भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने इस महीने अमेरिकी संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया था. इसमें उन्होंने भारत से जम्मू कश्मीर में संचार पर लगी सभी पाबंदियां जल्द से जल्द हटाने और सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का अनुरोध किया है.
वाशिंगटन: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से मिलने से इनकार कर दिया है. जयपाल ने अमेरिकी संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव लाकर भारत से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया था.
जयशंकर ने गुरुवार को भारतीय पत्रकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि इस महीने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कश्मीर पर लाया गया प्रस्ताव जम्मू कश्मीर में हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता है. भारत और अमेरिका के बीच दूसरे टू प्लस टू संवाद से जुड़ी जयशंकर की वाशिंगटन डीसी की यात्रा संपन्न हो गई.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं उस प्रस्ताव से अवगत हूं. मुझे लगता है कि इसमें जम्मू कश्मीर के हालात को ठीक से समझा नहीं गया. भारत सरकार जो कर रही है उसका निष्पक्ष चित्रण भी नहीं किया गया है. और मुझे (जयपाल से) मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है.’
उन्होंने कहा कि उनकी ऐसे लोगों से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जिन्होंने अपना मन पहले ही बना लिया है और जो वस्तुस्थिति से अवगत नहीं हैं. जयशंकर ने कहा, ‘मैं उन लोगों से मिलना चाहता हूं जो निष्पक्ष हैं और चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन उन लोगों से नहीं जो पहले ही अपना मन बना चुके हैं.’
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहुंचने वाली 54 वर्षीय पहली भारतीय-अमेरिकी महिला जयपाल ने इस महीने की शुरुआत में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया था. वह इस विषय पर अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की सोच को नजरअंदाज करते हुए प्रस्ताव पेश करने की अपनी पूर्व घोषित योजना पर आगे बढ़ीं. यह प्रस्ताव अभी लंबित है.
इसमें उन्होंने भारत से कहा है कि जम्मू कश्मीर में संचार पर लगी सभी पाबंदियां जल्द से जल्द हटाई जाएं जो पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के बाद जम्मू कश्मीर में लगाई गई थीं. इसके अलावा सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का अनुरोध भी किया गया है.
भारत ने कश्मीर में पाबंदियां लगाने का यह कहते हुए बचाव किया है कि ऐसा पाकिस्तान को आतंकियों और अन्य उपद्रवियों की मदद से यहां और गड़बड़ी फैलाने से रोकने के लिए किया गया है.
इससे पहले वाशिंगटन पोस्ट में आई एक खबर में कहा गया था कि जयशंकर ने इस हफ्ते कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अपनी मुलाकात एकाएक ही रद्द कर दी क्योंकि अमेरिकी सांसदों ने जयपाल को बैठक में शामिल नहीं करने की उनकी मांग खारिज कर दी थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जयशंकर प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों के अध्यक्ष एलियट एल एंजेल, समिति के शीर्ष रिपब्लिकन सदस्य माइकल मैककौल और अन्य अमेरिकी सांसदों से मिलने वाले थे, जिनमें जयपाल भी शामिल थीं.
The cancellation of this meeting was deeply disturbing.
It only furthers the idea that the Indian government isn’t willing to listen to any dissent at all. https://t.co/EMeqIr05VJ
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) December 19, 2019
वाशिंगटन पोस्ट ने जयपाल के हवाले से कहा, ‘यह इस विचार को और भी मजबूत करता है कि भारत सरकार असहमति की किसी आवाज को बिलकुल नहीं सुनना चाहती.’ जयपाल ने कहा कि कश्मीर पर अपने प्रस्ताव को वह इस हफ्ते ही आगे बढ़ाना चाहती थीं लेकिन उनसे जयशंकर से मुलाकात तक रुकने को कहा गया था. लेकिन अब जनवरी में वह इसके लिए नए सिरे से दबाव बनाएंगी.
रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘मेरे समर्थकों को मानवाधिकार हालात, बिना आरोप हजारों लोगों को हिरासत में लेने और संचार ठप होने से दैनिक दिनचर्या में आने वाली मुश्किलों की चिंता है.’
कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि यह बैठक इसलिए रद्द हुई क्योंकि विदेशी मामलों की समिति बैठक के बुनियादी नियमों को लगातार बदलती रही और सूची में नित नए सदस्यों को शामिल करती रही. उन्होंने बताया कि बैठक से पहले सूची में जयपाल समेत कई अन्य सांसदों को शामिल किया गया, जिन्हें भारत का आलोचक माना जाता है और जो कश्मीर पर प्रस्ताव के प्रायोजक हैं.
No foreign government should dictate who is or isn't allowed into meetings on Capitol Hill. I stand with @RepJayapal and applaud @RepEliotEngel and others for doing the same. The partnership between the U.S. and India must be grounded in open, honest conversation between friends. https://t.co/lXOoTLvVal
— Rep. Jim McGovern (@RepMcGovern) December 20, 2019
जयपाल के समर्थन में आते हुए डेमोक्रेट सांसद जिम मैकगवर्न ने कहा, ‘कैपिटल हिल की बैठक में कौन शामिल होगा और कौन नहीं, यह किसी विदेशी सरकार को तय करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. मैं सांसद जयपाल के साथ खड़ा हूं और ऐसा करने के लिए एलियट एंजेल सहित अन्य सांसदों की सराहना करता हूं. अमेरिका और भारत के बीच की साझेदारी को दोस्तों के बीच खुली, ईमानदार बातचीत के आधार पर तय किया जाना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)