विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शन में अब तक देशभर में 25 लोगों की मौत हो चुकी है. 18 लोगों की मौत अकेले उत्तर प्रदेश में हुई है, जिसमें एक आठ साल का बच्चा शामिल है. वहीं, असम में पांच लोगों की मौत हुई है जबकि मेंगलुरु में दो लोगों की मौत हुई है.
नई दिल्ली: विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में अब तक देशभर में 25 लोगों की मौत हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 18 लोगों की मौत अकेले उत्तर प्रदेश में हुई है जिसमें एक आठ साल का बच्चा शामिल है. वहीं, असम में पांच लोगों की मौत हुई है जबकि मेंगलुरु में दो लोगों की मौत हुई है.
असम:
सैम स्टैफर्ड
12 दिसंबर को फाल्गुनी राभा हाईस्कूल के 17 वर्षीय छात्र सैन स्टेफर्ड की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी.
स्टेफर्ड के एक रिश्तेदार पंकज हजारिका ने कहा, स्टेफर्ड, उनके रिश्तेदार और दोस्त लतासिल फील्ड गए थे, जहां पर कर्फ्यू के बावजूद ऑल असम स्टूडेंट यूनियन ने विरोध प्रदर्शन बुलाया था. वे अपने पसंदीदा संगीतकार और आदर्श जुबीन गर्ग को देखने गए थे और वहां वे केवल नारे लगा रहे थे. इसी दौरान स्ट्रीट लाइट्स बंद कर दी गई और पुलिस ने गोलीबारी शुरू कर दी गई.
अपने घर के बाहर गोलीबारी होने का दावा करते हुए हजारिका ने दावा किया कि सुरक्षाबलों ने आंसू गैस या रबर बुलेट का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने कोई चेतावनी भी नहीं दी.
एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, सरकार ने उसकी मौत पर दुख भी नहीं जताया. हम अभी भी इंतजार कर रहे हैं. शटल बस चलाने वाले सैम के पिता बीजू और उनकी मां ममोनी सदमे में हैं.
दीपांजल दास
12 दिसंबर को राजगढ़ रोड स्थित सैनिक भवन की कैंटीन में काम करने वाले एक 19 वर्षीय अस्थायी कर्मचारी दीपांजल दास की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी. कामरूप (ग्रामीण) जिले के चायगांव के निवासी दास भी लतासिल के ही विरोध प्रदर्शन में गए थे.
विरोध प्रदर्शन से वापस लौटने के दौरान वे लचित नाहर में हो रहे एक प्रदर्शन में शामिल हो गए, जहां प्रदर्शन के हिंसक होने पर पुलिस ने गोली चला दी. उनके पेट में गोली लगी जिसके बाद उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.
दीपांजल के दोस्त सचिन दास ने कहा कि वह आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आता था और सैनिक भवन में वेटर के रूप में काम करता था.
ईश्वर नायक
14 दिसंबर को पुलिस गोलीबारी में असम में 25 वर्षीय ईश्वर नायक की मौत हो गई थी. हजारों अन्य प्रदर्शनकारियों की तरह वे भी लतासिल से लौट रहे थे.
शाम 6 बजे के आसपास वे अपने रूममेट बोरो के साथ अपने किराए के कमरे के पास थे. दोनों एफबीबी के स्टोर में काम करते थे. बोरो ने कहा, हम कुछ सब्जी खरीदना चाहते थे और एटीएम भी जाना चाहते थे.
नायक ने अचानक डाउनटाउन अस्पताल के सामने एक विरोध प्रदर्शन होते देखा. उनके पीछे पुलिस आई. उसने मुझसे कहा कि उसके सीने में गोली लगी है लेकिन पहले तो मुझे यकीन नहीं हुआ क्योंकि वह एक मजाकिया इंसान था लेकिन फिर मैंने खून देखा. गुवाहाटी मेडिकल अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
अब्दुल आलिम
15 दिसंबर को असम में पुलिस गोलीबारी में 23 वर्षीय अब्दुल आलिम की मौत हो गई. असम के बारपेटा जिले के रहने वाले आलिम की मौत गुवाहाटी मेडिकल अस्पताल में हो गई. बंगाल मूल का मुस्लिम आलिम कुछ दिन के लिए गुवाहाटी आया था.
आलिम के चाचा मुजफ्फर अली ने कहा कि उसने कुछ साल पहले बारहवीं पास की थी. दो महीने पहले उसकी शादी हुई थी. मैं सोच भी नहीं सकता कि उसकी पत्नी पर क्या गुजर रही होगी.
एक दुकान चलाने वाले आलिम के दोस्त रमजान अली ने कहा, गुरुवार को लतासिल में भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटने के बावजूद प्रदर्शनकारी लोखरा इलाके में इकट्ठे हुए. वहां उन्होंने टायर जलाकर नारे लगाए. पुलिस के पहुंचने के बाद दोनों पक्षों में संघर्ष हुआ.
अजिजुल हक
टैंकर चालक अजिजुल हक एक पेट्रोल पंप पर काम करते थे. गोलाघाट जिले में जब वे अपना टैंकर लेकर जा रहे थे, तब दो तिपहिया वाहनों में आए छह लोगों ने पेट्रोल बम फेंक दिया.
इस हादसे में अजिजुल बुरी तरह घायल हो गए और गुवाहाटी के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.
कर्नाटक:
जलील कुदरोली
मछली बाजार में काम करने वाले एक 49 वर्षीय जलील कुदरोली की मौत 19 दिसंबर को आंख में गोली लगने से हुई जिसकी पुष्टि हाईलैंड हॉस्पिटल ने की है.
जलील के दोस्तों और रिश्तेदारों के अनुसार, वे अपने बच्चों 14 वर्षीय शिफानी और 10 वर्षीय सबील के घर लौटने का इंतजार कर रहे और प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे. हालांकि, पुलिस का दावा है कि जलील हिंसक प्रदर्शन का हिस्सा थे.
नौशीन बेंगर
वेल्डिंग का काम करने वाले नौशीन बेंगर की मौत भी 19 दिसंबर के प्रदर्शन के दौरान हुई थी. नौशीन के घर में उनके माता-पिता के साथ दो भाई नौफल और नौशाद हैं. पुलिस का दावा है कि नौशीन हिंसक प्रदर्शन का हिस्सा थे.
उत्तर प्रदेश:
मोहम्मद वकील
19 दिसंबर को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान दौलतगंज निवासी ऑटो चालक 33 वर्षीय मोहम्मद वकील की पुलिस की गोली से मौत हो गई थी.
पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के अनुसार, .32 बोर के असलहा से मोहम्मद वकील को सटाकर गोली मारी गई थी. गोली उसकी कमर के ऊपर दाहिनी ओर किडनी के पास से होते हुए रीढ़ की हड्डी में फंस गई थी.
वकील के भाई तौफीक का कहना है कि उनके भाई को भीड़ को दौड़ाते वक्त पुलिस ने गोली मारी. परिजनों ने बताया कि उस वक्त मोहम्मद वकील काम खत्म करके घर लौट रहा था.
मोहम्मद राशिद
फिरोजाबाद में थाना रामगढ़ के 24 वर्षीय मोहम्मद राशिद पुत्र कल्लू का शव शाम सात बजे नेमी ग्लास तकिया के पास मिला था. कल्लू ने बताया कि राशिद शुक्रवार सुबह कारखाने में काम करने की बात कहकर घर से निकला था.
शाम सात बजे परिजनों को सूचना मिली कि राशिद का शव नेमी ग्लास के पास पड़ा हुआ है. कल्लू का कहना है कि राशिद के सिर से खून बह रहा था और सिर में पीछे की ओर चोट थी. लोगों ने उसे बताया कि बवाल के दौरान हाईवे पर भगदड़ मची थी और इसी दौरान राशिद की मौत हो गई.
फिरोजाबाद के एसपी सचिंद्रा पटेल ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पुष्टि हो गई कि राशिद की गोली लगने से घायल होने के बाद हुई.
नबी जहां
फिरोजाबाद में ही 24 वर्षीय नबी जहां की मौत भी नालबंद इलाके में प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से हुई.
मोहम्मद सागीर
वाराणसी में 20 दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज के बाद मची भगदड़ में दबने से आठ साल के मोहम्मद सागीर की मौत हो गई. उसके पिता मोहम्मद वकील ने कहा कि सागीर वह अपने दोस्तों के साथ बजरडीह में खेल रहा था.
इसी दौरान पुलिस की लाठीचार्ज से खुद को बचाने के लिए एक भीड़ आई. उसे बचाने की कोशिश करने वाला 15 वर्षीय मोहम्मद तनवीर बीएचयू में आईसीयू में भर्ती है. वकील का कहना है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस की लाठीचार्ज के कारण मेरे बेटे की मौत हुई.
फैज खान
रामपुर में 24 वर्षीय फैज के भाई फराज खान ने कहा, ‘उसके पेट में गोली लगी थी. वहां दर्जनभर से अधिक प्रत्यक्षदर्शी थे और पुलिस जानती है कि सामने से कौन गोली मार सकता है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद हम जान जाएंगे कि क्या उसकी पुलिस की फायरिंग में मौत हुई या नहीं.’
रामपुर के जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने ऑटोप्सी रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि की मौत गोली लगने से हुई.
मेरठ
एडिशनल एसपी अखिलेश नारायण सिंह ने कहा कि 20 दिसंबर को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान गोली लगने से 33 वर्षीय जहीर, 28 वर्षीय मोहसिन, 20 वर्षीय आसिफ और 20 वर्षीय आरिफ की मौत हुई.
बिजनौर
एसपी संजीव त्यागी ने कहा कि वहां नाहतौर इलाके में झड़प के दौरान गोली लगने से 21 वर्षीय अनस और 35 वर्षीय सुलेमान की मौत हुई.
कानपुर
सर्किल ऑफिसर मनोज कुमार गुप्ता ने पुष्टि की कि गोली लगने से 22 वर्षीय आफताब आलम और 25 वर्षीय मोहम्मद सैफ की मौत हुई. आफताब के संबंधी मोहम्मद रिजवान का कहना है, ‘आफताब ने बताया था कि पुलिस ने उसे गोली मारी.’
सैफ के भाई मोहम्मद जकी ने कहा, ‘प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मेरे भाई को पुलिस ने गोली मारी.’