्रदर्शन हुए. इसी सप्ताह सीलमपुर में इस कानून के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में हिंसा हुई थी.
वेलकम इलाके में एक मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया और नारे लगाते हुए जाफराबाद से सीलमपुर तक मार्च निकालना शुरू किया.
पुलिस ने सीलमपुर में निषेधाज्ञा लागू किया है जिसमें चार से अधिक लोगों के जमा होने पर पाबंदी है.
इससे पहले दिन में पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने सीलमपुर और सुंदर नगरी में फ्लैग मार्च निकाला.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के 12 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने जिले में कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया.
प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सीलमपुर में जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है.
बीते 17 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यहां व्यापक पैमाने पर हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं. सीलमपुर और जाफराबाद में हुई 17 दिसंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इस सिलसिले में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दंगा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के दो मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा एक तीसरी एफआईआर ब्रजपुरी इलाके में पथराव करने के संबंध में दर्ज की गई है.
मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के पारित होने के बाद से ही दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. बीते गुरुवार को भी इसी तरह का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुआ.
इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई और इन प्रदर्शनों ने तीन लोगों की मौत हो गई. इनमें से दो की तटीय कर्नाटक के मैंगलोर में जबकि एक की उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मौत हुई.
इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. नागरिकता संशोधन कानून में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.
इस प्रकार भेदभावपूर्ण होने के कारण इसकी आलोचना की जा रही है और इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बदलने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. अभी तक किसी को उनके धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता देने से मना नहीं किया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)