तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में नागरिकता क़ानून के विरोध में भारी सुरक्षा के बीच डीएमके ने रैली का आयोजन किया. पार्टी प्रमुख ने सवाल उठाया कि नागरिकता संशोधन क़ानून के तहत मुसलमानों को शरणार्थी और श्रीलंका को पड़ोसी देश का दर्जा क्यों नहीं दिया गया है.
चेन्नईः नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में सोमवार को डीएमके और उनकी सहयोगी पार्टियां चेन्नई में रैली का आयोजन कर रही हैं.
डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन रैली का नेतृत्व कर रहे हैं. रैली में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, राज्यसभा सांसद और एमडीएमके प्रमुख वाइको के अलावा वीसीके नेता थोल थिरुमावलवन, सीपीआई (एम) की तमिलनाडु इकाई के सचिव के. बालाकृष्णन, डीएमके युवा इकाई के नेता उदयनिधि स्टालिन और टीएमएमके नेता एमएच जवाहिरुल्लाह शामिल हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान एक के स्टालिन ने कहा, ‘रैली को सफल बनाने के लिए मैं आपके आगे शीश नवाता हूं. केंद्र द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने तक हमें रुकना नहीं चाहिए. गठबंधन सहयोगियों के साथ बातचीत के बाद मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन की घोषणा की जाएगी.’
स्टालिन ने सवाल उठाया कि नागरिकता संशोधन क़ानून के तहत मुसलमानों को शरणार्थी और श्रीलंका को पड़ोसी देश का दर्जा क्यों नहीं दिया गया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस की मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद भी रैली का आयोजन किया जा रहा है.
पुलिस ने रैली के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया था कि डीएमके यदि अनुमति नहीं मिलने के बावजूद सीएए के खिलाफ रैली करता है तो उसका वीडियो बनाया जाए.
Chennai: DMK president #MKStalin leads massive protest march against Citizenship (Amendment) Act.#DMKRally #DMKagainstCAA
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— TOIChennai (@TOIChennai) December 23, 2019
चेन्नई के एगमोर स्थित सीएमडीए कार्यालय से शुरू हुई रैली राजारथिनम स्टेडियम में खत्म हुई. इसे रैली में हजारों लोगों ने भाग लिया. स्टालिन, कांग्रेस नेता चिदंबरम, एमडीएमके प्रमुख वाइको और वामदलों की राज्य इकाई के नेताओं ने एगमोर से राजरथिनम स्टेडियम तक दो किलोमीटर की दूरी मार्च करके तय की.
मार्च के दौरान स्टालिन, चिदंबरम और अन्य नेताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं.
डीएमके सांसद के कनिमोझी ने कहा, ‘नागरिकता कानून और एनआरसी संविधान के खिलाफ है. ये अल्पसंख्यकों विशेष रूप से मुस्लिमों के खिलाफ है.’
पुलिस ने बताया कि रैली के लिए चेन्नई में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
मद्रास हाईकोर्ट के निर्देशानुसार, 100 से अधिक कैमरों के जरिये इस रैली की वीडियोग्राफी की गई.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने रैली पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे, दंगा रोधी वाहनों और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को मुस्तैद किया है.
वर्दी पहने पुलिसकर्मी हेलमेट पहने पुलिसकर्मी, लाठियों और दंगा रोधी उपकरणों के साथ रैली के आगे चल रहे हैं.
रैली के लिए 120 से अधिक सर्विलांस कैमरे लगाए गए हैं और दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर के साथ 12 आईपीएस अधिकारियों को भी तैनात किया गया है.
मालूम हो कि चेन्नई पुलिस ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने का हवाला देकर इस रैली को मंजूरी नहीं दी थी. रविवार को मद्रास हाईकोर्ट ने इस रैली की वीडियोग्राफी कराने की मंजूरी दी थी.